नन्ही रोशनी – विजया डालमिया
यूँ तो सुबह रोज होती है, पर वह सुबह मेरी जिंदगी की सबसे ज्यादा प्यारी और अनमोल सुबह बन गई। मैं बालकनी में बैठा चाय के साथ अखबार का मजा ले रहा था। तभी किसी की आवाज कानों में पड़ी….. मम्मी लगी तो नहीं आपको? उठो ना। मैंने देखा 8 से 9 साल की एक … Read more