मैडम जी – गरिमा जैन

मैडम !मैडम जी गलती हो गई !माफ कर दो !गलती हो गई!

“माफी माय फूट !गलती की सजा तो तुझे मिलकर रहेगी!”

” मैडम आगे से ऐसा नहीं होगा ।वह जरा सा मैं खाना खा रहा था ,बस 2 मिनट की देरी हो गई गेट खोलने में। मैडम जी माफ कर दो ।

तभी दूसरी तरफ से चौकीदार का दोस्त बोटल में पानी भरकर आ रहा था।वह ये नजारा देखकर चौंक जाता है।

“माफी तुझे जरूर मिलेगी कहकर मैडम अपनी जींस की बेल्ट निकालती है और उस गरीब चौकीदार को बेतहाशा पीटने लगती है । चौकीदार का दोस्त जो उसी की तरह लाचार है ,गरीब है ,कम वेतन पर काम कर रहा है वह असहाय उसे देख रहा है। मात्र ₹8000 में वह अपना पूरा घर किस तरह चलाता है ये वही समझ सकता है ।महीना पूरा होने में 10 दिन बाकी होने पर जब उसकी जेब खाली हो जाती है तब वह 10 दिन अपने परिवार का पेट कैसे भरता है! लेकिन अगर उसे गेट खोलने में एक 2 मिनट की भी देर होती है तो उस अपार्टमेंट में रहने वाले पढ़े-लिखे ऊंचे रसूखदार लोग उसकी इज्जत उतारने में 2 मिनट भी नहीं लगाते ।वह अपने दोस्त की सहायता कैसे करें ?इज्जत दार मैडम उसे पीट-पीटकर अधमरा करती जा रही हैं ।उनका अहंकार सर चढ़ कर बोल रहा है। चौकीदार उनके पैरों में पड़ा है ।उसमें शक्ति है वह उनका हाथ रोक सकता है लेकिन अगर नौकरी से निकाल दिया गया तब उसके खाने के लाले पड़ जाएंगे !

चौकीदार का दोस्त हिम्मत दिखाता है। वह मैडम की पीटते हुए वीडियो बनाता है और सोशल मीडिया पर पोस्ट कर देता है ।सोशल मीडिया जिसे हम  बहुत बुरा समझते हैं सारी बुराई का जड़ समझते हैं उसी सोशल मीडिया ने एक गरीब आदमी की मदद की ।वीडियो वायरल हुआ और सरकार तक पहुंच गया ।

चौकीदार चोट खाया हुआ अपनी कुर्सी पर बैठा है और उसका दोस्त उसे मरहम पट्टी कर रहा है ।वहीं पास के एनजीओ में काम करने वाली औरतें भी आ गई और उसकी मदद करने को तत्पर है। इंसान के लिए इंसान खड़ा हो गया। शैतान को झुकना ही पड़ेगा ।मैडम को नीचे बुलाया जाता है।  मैडम बहुत रसूखदार है, हाईकोर्ट में वकील हैं, ऊंचे ओहदे पर है ,कमाई भी अच्छी है ,बड़ी गाड़ी है, घर में ऐसी है, नौकर चाकर है ,कोई कमी नहीं लेकिन मात्र ₹8000 कमाने वाले उस चौकीदारी को जानवरों की तरह पीटने पर  उनका दिल नहीं पसीजा ,उन्हें अपने सामने एक इंसान दिखाई नहीं दिया! पुलिस उन्हें अरेस्ट करती है उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज हो चुका है। उन्हें कम से कम 15 दिनों के लिए जेल की हवा खानी ही पड़ेगी ।उनका रसूख काम नहीं आता उन्हें बेल नहीं मिल पाती। यह खबर सुनकर कहीं ना कहीं फिर से कानून पर विश्वास करने को दिल चाहता है ।वह गरीब चौकीदार  खून से लहूलुहान है उसके हाथ पैर पर पट्टी बंधी है। जिस समय उस मैडम के हाथ में हथकड़ी डाल कर पुलिस उन्हें ले जा रही थी तब उनके अहंकार को चूर चूर होते वही बिखर के गिरते देखकर मेरे दिल को बहुत तसल्ली हुई, आत्मा को शांति मिली ।शायद इस बार एक गरीब को न्याय बहुत जल्दी मिल गया।

#अहंकार 

लेखिका: गरिमा जैन

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