*कुछ पल ख़ुद के लिए* –*  पूर्ति वैभव खरे

 जीवन न बहुत तेज़ चलता है न ही बहुत धीरे। वह तो अपनी निश्चित गति से चलता है। लेकिन हमें ऐसा अक़्सर लगता है जैसे समय दौड़ रहा हो, और हम पीछे छूट रहे हों ।

    ऐसा अक़्सर महसूस होता है स्पेशली वीमेन को क्योंकि  उनके सिर पर चिंताओं की टोकरी और कंधों पर रिस्पांसिबिलिटी का थैला हमेशा लटका रहता है। महिलाएँ अधिकांशतः सबको समेटते-समेटते ख़ुद बिखर सी जाती हैं।

       वे ख़ुद के शौक, ख़ुद का ख़्याल और ख़ुद का समय सब भूल जाती हैं। ऐसा आप होना नहीं चाहती , लेकिन फिर भी समय के साथ आप ऐसी ही होने लगती हैं।

     आप अपनी जिम्मेदारियों से रोज़-मर्रा की छोटी-मोटी परेशानियों से बच तो नहीं सकतीं, वह तो आपको निभानी ही पड़ेगी। अपनी रिस्पांसिबिलिटी को निभाना भी आपकी एक ख़ूबी हो सकती है।

   पर ख़ुद को इग्नोर करके पूरी तरह ख़ुद को दूसरों के लिए समर्पित कर देना ठीक नहीं है। 

       आप ख़ुद का एक निशिचत दायरा तय न करें,खुद को एक जगह ही रोक कर मत रखें बल्कि समय मिलने पर धीरे-धीरे उड़ना सीखें, ख़ुद से प्यार करें, खुद की  वैल्यू  समझे। दूसरों को सम्मान देने के साथ-साथ अपनी सेल्फ रेस्पेक्ट का भी ध्यान रखें।


     याद रहे जब आप अपनी वैल्यू समझेंगी तभी लोग आपकी वैल्यू करेंगे।

  *अपनी हॉबीज को बनाएं अपना टेलेंट*— हर व्यक्ति कुछ न कुछ शौक़ रखता है नो डाउट आपकी भी कुछ हॉबीज होंगीं, प्लीज इन्हें इग्नोर न करें, इन्हें भी थोड़ा वक़्त देती रहें।  इन्हें और निखारे और हो सके तो इन्हें अपने हुनर में बदल दें। आपकी छोटी-छोटी हॉबीज आपकी पहचान भी बन सकती हैं। साथ ही आपके शौक़ आपके अंदर के बच्चे को सदैव जीवंत रखते हैं।

      शौक़ को बनाये रखने से जीवन में आनन्द बना रहता है,मन को जहाँ ये ख़ुश रखते हैं, वहीं तन में सकरात्मक ऊर्जा का संचार भी करते हैं।

  ये कई तरह के हो सकते हैं जैसे- डांसिंग, सिंगिंग, कुकिंग ,घूमने-फिरने का शौक़ या फिर अन्य कुछ भी।

 *निगेटिव थिंकिंग वालों से डिस्टेंस बना कर रखें-* 

अरे! तुम्हारे बस का यह काम नहीं है , तुम कहाँ ये कर सकती हो?,  तुम्हें अभी तक दुनिया-दारी की समझ नहीं इस तरह की बातें करने वाले लोग आपको रोज़ मिलेंगे।

    यह वे लोग हैं, जो स्वयं तो कुछ करते नहीं और आपको भी नकारात्मकता की ओर ढकेलते रहते हैं, ऐसे लोगों से उचित दूरी बना के रखें। इसी में आपकी भलाई है। ऐसे लोगों की बातों पर ज़्यादा ध्यान भी न दें। 

    ऐसे लोगों की बातों को ज़्यादा महत्त्व न दें, हँसकर आगे बढ़ें और उनसे जितनी जल्दी हो सके टाटा-बाय-बाय कर लें। यही आपके लिए बेहतर होगा। ऐसे लोगों के साथ वक्त गुजरना मतलब वक्त की बर्बादी करना है। तो ऐसे लोगों से दूर ही रहें।

