घर की इज्जत – डॉ संगीता अग्रवाल : Moral stories in hindi

राहुल ने अपने साथ जॉब करने वाली इशिता से लव मैरिज कर ली थी,शुरू शुरू में उसके पेरेंट्स नाराज रहे पर  दो बहनों के इकलौते भाई होने के कारण,वो ढीले पड़ गए और उन्हें बहू  बेटे को घर में आने दिया।

इशिता की हर संभव कोशिश रहती कि वो सास ससुर को पूरा सम्मान दे,उन्हें कभी कोई बात बोलने का अवसर न दे।राहुल के पिता तो उसकी अच्छाई समझने लगे थे पर उसकी मां देवयानी ने इशिता को दिल से स्वीकार नहीं किया था,वो इशिता को नीचा दिखाने का कोई अवसर हाथ से जाने ना देती।

कभी उसकी सहेलियों के सामने,कभी उसके मायके से आए लोगों के सामने वो इशिता को शर्मसार करती रहतीं।

इशिता!आज तो साड़ी पहन ली होती,होली के दिन  राहुल के साथ घर से बाहर निकलती इशिता को उन्होंने टोका था।

इशिता ने राहुल का लाया हुआ प्लाजो सूट बड़े चाव से पहना था उस दिन और वो बड़ी प्यारी लग रही थी।उसका मुंह लटक गया और आंखें डबडबा गई।

वहीं,देवयानी की अपनी बेटी रूपा मिनी स्कर्ट टॉप में अपनी सहेलियों संग घूमने गई तो उसको उन्होंने इग्नोर किया।वो तो घर की बेटी है,कुछ दिन मौज मस्ती करती लेगी तो क्या बिगड़ जायेगा,उनका हर बार एक ही जबाव होता अगर कोई प्रश्न कर भी देता उनसे।

राहुल जब भी अपनी मां को जबाव देने को होता,इशिता उसे रोक देती,छोड़ो भी!बड़ी हैं,कुछ बोल देती हैं तो क्या हुआ,मेरे पेरेंट्स नहीं हैं न तो शायद बड़े लोग ऐसे ही होते हों।

समय बीता,रूपा की शादी की चर्चा होने लगी थी घर में।कई रिश्ते आ रहे थे और उन सबकी रजामंदी एक इंजीनियर लड़के को लेकर बन रही थी जो हैदराबाद में बड़ी कंपनी में कार्यरत था।

जब रूपा को इस बारे में बताया गया वो भड़क गई।

इशिता भाभी! “कह देना आप मम्मी से, मैं किसी से शादी नहीं करूंगी सिवाय मेरे दोस्त निशांत के,उसकी बहुत जल्दी जॉब लगने वाली है और हम एक दूसरे से बहुत प्यार करते हैं।”

“दीदी!मुझे क्यों फंसा रही हैं?” इशिता बोली,मुझसे तो मम्मी जी वैसे ही नाराज रहती हैं,अब सोचेंगी मैंने ही आपको उकसाया है ये सब करने के लिए।

मैं दूध पीती बच्ची नहीं हूं जो कोई भड़कायेगा मुझे?वो गुस्से से पैर पटकती बोली।

तब राहुल ने ही बीड़ा उठाया इस बात को मम्मी पापा को बताने का,उसे उम्मीद थी कि वो मान जायेंगे।

लेकिन  इससे पहले वो कुछ बात करता,अगले ही दिन देवयानी जी ने बताया कि लड़के के मां बाप रूपा को देखने आ रहे हैं शाम को उनके घर।

राहुल और इशिता ,अचानक से हुए इस आदेश से घबरा गए।बात करने काकोई समय ही नहीं रहा।उसकी मम्मी, उन्हें रिसीव करने एयरपोर्ट जा रही थीं दोपहर में।उन्हें तीन घंटे लगते उनको संग लाने में।

रूपा ने झट निशांत को फोन कर अपने घर मिलने बुला लिया,वो उससे मिलकर सब प्लान बनाना चाहती थी इस बीच जिससे वो समय रहते उसके साथ भाग कर शादी कर सके।

निशांत भी तुरंत चला आया।रूपा उससे रो रोकर सारी कहानी सुनाती जा रही थी और वो उसे आश्वस्त करने में लगा था कि वो ऐसा कुछ नहीं होने देगा।

तभी तेजी से इशिता कमरे में आई और रूपा को घर के अंदर जाने को कहा।

क्या बात है भाभी?आपसे कहा था ना यहां मत आइए कुछ देर,मां भी नहीं है इस वक्त और मैं निशांत के साथ कुछ…

उसे तेजी से अंदर धकेलते हुए,इशिता,निशांत के पास आ बैठी और बातें करने लगी।वो भी चौंक गया था कि ये क्या कर रही हैं?

