मेरा पति सबसे प्यारा है –  हेमलता गुप्ता  : Moral stories in hindi

Moral stories in hindi : शक एक ऐसी बीमारी है, जो एक बार लग जाए तो दीमक की भांति रिश्तो को खोखला करने में कोई कसर नहीं छोड़ती! यही हाल रागिनी का हो रहा था !जबसे निलेश ने बताया कि उसके ऑफिस में नैना नाम की एक सेक्रेटरी आई है, जो दिखने में जितनी खूबसूरत है, उससे कहीं अधिक शालीन, व्यवहार कुशल और अपने कार्य के प्रति समर्पित है,!

और यही बात रागिनी को सहन नहीं हो पा रही थी ! रागिनी स्वयं खूबसूरत होने के साथ-साथ पढ़ी लिखी और बेहद समझदार थी! वैसे तो वह भी समझती थी कि ऑफिस में स्त्री पुरुष साथ में काम करते हैं, तो व्यवहार भी दोस्ताना हो जाता है! किंतु रागिनी टीवी सीरियल की अत्यधिक शौकीन होने की वजह से अपने पति पर शक करने लगी थी!

शक का कीड़ा उसके अंदर कुलांचे भर रहा था! वह अधिकतर सास बहू वाले सीरियल देखा करती थी, जिसमें बताया जाता था की अधिकांश मर्द चाहे किसी भी क्षेत्र में हो उनका घर से बाहर किसी ना किसी से अफेयर होता है! और उन्हीं कारण  से घर में कलह, झगड़ा और तलाक की नौबत आती है!  रागिनी ऐसा बिल्कुल नहीं चाहती थी!

वह नीलेश से बहुत प्रेम करती थी! रागिनी और नीलेश का 10 वर्षों का साथ था, और दोनों ही इसे पूरी वफादारी और इमानदारी से निभा रहे थे! दो बच्चों के माता-पिता भी बन चुके थे,और अपनी जिंदगी में बहुत खुश थे! रागिनी को पूरा विश्वास था कि नीलेश कभी कोई गलत कदम नहीं उठाएगा! किंतु अगर नैना ने निलेश को अपने जाल में फसा लिया तो?, 

और पुरुष का क्या है.. उसके कदम तो कभी भी डगमगा सकते हैं! अब जब भी नीलेश ऑफिस से घर आता और किसी भी बात पर खुश होता,  रागिनी की या उसके खाने की तारीफ करता, तो उसे शक होने लगता कि कहीं निलेश अपना अफेयर छुपाने के लिए यह सब दिखावा तो नहीं कर रहा ?आजकल नीलेश ऑफिस से भी लेट आने लगा था!

जब रागिनी पूछती तो कहता …ऑफिस में काम बहुत है! इन्हीं बातों से रागिनी का शक विश्वास में बदलता जा रहा था! वह नीलेश के पैंट शर्ट की तलाशी तथा उसके मोबाइल चेक करने लगी! किंतु उसे अभी तक कोई सबूत हाथ नहीं लगा था! वह नीलेश और नैना को रंगे हाथों पकड़ना चाहती थी! एक दिन जब वह कमरे में निलेश के लिए दूध लेकर जा रही थी तभी उसने सुना निलेश कह रहे थे…. कल 12:00 बजे गपशप कॉफी शॉप में मिलते हैं! बस फिर क्या था..

अगले दिन रागिनी भी उसी कॉफी शॉप में पहुंच गई और छुपकर उनकी बातें सुनने लगी! पर यह क्या… नैना तो निलेश के सामने जोर जोर से रो रही थी, और नीलेश उसे एक बड़े भाई की तरह दिलासा दे रहे थे! नैना नीलेश से कह रही थी कि… सर अगर आज आप नहीं होते तो मेरे परिवार का क्या होता?..

अगर आज आप मेरे मकान मालिक का 6 महीने का किराया नहीं चुकाते, तो हम सब बेघर हो जाते! मेरी सैलरी में तो घर का गुजारा और दोनों छोटे भाई बहनों की पढ़ाई का खर्चा ही मुश्किल से चल पाता है! मेरा सिर्फ यही सपना है मेरे दोनों भाई बहन अपने पैरों पर खड़े हो सके और हम समाज में इज्जत से जी सकें!

अगर आप की जगह कोई और होता तो इस मदद के बदले नाजायज मांगे रखता! आपने तो बिना रिश्ते के भी इस रिश्ते को नाम दे दिया!सर ..मैं आपका एक-एक पैसा समय पर चुका दूंगी! आज आपने मेरे लिए बड़े भाई का फर्ज अदा किया है! आप जैसा भाई हर बहन को मिले!तब नीलेश बोले… कि यह तो मेरा फर्ज था! एक बहन की सहायता करना एक भाई का धर्म होता है!

जैसे तुमने मुझे भाई माना है, मेरे लिए भी तुम मेरी छोटी बहन जैसी हो!और पैसों की चिंता बिल्कुल मत करो! इससे ज्यादा रागिनी और नहीं सुन पाई! आज उसकी नजरों में अपने पति के लिए इज्जत और बढ़ गई! उसकी थोड़ी समझदारी से उसका घर बिखरने से बच गया! रागिनी पछता रही थी अपनी सोच पर, अगर वह इस शक के चलते कुछ कर बैठती तो आज उसकी गृहस्थी बर्बाद हो जाती!

  आज वह अपने आपको दुनिया की सबसे खुशनसीब औरत समझ रही थी! जिसे ऐसा पति मिला! आज उसके मन से  अपने पति के लिए गीत निकल रहे थे… मेरा पति सबसे प्यारा है… सबसे प्यारा है!  वह दिल जिगर हमारा है !काश… हर इंसान एक दूसरे पर शक करने से पहले उसकी तह तक पहुंचे और तभी कोई निर्णय लें !अन्यथा जिंदगी बर्बाद होने में ज्यादा समय नहीं लगता!

 हेमलता गुप्ता

 स्वरचित 

#शक

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