 *मोटिवेट करने वालो के पास  रहें*-   जो लोग आपको प्रोत्साहित करते हैं, जिन लोगों ने ख़ुद संघर्ष करके अपना जीवन जीया है,सफलता पाई है।  वे लोग आपके पास रहने चाहिए, ऐसे लोग आपकी परेशानी सुनेगें आपको गिरने नहीं देंगें, आपको आशा से भर देंगें, और हमेशा आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करेंगें, ऐसे लोगों से निकटता बना के रखें। उनकी सलाह मानें उनका आदर करें। हो सके तो ऐसे लोगों की फ्रेंड-सर्किल में रहे। क्योंकि संगत ही रंगत बदलती है।

  *मुस्कुराहट को बनाएं रखें-*  

 आपकी मुस्कुराहट ऐसे ही आपकी आधी परेशानी दूर कर देती है, हमेशा अपने चेहरे पर मुस्कुराहट बिखेरे रखें। याद रहे स्माइली फेस सबको रास आते है। और उदास रहने से  प्रॉब्लम सॉल्व भी तो नहीं होती तो मुस्कुरहाटों को दिल में और चेहरे पर दोनों जगह बैठाकर रखें। पर याद रहे ये बनावटी न हो आप दिल से मुस्कुराएं।

ये मुस्कुराहट आपकी लिए एनर्जी ड्रिंक का काम करेगी।

    और आपको पॉजिटिविटी से भर देगी, ख़ुशनुमा चेहरे ही ख़ुशनुमा वातावरण बनाते हैं। आपका चेहरा आपके दिल को कहता है, और उसे ही लोग देखते हैं।

     तो अपने चेहरे पर एक प्यारी से मुस्कान हमेशा रखें।

 *ख़ुद से ख़ूब प्यार करें*- आपको प्यार बाँटने का शौक़ है तो बहुत अच्छा है, आप ख़ूब प्यार बांटें, दूसरों को उचित सम्मान भी दें। लेकिन ख़ुद को प्यार करना बिल्कुल न भूलें। आप जैसी भी हैं,आप ख़ुद के लिए बहुत प्यारी हैं। आपका जीवन कैसा भी है,आपका है और उससे भी प्यार करें। 


      इससे – उससे प्यार की अपेक्षा करने से बेहतर है ख़ुद ही ख़ुद के प्यार की पूर्ति कर दें। आपका सबसे पहला प्यार आप ख़ुद ही हों न कि कोई और।

       तो पहले ख़ुद से भरपूर प्यार करें।

      *अपनी वैल्यू को समझे*- 

   आप दुनिया की महत्वपूर्ण महिला हैं, आपकी क़ीमत लाखों में है, हमेशा सुबह उठते ही ख़ुद से ये बात कहें। स्मरण रहे- आप जब अपनी क़ीमत समझेंगी तभी लोग आपकी वैल्यू समझेगें।आप बहुत हुनरमंद हैं, आप पूरा घर संभलती हैं, अपनी तुलना किसी और से न करें, आप जैसी भी हैं ख़ुद में पूरी हैं।

    आपकी कमजोरियाँ और आपकी ताकत दोनों आपकी हैं इन्हें सहज स्वीकार करें।

     खुद को कभी किसी से कम न आँकें।

  *आईडियल बनने की राह पर न चलें-* परफेक्ट वाइफ!, सुपर मॉम!, आईडियल बहु!, इन सभी की परिभाषाएं समाज ने क्या तय कर रखी है? पता नहीं।

आप इन सबके चक्कर में न आएं। आप इंसान हैं, कोई फ़रिश्ता नहीं।

    आप अपने दायित्वों को अपनी क्षमता के अनुसार निभाएं। आपको अपने आप से संतुष्ट होना चाहिए। दूसरे आपसे सन्तुष्ट हो भी सकते हैं और नहीं भी।  ये उनकी प्रॉब्लम है, उन पर ही छोड़े।

     आपका समय जितना सबके लिए है, उतना ही आपके अपने लिए भी है। कुछ पल ख़ुद के लिए निकालना सीखिये।

 आपकी ज़िंदगी आपकी भी है इस बात को गाँठ बाँध लें, आप कोई देवी नहीं हैं, एक स्त्री हैं,  और स्त्री में अनेक भाव होते हैं।

     अपने इमोशन को समझे ख़ुद के लिए भी जीना सीखें। 

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