ससुर भी पिता होते है…. – पूनम भारद्वाज : Moral Stories in Hindi

चुलबुली सी गुड़िया जैसी बहू स्नेहा सास ससुर की जान थी। शादी को बामुश्किल 6 महीने ही हुए होंगे कि एक सुबह फोन आया कि उसके पापा को हार्ट अटैक आ गया और वो सीरियस है।  सास ससुर और अपने पति करण के साथ वह मायके पहुंची ।तब तक डॉक्टर्स ने जवाब दे दिया और … Read more

कच्चा चिट्ठा खोलना – खुशी : Moral Stories in Hindi

निम्मी और विम्मी दोनो देवरानी और जेठानी थे।निम्मी हर काम में निपुण जबकि विम्मी बड़बोली थी पर उसे कुछ आता जाता नहीं था।हर समय वो ये ही सोचती की कैसे निम्मी का काम बिग।ड़े।एक बार उनकी ननद का बेटा संजय जो १५ साल का था उनके घर रहने आया। निम्मी उसका बड़ा ध्यान रखती और … Read more

ऋणी हूं मैं – डॉक्टर संगीता अग्रवाल : Moral Stories in Hindi

ओह!इतना अंधेरा क्यों है आज घर में?वरुण ने कमरे की लाइट जलाते हुए कहा,देखा! चांदनी गुस्से में फूली अपने बिस्तर पर लेटी थी,उसकी घनी केश राशि उसके चेहरे को आधा ढके थी। क्या हुआ डियर?ये पूनम का चांद आज क्यों घटाओं में घिरा उदास है?उसने प्यार से चांदनी के चेहरे से उसके बाल हटाते कहा,जरा … Read more

संयुक्त परिवार – अमित रत्ता : Moral Stories in Hindi

अपनी तेरह साल की बेटी के साथ हुई बर्बरता को देखकर आज रीना उस घड़ी को कोस रही थी जब उसने परिवार को छोड़कर अकेले रहने का फैंसला लिया था। आज उसे अपने पति की बात याद आ रही थी मगर अब सबकुछ खत्म हो चुका था पछताने के अलावा उसके पास कोई चारा नही … Read more

वनफूल – विनीता महक गोण्डवी : Moral Stories in Hindi

ज्ञानचंद जी इंटर कॉलेज में अध्यापक के पद पर कार्यरत थे। उनके पांच संताने थी ।जिसमें तीन पुत्र दो पुत्रियां। ज्ञानचंद जी अपने माता पिता के एकलौते संतान थे। उनके पिताजी का देहांत बचपन में ही हो गया था। जब वो 2 वर्ष के थे। उनकी माता गायत्री देवी ने बड़े संघर्ष से उन्हें पढ़ाया … Read more

साक्षात अन्नपूर्णा – डोली पाठक : Moral Stories in Hindi

अपने घर की लक्ष्मी और अन्नपूर्णा रश्मि… जिसके हाथों में ऐसा जादू था जिससे वो साधारण से खाने को भी इतना स्वादिष्ट बना देती कि,खाने वाला तृप्त हो जाता। उसके पिताजी हमेशा कहा करते कि, मेरी रश्मि तो साक्षात अन्नपूर्णा का स्वरूप है… रश्मि हर दिन भिन्न-भिन्न प्रकार के व्यंजन बना कर सबको खिलाया करती… … Read more

“संयुक्त परिवार” – सरोजनी सक्सेना : Moral Stories in Hindi

आदिकाल से संयुक्त परिवार की प्रथा रही है । संयुक्त परिवार समाज की महत्वपूर्ण इकाई है । आज के समाज में धीरे-धीरे संयुक्त परिवार में बिखराव आता जा रहा है । देश में शिक्षा का महत्व निरंतर अपनी उन्नति की दिशा में फैल गया है । साथ ही साथ विज्ञान का आगमन अपनी तेज गति … Read more

 संयुक्त परिवार – कुमुद मोहन : Moral Stories in Hindi

“ब्याह और ज्वाइंट फैमिली में? ना बाबा ना मुझे नहीं ब्याहनी अपनी बेटी इतने बड़े से टब्बर में” मीना जी झुंझलाकर अपने पति नरेंद्र जी से बोली! “देखो जी कहे देती हूं मेरी बेटी के लिए कोई ऐसा लड़का देखो जो मां-बाप का इकलौता हो !हो भी तो बस ज्यादा से ज्यादा एक बहन!  हां … Read more

 “परिवार की खुशियां” – कमलेश आहूजा : Moral Stories in Hindi

नीता थकी हारी ऑफिस से आई..सारा घर बिखरा हुआ देख मन ही मन में बोली..लगता है आज फिर काम वाली नहीं आई। रोज नीता सुबह आठ बजे घर से ऑफिस के लिए निकल जाती थी और पति नवीन दस बजे के करीब ऑफिस के लिए निकलता था।इस बीच वो कामवाली से काम करवा लेता था।अपना … Read more

 सच्चा सुख – विभा गुप्ता : Moral Stories in Hindi

    छाया के बीए के इम्तिहान का आज आखिरी पर्चा था।उसने मेज पर से पेंसिलबाॅक्स उठाया और दुपट्टा डालती हुई बोली,” माँ..मैं जा रही हूँ…।”वो बाहर निकलने लगी तभी उसकी दादी ने आकर उसके माथे पर तिलक लगाकर उसे आशीर्वाद दिया और चाची चम्मच से दही-चीनी खिलाने लगीं तो वो चिढ़ गई,” क्या चाची..आप लोगों की … Read more

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