घुटन भरा रिश्ता – संगीता अग्रवाल

“रमिता ओ रमिता कहाँ मर गई ” अमित गुस्से मे ऑफिस से आते ही चिल्लाया।

रसोई मे काम करती रमिता भाग कर आई… ” बोलिए”

“बोलिए की बच्ची तुमने नैनी को फोन पर क्या कहा “

“मैने वही कहा जो सच था कि मैं आपकी पत्नी हूँ ” इसमे झूठ क्या बोला उसने पूछा था आप कौन बोल रही अमित का फोन आपके पास कैसे….

( नैनी असल मे अमित के ऑफिस मे काम करती थी, अविवाहित थी खूबसूरत थी बहुत से लोग उस पर लट्टू थे अमित भी उनमे से एक…. उसने नैनी को नही बताया था वो शादीशुदा है.. कुछ दिनों से नैनी का भी झुकाव उसकी तरफ होने लगा था… आज उसे पता लग गया अमित शादीशुदा है। इसी बात का गुस्सा उसने अमित पर उतारा और अमित रमिता पर चिल्ला रहा था। रमिता को वैसे भी उसने पत्नी का दर्जा नही दिया  था। यहाँ तक की उसकी नौकरी तक छुड़वा दी थी)

“तुम्हें जरूरत क्या थी मेरा फ़ोन उठाने की ” अमित फिर दहाड़ा।

” मैं क्या जानती नहीं आपने ऑफिस मे सबसे छुपाया है कि आप शादीशुदा हो ” रमिता ने धीरे से कहा।

” हाँ छुपाया है तो क्या कर लोगी, ” अमित व्यंग्य के साथ हँसते हुए बोला!

” पर मैं आपकी पत्नी हूँ ये सच है और आपको कोई हक नही बाहर शादी के बाद ये सब प्रेम प्रसंग चलाने का ” रमिता ने शांत पर चेतावनी के पुट मे बोला!

” अच्छा मेरी बिल्ली मुझे म्याऊं ….. रुक अभी बताता हूँ तुझे “! दहाड़ते हुए अमित ने रमिता के बाल पकड़ते हुए बोला… सुन तू मुझे कभी पसंद ही नहीं थी वो तो मेरा एहसान मान तुझे झेल रहा… चुप चाप खा पी और रह पर मुँह सिल के वरना!

“वरना क्या ” झटके से रमिता अपने बाल अमित की गिरफ़त से छुड़ाती हुई चिल्लाई!

अमित ने उसे मारने को हाथ उठाया तो रमिता ने मजबूती से उसका हाथ दबा नैनी… अमित सिहर उठा… साथ- साथ आश्चर्य से मुँह खुला का खुला रह गया उसका।

रमिता उसे पीछे धक्का देते हुए बोली ” आप शायद जानते नही मैं कराटे विजेता हूँ अपने कॉलेज की तो इन हाथों को जरा इनकी औकात मे रखो।

” रही बात मुझे पसंद नही करते आप तो आज मैं ये घुटन भरा रिश्ता तोड़ती हूँ । नही चाहिए मुझे ऐसा रिश्ता ” रमिता अपने कमरे मे आ समान लगाने लगी अपना.. उसके चेहरे पर एक आत्म विश्वास था।

इधर अमित अब भी हैरान था।

मेरी नज़र मे रमिता का निर्णय बिल्कुल सही है और आपकी?

धन्यवाद

आपकी संगीता

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