तभी देवयानी जी उस कमरे में आई  जो अपना मोबाइल घर में ही भूल गई थीं,उसे लेने के लिए उन्हें गाड़ी लौटा के लानी पड़ी थी।

इशिता को निशांत से घुल मिल कर बातें करते देखकर,उनके शरीर में आग लग गई।

अब ये कौन है?आज इसे यहां क्यों बुलाया है?

मेरा मित्र है मम्मी जी!इशिता मुस्कराते हुए बोली,आज ऑफिस से छुट्टी ली है न तो इससे कुछ डिस्कस करना था।

राहुल जानता है इस बारे में?वो गुस्से से चीखी।

कमाल करती हैं मम्मी जी!ये सब तो नॉर्मल बात है,उनसे परमिशन लेनी पड़ेगी अब मुझे किसी को बुलाने के लिए?वो बोली।

बेशर्मी के सारे रिकॉर्ड तोड़ेगी अब?आप जाएं यहां से निशांत की तरफ देखते वो बोलीं।इससे तो मैं निबट लूंगी।

निशांत चुपचाप चला गया वहां से और देवयानी ने इशिता को बुरा भला कहना शुरू कर दिया।

कहा था राहुल से,ऐसी किसी लड़की से शादी मत कर जिसके पेरेंट्स ही न हों पर मेरी सुनता कौन है?अब जब ये घर में गंद फैलाएगी तो घर की बेटियों पर कितना गलत असर पड़ेगा,हमारी रूपा भी तो है,मजाल है!इस तरह कभी किसी से मिली हो या घर बुलाया हो किसी को?

तब तक रूपा और राहुल भी वहां आ गए थे।

अब बस भी करो मां, भाभी को कितना शर्मसार करोगी?आप जानती भी हैं हकीकत क्या है? रूपा बोली।

तुम इन बातों से दूर रहो…देवयानी बोलीं,राहुल से बात करनी है मुझे कि ये सब क्या चल रहा है घर में?

आपके घर की इज्जत बचाने के लिए ही इशिता ये सब कर रही थी जिससे आपके झूठे स्वाभिमान पर चोट न पहुंचे।वो बोला।

क्या बक रहा है?तू तो शुरू से उसका पक्ष लेता रहा है,इसीलिए आंख पर पट्टी बांध रखी है पर मैंने नहीं।देवयानी बिफर पड़ी।

मां!पहले सुन लें बात फिर गुस्सा हो लेना जी भर कर,इशिता पराई है इसलिए सुबह शाम उसे शर्मसार करना आपने अपना कर्तव्य बना लिया है पर आज आप खुद शर्मिंदा होंगी जब जानेंगी कि निशांत आपकी अपनी बेटी के बुलाने पर यहां आया था।

क्या कह रहा है?वो बुरी तरह चौंकी।

जी..वो उससे शादी करना चाहती है भाग कर ताकि आपकी निरंकुशता से बच सके,आपने हिटलर फरमान सुना दिया उसकी शादी का बिना उससे पूछे कि उसे वो पसंद भी है या नहीं।

राहुल आवेश में आ गया था बोलते हुए…आपको धक्का न लगे,इसलिए इशिता ने ये बात अपने सिर ले ली जिससे आपको इत्मीनान से समझाया जा सके पर आप इसे ही शर्मसार किए जा रही हैं।सोचिए मां!बाहर से आई लड़की आपको मां मान रही है और आप उसे नीचा ही दिखाए जा रही हैं,इस संकुचित सोच से ऊपर उठें कि बहू है तो खराब ही होगी और बेटी बिलकुल आपकी मर्जी से सारे काम करेगी।

देवयानी के चेहरे पर शर्मिंदगी थी उस वक्त।

डॉ संगीता अग्रवाल

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