कन्यापूजन – पिंकी नारंग

   कल अष्टमी है कोमल सारी तैयारी हो गयी तुम्हारी? मार्किट जा रहा हु कुछ रह गया हो तो बता दो।अमित ने गाड़ी की चाबी लेते हुए कोमल से पूछा। हाँ सब हो गया।कोमल ने संक्षिप्त सा उत्तर देते हुए कहा। कन्या पूजन का क्या करोगी?मुझे नही लगता मिसेज़ ऑबराय अपनी बेटियों को भेजेंगी। कोमल ने … Read more

बड़े घराने की बहू – डाॅ संजु झा

हमारे पड़ोस में एक पांडेय परिवार रहते थे,उनसे हमारा आत्मीय सम्बन्ध था।उनकी पत्नी श्वेता हमारी दोस्त थी।पांडेय  परिवार  जितने ही संपन्न थे,उतने ही सभ्य भी।उनके दो बेटे थे-सुमित और सुन्दर। सुमित  देखने में साधारण  था,परन्तु पढ़ने में उतनी ही कुशाग्र बुद्धि का।उसे शिक्षा का महत्त्व पता था,इस कारण वह अपना ध्यान  पूरी तरह पढ़ाई-लिखाई में … Read more

पराया, जो अपना सा लगे। – पुष्पा पाण्डेय

माँ नहीं तो सारा रिश्ता पराया सा लगता है। यदि पिता दूसरी शादी कर ले तो भरे पूरे परिवार में भी शख्स अकेला ही पड़ जाता है।  मेरी माँ सात साल की उम्र में परिवार के हवाले कर चल बसी। चाचा- चाची, दादा-दादी,बुआ सभी थे,पर नहीं थी तो एक माँ। सहानुभूति तो मिलती थी पर … Read more

 माँ तुम मेरे बच्चों से दूर ही रहो  – प्रियंका सक्सेना

“पिंकी बेटा, सोने का समय हो गया है। दूध पीकर सीधे अपने रूम में जाना, सुबह स्कूल है।” रीना ने किचन में दूध छानते हुए अपनी छह वर्षीय बेटी से कहा| “आई मम्मा।” पिंकी कूदती फांदती आई और दूध पीकर दादी के रूम में चली गई। अंदर से पिंकी और उसकी दादी दमयंती जी के … Read more

भ्रम – विनय कुमार मिश्रा

“तुम अब हर पैकेट पर चार रुपये बढ़ा कर लिया करो दुकानदारों से” पत्नी और मैं दोनों मिलकर पापड़ बनाते और बहुत छोटे स्तर पर बेचते हैं। धंधा ज्यादा पुराना नहीं है। पर कुछ एक मोहल्ले में बिक्री बढ़ गई है। हम चालीस रुपये का पैकेट दुकानदार को देते हैं वे पचास में बेच देते … Read more

अघोरी  – वंदना पांडे

मेरे कस्बे के बाहर अभी कुछ दिनों से एक अघोरी धूनी रमा रहा था..। वेशभूषा वही….सर पर जटाएँ… नेत्र जैसे दो सुर्ख अंगारे चेहरे पर जड़े हों….पूरे शरीर में राख का लेप, हाथ में एक डंडा और गले में लटकी हुयी इंसान की खोपड़ी…. लोग कहते हैं श्मशान में धूनी रमाता है…। जिन्न को सिद्ध … Read more

  बुजर्गों को भी हक है अपने फैसले लेने का – संगीता अग्रवाल 

” बेचारी शांति भरी जवानी में विधवा हो गई वो तो शुक्र है बेटे है उसके सहारे जी लेगी वरना क्या करती ये!” शांति के पति मानव की सर्पदंश से मौत के बाद गांव की औरतें आपस में बात कर रही थी। ” और नहीं तो क्या कुछ सालों में लड़का बड़ा हो जाएगा और … Read more

पराये रिश्ते अपना सा लगे – नेहा गुप्ता

रिद्धि की नई-नई शादी सभी सुख सुविधाओं से संपन्न गुप्ता परिवार में हुई।छोटी बहू के रूप में उसने घर में गृह प्रवेश किवया। वह एक पढ़ी-लिखी,सभी कामों में दक्ष,व्यवहार कुशल,समझदार लड़की थी।वह नये माहौल में सब के साथ सामंजस्य बनाने में लगी हुई थी।  अपने व्यवहार से उसने सभी का दिल जीत लिया।सासू मां तो … Read more

जिम्मेदारी – कमलेश राणा

बीनू.. ओ बीनू.. सुन कल की छुट्टी ले लेना स्कूल से..  क्यूँ मां.. कल क्या है..  कल लड़के वाले आ रहे हैं तुम्हें देखने.. कौन.. वो.. जो क्लर्क है एजी ऑफिस में..  मना ही कर दो उससे तो आप.. उससे ज्यादा सैलरी तो मेरी ही होगी.. कम से कम मुझसे ज्यादा कमाने वाला तो हो..  … Read more

मज़हबों से ऊपर प्यारा सा रिश्ता – गुरविंदर टूटेजा

   आ जाओ सकीना…ध्यान से आना…!!  फरहान ! वैसे कौन से फ्लोर पर है फ्लैट..?? पाँचवें फ्लोर पर है…लिफ्ट है दिक्कत नहीं आयेगी…!!!!      अरे वाह..कितना अच्छा जमा दिया है…!!   हाँ मुझे पता था ना..तुम्हारा सातवाँ महीना चल रहा है..ऐसे में तुम्हें बहुत ध्यान रखनें की जरूरत है…. अच्छा तुम खाना खा लो और आराम कर … Read more

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