जीवनसाथी अर्थात जीवन भर साथ निभाने वाला साथी – प्रतिभा सिंह : Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi : हमारे जीवन में जीवनसाथी का बहुत ही महत्वपूर्ण स्थान है |जीवनसाथी हमारे सुख-दुख का साथी होता है | विवाह के पश्चात्  हमारे जीवन में घटने वाली प्रत्येक घटनाओं का साक्षी होता है | वह हमारे गुण व अवगुण दोनों से भली-भांति परिचित होता है | हमारे गुणों से खुश होता है और हमारे अवगुणों से ज्यादा नाराज भी नहीं होता, उसे उसी रूप में वह स्वीकार कर लेता है |

दोनों व्यक्ति एक दूसरे के गुण व अवगुण को स्वीकार करते हुए जीवन में आगे बढ़ते हैं | यही इस रिश्ते की खूबसूरती है | दोनों ही एक दूसरे की भावनाओं व इच्छाओं का ख्याल रखते हैं | छोटी से छोटी चीजों का ध्यान रखते हैं | इससे पहले हमारे माता-पिता हमारी हर छोटी से छोटी चीजों का ध्यान रखते थे | माता-पिता के बाद जीवनसाथी ही एक ऐसा रिश्ता होता है जिससे हम अपने दिल की हर बात कह सकते हैं और उसे समझा भी सकते हैं | और वह हमारी हर जरूरतों को खुशी-खुशी पूरा करते हैं , और हम भी उनके जरूरतों का पूरा-पूरा ख्याल रखते हैं|

जीवनसाथी यदि साथ न हो तो एक खालीपन सा लगता है, जीवन में सुनापन सा छा जाता है | जिसे कोई भी व्यक्ति चाह कर भी उस खालीपन को नहीं भर सकता | जीवन साथी यदि कुछ दिन के लिए भी कहीं दूर चला जाता है तो ऐसा लगता है कि जैसे- घर में कोई है ही नहीं किसी काम में मन नहीं लगता कुछ खाने का मन नहीं करता कहीं जाने का मन नहीं होता एक खालीपन सा रहता है |

जो अकेलापन महसूस होता है वह कोई और महसूस नहीं कर सकता | सारे रिश्ते हमारे आसपास होते हैं-बेटा-बेटी,भाई-बहन,देवर-देवरानी,जेठ-जेठानी,दादा-दादी,सास-ससुर सभी लोग हमारे इर्द-गिर्द घूमते हैं, फिर भी हमें अकेलापन सा महसूस होता है | वह एकाकीपन कोई और महसूस नहीं कर सकता | 

अपने दिल का हाल हम किसी से कह नहीं पाते हैं बस अपने मन में ही रखते हैं | हर किसी को जीवन में प्यार चाहिए होता है और जो प्यार हमें अपने जीवन साथी से मिलता है वह किसी और रिश्ते से नहीं मिलता | यही कारण है कि जीवनसाथी के न होने पर बहुत दर्द होता है , उससे क्षण भर भी दूर होने का सोचना भी दुखदाई लगता है |

जीवनसाथी के होते हुए हमें किसी भी चीज की चिंता करने की जरूरत नहीं पड़ती एक हिम्मत रहती है कि हमारे पीछे कोई है जो सब कुछ संभाल लेगा और किन्हीं कारणों से यदि वह पास नहीं है या साथ नहीं है तो ऐसा लगता है कि जैसे सारा भार खुद के ऊपर आ गया है | घर का बाहर का बच्चों का बुजुर्गों का सभी का काम खुद ही संभालना होता है, एक बहुत बड़ी जिम्मेदारी जो हमें अकेले ही वहन करना पड़ता है | उस समय अपने जीवन साथी की याद आना लाजमी सा है, उनके होते हुए हमें कुछ भी सोचना नहीं पड़ता, सब कुछ बहुत ही आसानी से हो जाता है  |

दो कंधों पर अलग-अलग भार रहता है घर का काम औरतों के ऊपर और बाहर का काम पुरुषों के ऊपर रहता है | घर की औरतें यदि काम करने ऑफिस या कहीं और जाती भी हैं तो भी जीवनसाथी के साथ रहते सारा काम आसानी से संभव हो जाता है मिल  बाँटकर सारे काम पूरे हो जाते हैं | पति-पत्नी जीवन रूपी रथ के दो पहिए होते हैं- जब दोनों का साथ होता है तब  जीवन बड़ी ही आसानी से आगे निकलती चली जाती है |

दोनों में से यदि एक ना हो तो गाड़ी वहीं थम सी जाती है, चलती भी है तो लड़ खड़ा कर चलती है इसलिए जीवनसाथी को इतना महत्व दिया गया है | दोनों ही एक दूसरे के पूरक हैं- जीवन अच्छे से जीने के लिए दोनों का ही साथ होना बहुत आवश्यक है | एक दूसरे के मनोभाव को केवल जीवन साथी ही अच्छे से समझ सकता है दूसरा और कोई नहीं, और जब कोई दूसरा हमारी तकलीफों को समझ ही नहीं सकता तो फिर उन्हें अपना दर्द या अपनी कोई भी बात बताने से क्या फायदा | इसलिए दोनों में से यदि कोई भी साथ नहीं होता है तो दूसरा व्यक्ति अकेला महसूस करता है | इसीलिए हम यह कह सकते हैं कि जीवनसाथी के साथ न होने का दर्द हम किसी से भी नहीं बाँट सकते |

____ प्रतिभा सिंह

#जीवनसाथी के साथ न होने का दर्द कोई नहीं बांट सकता। 

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