बहू आते ही सास की जिम्मेदारी बढ़ जाती है। – अर्चना खंडेलवाल : Moral Stories in Hindi

अरे!! घर में इतनी शांति कैसे हैं? मुझे तो लग रहा है कि तुम दोनों सास-बहू में आज कुछ तो हुआ है, दमयंती काकी जानबूझकर मन को कुरेदते  हुए बोली तो सावित्री जी सब समझ गई और वो ज्यादा बात को तूल नहीं देना चाहती थी। सब कुछ भुलाकर उन्होंने अपनी बहू राखी को आवाज … Read more

वर्तुल धारा – कंचन सिंह चौहान : Moral Stories in Hindi

मैंने अपनी कार स्कूल के बाहर उस जगह लगा दी जहाँ हमेशा लगाती हूँ; जब-जब उसे देखने आती हूँ।   स्कूल की छुट्टी में एक जैसी पोशाक पहने बच्चों का ऐसा हुजूम निकल रहा था कि पहचानना मुश्किल… सब एक दूसरे को धक्का देते हुए आगे बढ़ते जा रहे हैं। जिसे धक्का लगता है, वह बच्चा … Read more

खुशियों का दीप – रंजीता पाण्डेय : Moral Stories in Hindi

भगवान का दिया मेरे पास सब कुछ था | गाड़ी ,घर, बंगला ,एक बहुत प्यार करने वाला पति | सब कुछ बहुत अच्छा चल रहा था | धीरे धीरे महसूस हुआ की हमारी शादी को पांच साल हो गए | हमारे अब तक बच्चे नही थे | जहा कही भी बच्चो को देखती ना चाहते … Read more

एक उसके बिन क्यों है सूनी तेरी दीवाली….. – रश्मि प्रकाश : Moral Stories in Hindi

“ माँ आओ ना देखो कितनी अच्छी रंगोली बनाई है… ।” बीस साल की अवन्ति माँ  सरला जी का हाथ पकड़ कर खींचते हुए ले जाने लगी   सुलोचना बेमन से बेटी के साथ रंगोली देखने गई और बिना चेहरे पर कोई भाव लाए बोली,“ अच्छी है।” “ क्या माँ इतनी देर से मेहनत कर रही … Read more

खून के आँसू – संगीता अग्रवाल : Moral Stories in Hindi

” मैं शादी करूंगी तो बस विपुल से वरना नही !” अंकिता दृढ शब्दों मे बोली। ” बेटा वो तेरे लिए तो क्या किसी भी लड़की के लिए सही इंसान नही है इस बात को समझ तू। हम तेरी भलाई चाहते है इसलिए इस रिश्ते को मना कर रहे है !” अंकिता की माँ रीना … Read more

दूसरों में नहीं खुद में खुशियाँ ढूढ़ें… – संगीता त्रिपाठी : Moral Stories in Hindi

पार्क में घूमते रजनी की निगाहें बेंच पर बैठी अपने में गुम महिला पर पड़ी…,कानों से इयरफोन हटा कर उसने गौर से देखा चेहरा कुछ पहचाना सा लगा, दिमाग पर जोर डाला,पर कुछ याद नहीं आया…., रजनी अपना वाक पूरा कर उस महिला के बारे में सोचते घर की ओर चली गई….। घर में भी … Read more

सिर्फ ये कोना ही नहीं पूरा घर तुम्हारी माँ का ऋणी है – सुमिता शर्मा : Moral Stories in Hindi

“क्या बताऊँ मम्मी, आजकल तो बासी कढ़ी में भी उबाल आया हुआ है| जबसे पापा जी रिटायर हुए हैं दोनों लोग फिल्मी हीरो हीरोइन की तरह दिन भर अपने बगीचे में ही झूले पर विराजमान रहते हैं| न अपने बालों की सफेदी का लिहाज है न बहू बेटे का, इस उम्र में दोनों मेरी और … Read more

सबक – शिखा जैन : Moral Stories in Hindi

short story in hindi

“मम्मी, यह कैसा सूट दिया है प्रीति भाभी ने। हरे रंग का!.. हरा रंग भी कोई पहनता है क्या.. और रोहन को जो शर्ट दी थी उसका तो न कपड़ा बढ़िया है न प्रिंट। कितनी बार कहा है भाई को.. कि रोहन सिर्फ ब्रांडेड कपड़े पहनते हैं। मेरी देवरानी के भाई ने उसे कितना सारा … Read more

पगली – पूनम शर्मा : Moral Stories in Hindi

सुधा सुबह के भागमभाग भरी दिनचर्या के बाद पति को विदा करने के लिए बालकनी में जा खड़ी हुई। पति ने गराज से मोटरसाइकिल निकालते हुए ऊपर की ओर प्रणय प्रस्ताव की उम्मीद से देखते हैं और सुधा कुसुमित पुष्प की प्यार भरी मुस्कान के साथ हाथ हिलाते हुए, विदा करती है। पति  सुकुन भरे … Read more

धड़कन – अंजु गुप्ता ‘अक्षरा’ : Moral Stories in Hindi

सात बजे का अलार्म के बजते ही नित्या रोज़ की तरह रसोई के काम निपटाने लग गयी। वह कॉलेज में प्रोफेसर थी और दिन में उसे सिर्फ दो या तीन लेक्चर ही लेने होते थे ।आज उसका लेक्चर ग्यारह बजे था, सो आज आराम से घर के बाकि काम भी निपटा सकती थी । रोज … Read more

error: Content is Copyright protected !!