क्या सच में विश्वासघाती है? – रश्मि प्रकाश  : Moral stories in hindi

Moral stories in hindi  : ‘‘तुम पर विश्वास करना मेरी सबसे बड़ी गलती थी  प्रिया… मैं तो तुम्हें अपनी सहेली समझ कर अपना हर राज बताती चली गईं और तुमने बदले में मुझे ये सिला दिया…तुमने ये ठीक नहीं किया प्रिया अब मैं तुम्हे कभी माफ नहीं कर पाऊँगी।” कहकर रति हॉस्टल के कमरे से बाहर चली गईं

ये सब बातें रति ने प्रिया से क्यों कही चलिए आपको पहले की कहानी से रूबरू करवाते हैंः~

रति और प्रिया गर्ल्स हॉस्टल में रह कर  ग्रेजुएशन कर रही थी। दोनों  गाँव से शहर पढ़ाई करने आईं थीं।  कॉलेज एक ही था तो साथ आना जाना होता था ।

इन दोनों की दोस्ती कॉलेज के और लड़के लड़कियों से हो गई। रति पढ़ने में बहुत अच्छी थी और बेहद खूबसूरत भी।किसी से भी जल्दी घुल मिल जाती।

वहीं  प्रिया का साधारण रंग-रूप था पर नैन नक्श बड़े तीखे, कुल मिलाकर वो भी किसी को आकर्षित कर सके ऐसा रूप तो उसका भी था। पढ़ने में वो रति से ज्यादा होशियार थी पर हमेशा शांत रहती थी।

उनके ही क्लास में एक लड़का था अभय ….जिसको रति मन ही मन पंसद करने लगी थी और वो हमेशा इस कोशिश में लगी रहती कि अभय से कैसे बात हो?

एक बार कॉलेज में एक प्रोग्राम होने वाला था। उसमें एक नाटक होना था जिसमें अभय और रति लैला मंजनू का रोल करने वाले थे। रिहर्सल के दौरान ही धीरे धीरे रति को अभय  के साथ ज्यादा वक्त बिताने का मौका मिलने लगा।

कुछ दिन के रिहर्सल के बाद दोनों बहुत अच्छा प्ले करने लगे।सब दोनों को रियल लाइफ में लैला मंजनू जैसे कह कर चिढ़ाया करते। रति तो मन ही मन अभय  से प्यार करती ही थी और अब वो इस नाटक प्रेम में खुद को उसकी ही समझने लगी थी। 

वो तीनो (रति, प्रिया और अभय)अक्सर साथ ही घूमने फिरने जाने लगे थे।

रति जब भी मौका देखती प्रिया को कुछ देर के लिए अपने से दूर कर अभय के साथ ज्यादा से ज़्यादा समय बिताने की कोशिश करती रहती। बहुत बार रति ने अभय को गिफ्ट्स भी देना चाहा पर अभय मना कर देता, पर रति की ज़िद की वजह से रख लेता था ।

रति प्रिया से हमेशा कहती रहती थी कि,”अभय को इस बार अपने दिल का हाल बताना है पर कैसे बताऊँ ये समझ नहीं आ रहा?”

प्रिया ने बोला ,”जिस दिन प्रोग्राम होगा उस दिन तुम अपने दिल की बात अभय से कह देना….फिर देखते क्या होता….मुझे तो लगता है वो भी तुम्हें पसंद करता होगा तभी तो साथ में घूमता फिरता है।”

रति ने वैसा ही किया, अपने दिल की सारी बातें अभय के सामने रख दी। 

अभय उसकी तरफ एक नजर देखा और बोला,‘‘ रति मैं तुम्हें सिर्फ अपना सबसे अच्छा दोस्त मानता हूँ…..पर प्यार … वो तो मैं किसी और को करता हूँ….तुम्हारे मन में मेरे लिए ये ख्याल कैसे आया गए?….मैंने तो कभी तुमसे कुछ कहा भी नहीं।”

‘‘क्या तुम्हें मैं अच्छी नहीं लगती? “रति रूआंसी हो कर पूछी

‘‘ ऐसा नहीं है रति तुम मेरी बेस्ट फ्रेंड हो पर मैं तुम्हें प्यार नहीं करता….प्लीज़ तुम अपने मन से ये ख्याल निकाल दो।”अभय उसे समझाने की कोशिश करने लगा

‘‘ तुम किसको प्यार करते हो….उसका नाम बता सकते?”रति ने सवाल किया

‘‘ वो मैं … !”अभय की आवाज गले में अटकने लगी फिर खुद को संयत करते हुए बोला ,‘‘तुम्हारी दोस्त प्रिया को मैं प्यार करता हूँ….पर उसे कुछ भी नहीं पता….मैं तो बस तुम्हारे साथ उसकी वजह से हर जगह जाता था क्योंकि तुम उसके बिना कही जाती नहीं थी।‘‘

रति को तो मानो सांप सूंघ गया,”मेरी दोस्त प्रिया?? क्या वो भी तुम्हें प्यार करती है?”

“शायद हाँ शायद ना…..पर उसने कभी कुछ बोला नहीं इसलिए दावे से कुछ भी कह नहीं सकता।”अभय ने शांत लहजे में कहा

रति कुछ नहीं बोली और रोती हुई भाग कर हॉस्टल आ गई ….वो बस प्रिया का इंतजार कर रही थी…..उसकी दोस्त उसके साथ विश्वासघात करेंगी ये बात वो सोच ही नहीं पा रही थी। 

जब प्रिया कमरे में आई तो रति उसको खूब जली कटी सुनाई, यहाँ तक की उसे विश्वासघाती तक कह दिया और हॉस्टल के कमरे से निकल कर बाहर लॉन में आकर बैठ गई 

तभी प्रिया उसके पास आई और बोली,”रति तुमने मुझे किस बात पर विश्वासघाती बना दिया?…. तुम अभय को चाहती थी ये बात जानते हुए ही मैंने कभी अभय के लिए अपनी भावनाएं जाहिर नहीं की….अभय के दिल में क्या है मैं अच्छी तरह जानती थी फिर भी मैंने कभी तुम दोनों के बीच आने की कोशिश नहीं की….अगर अब हमारी भावनाओं को जानने के बाद भी…..तुम हमारे बीच आना चाहती हो तो बताना किसकी गलती होगी….मैं नहीं चाहती थी कि तुम्हारा दिल मेरी वजह से दुखे…..मैं चाहती तो कब का तुम्हें सब सच बता देती पर मैं दोस्ती में विश्वास पाना चाहती थी दोस्त खोना नहीं।”कहकर प्रिया रोती हुई वहां से चली गई।

रति खुद को संयत करते हुए उठी और जाकर प्रिया से माफी मांगी।

अब रति अभय की बेस्ट फ्रेंड बन गई थी।

गलतफहमी में अविश्वास की बीज आ जाए तो सब सत्यानाश कर देती… और गलत दोषारोपण रिश्ते बिगाड़ देता है…वही थोड़ी समझदारी से काम ले तो सबकुछ पहले से ज्यादा सुधर कर सामने आ जाता है…।

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धन्यवाद 

रश्मि प्रकाश 

#वाक्यकहानीप्रतियोगिता 

# तुम पर विश्वास करना मेरी सबसे बड़ी गलती थी …

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