मेरी दोनों बहू आपस में बहन जैसी रहती है। – मधु वशिष्ठ : Moral Stories in Hindi

   भावना जी और शीला जी दोनों सगी बहनें थी। दोनों के ही दो दो विवाहित बेटे थे। शीला जी की दोनों बहुएं एक ही घर में ऊपर नीचे रहकर भी लड़ती ही रहती थी। दोनों बहुओं की लड़ाइयों को सुलझाना और बहुओं को उलझाकर अपनी चौधराहट सिद्ध करना उनका एकमात्र शौक था। शीला जी के … Read more

प्रायश्चित – दीपा माथुर : Moral Stories in Hindi

गर्मियों की छुट्टियाँ चल रही थीं। गली में बच्चों की मस्ती पूरे शबाब पर थी। कभी कोई पतंग काटता, तो कोई चिल्ला कर उसकी तरफ दौड़ता। गेंदें इधर-उधर लुड़कतीं, और हर नुक्कड़ पर शोरगुल गूंजता रहता। इन्हीं सब के बीच, गली के एक कोने में एक टूटी-सी बेंच पर हर रोज़ एक बूढ़ी औरत बैठती … Read more

प्रायश्चित – डॉ कंचन शुक्ला : Moral Stories in Hindi

दरवाजे की घंटी बज रही थी,, मालती जी,, आवाज सुनकर किसी तरह बिस्तर से उठी। रात से ही, उन्हें तेज़ बुखार था, उनसे उठा नहीं जा रहा था। किसी तरह वह,, उठकर दरवाजे की ओर चलीं और साथ, साथ बड़बड़ाने लगी।इतनी सुबह कौन आ गया, इतनी जल्दी, ये तो टहल कर आयेंगे नहीं। उनके पास, … Read more

“घर जमाई ” – कमलेश आहूजा : Moral Stories in Hindi

“रोहित,अब और मैं यहां नहीं रह सकती।छोटे से घर में मेरा दम घुटता है। पापा मम्मी का इतना बड़ा घर खाली पड़ा है हम लोग वहीं चलकर रहते हैं। पापा भी कितनी बार कह चुके हैं।”नेहा मुंह बनाते हुए बोली। कहने को नेहा और रोहित की लव मैरिज हुई थी पर नेहा शुरू के दिन … Read more

सम्मान की सूखी रोटी – रंजीता पाण्डेय : Moral Stories in Hindi

सपना अपनी माँ (विमला जी)पापा (विनोद जी) की,एकलौती संतान थी। सपना के मम्मी, पापा ,ने बड़े ही प्यार से पाला था सपना को। वो सारी सुख सुविधा अपनी बेटी देते थे।  सपना में विनोद जी औऱ विमला जी की जान बसती थी। सपना बीस  वर्ष की हो गयी थीं।  विनोद जी पार्क में टहलने गये … Read more

बुधनी…. – डोली पाठक : Moral Stories in Hindi

हां यहीं नाम था उसका…  क्यों कि वो बुधवार को पैदा हुई थी इसलिए माता-पिता ने उसको यहीं नाम दे दिया…  और यही नाम उसकी पहचान बन गई। माता-पिता की सबसे बड़ी संतान होने के कारण बुधनी को विरासत में हीं ढेर सारी जिम्मेदारियां मिल गईं… बचपन में जब सारे बच्चे खेलकूद और मौज-मस्ती में … Read more

मतभेद भले हो, मनभेद नहीं – विमला गुगलानी : Moral Stories in Hindi

मतभेद भले हो, मनभेद नहीं-कहानी “ ओहो, निशू, आज फिर दूध उफन गया, तेरा ध्यान किधर रहता है , देवर जी को बाहर तक छोड़ तो आई थी?” सरू ने निशू को मीठी डांट पिलाते हुए कहा। “ वो दीदी, क्या है कि दूध को भी मुझसे प्यार हो गया लगता है, ज़रा सी नजर … Read more

सम्मान की सूखी रोटी – ऋतु यादव : Moral Stories in Hindi

समीक्षा, लक्षित जी से शादी कर भरे पूरे परिवार में आई। घर में लक्षित की मां के अलावा के दो बड़े भाई थे ।जिसमें से सबसे बड़े भाई साहब, विनय शादीशुदा थे और उनकी पत्नी और दो बच्चे थे। मंझला भाई शारीरिक और मानसिक रूप से अस्वस्थ था तो, सासू मां उसके साथ ही व्यस्त … Read more

स्वरा – श्वेता अग्रवाल : Moral Stories in Hindi

अलार्म बजे जा रहा था और स्वरा बार-बार उसे snooze करके 5 मिनट की एक्स्ट्रा नींद लेने की कोशिश कर रही थी। बार-बार इस तरह अलार्म बजने से उसका हस्बैंड रमेश चिड़चिड़ा गया “स्वरा, पता नहीं कितना आलस भरा है तुममें। अलार्म बजते ही नहीं उठ सकती क्या? सारी नींद खराब कर दी है। आदमी … Read more

चैन की नींद – विभा गुप्ता : Moral Stories in Hindi

    ” लो बेला..पानी पी लो..आज तो लगता है..बहुत थक गई हो..।” बेला को पानी का गिलास थमाते हुए रामनाथ ने पूछा तो वो पानी पीते हुए नीचे बैठ गई और बोली,” हाँ भईया..आज हम महिलाओं को सीमेंट की बोरियाँ भी ढ़ोनी पड़ी थी..पर कोई बात नहीं..रूही और आपको देखकर सारी थकान उतर गई..मैं अभी खाना … Read more

error: Content is Copyright protected !!