एक प्यारी सी लव स्टोरी (भाग -11) – अनु माथुर : Moral Stories in Hindi

अब तक आपने पढ़ा..

रोहित और ऋतिका की मुलाक़ात होती है… लेकिन शादी का घर होने की वजह से वो  वो ज़्यादा बात नहीं कर पाते…रजत और राशि मिल कर दोनो को कुछ देर अकेला रहने के लिए उनको बाहर ले जाने का plan बनाते हैं

अब आगे…

रोहित ऋतिका को अपने कमरे में ले आता है और उसे एक पायल देता है जिसमें आसमानी रंग के मोती लगे हुए थे |

ऋतिका वो box लेकर राशि के कमरे में आ जाती है उसके चेहरे पर खुशी झलक रही थी और वो अपने में ही खोयी हुए मुस्कुराये जा रही थी..

तुम कहाँ रुक गयी थी…..नेहा ने पूछा

ऋतिका ने खोये हुए ही कहा – वो मैं… उनके साथ थी

उनके….ओहो  नाम भी नही लेंगी अब ये और ज़ोर से हँसी….

तुम हँसना बंद करोगी…दी कहा है?

दी aunty के पास गयी है सोने ….

अच्छा…. उसने बैठते हुए बोला कल से तो रसमें शुरू हो

जायेंगी

एक बात कहूँ मैं…. नेहा ने कहा

हाँ बोलो ..

यहाँ सब कितने अच्छे हैं ना ….लग ही नही रहा कि हम ऐसे किसी और शहर में हैं… Aunty   uncle और उनकी family सब लोग कितने मिलनसार है

ह्म्म्म ये तो सही कहा तुमने

वैसे क्या बातें हुयी तुम्हारे और रोहित जी के बीच में… ?

ऋतिका मुस्कुराई ये सब छोड़ो और चलो सोने

हाए…. ये मुस्कुराना आपका बता रहा है बात आगे बढ़ गयी है….और गाने लगी

ये तेरे हाथ में मेरा हाथ

यही जज़्बात रहे दिन रात

ऋतिका ने pillow उठाया और उसकी तरफ फेंका

अरे अरे…बेचारे pillow को क्यों परेशान कर रही हो.. और ये तुम्हारे हाथ में क्या है? उन्होंने दिया है ?

तुम ना मार खा जाओगी मेरे से

अरे तो नाम ही नही ले रही हो तुम मैंने तो इसलिए बोला

अच्छा दिखाओ…

ऋतिका ने वो box उसे दिया

नेहा ने box खोला और देखते ही बोली वाह बहुत सुंदर है पायल है और तुम्हारे पसंद का colour भी

ह्म्म्म … ऋतिका ने कहा

चलो अब सो जाओ…

अरे पेहनोगी नहीं इसे..

कल पहन लूँगी मैं

Ok

ऋतिका और नेहा दोनो ही बातें करते  – करते सो गयी

अगले दिन… राशि की हल्दी की रस्म थी सुनीता जी ने ऋतिका और नेहा को सब बता दिया था कि क्या – क्या करना है…नाश्ते के बाद  दोनो राशि को तैयार करने और सामान रखने में busy थी |

सुनीता जी ने कमरे में आयी और बोली ऋतिका नेहा ये हमने सबके लिए दुपट्टा मंगवाया था… पीले रंग का जिस से सब एक से लगे…. राशि तैयार हो गयी है.. बेटा तुम दे आओगी सबको

किसको देना ही aunty

सभी को दे दो

ठीक है हम देकर आते है

ऋतिका और नेहा दोनो सबको दुपट्टा देने के लिए चली गयी

नेहा box में से दुपट्टा निकाल रही थी और ऋतिका सबको दे रही थी …

अब बस दो ही दुपट्टे बचे थे..

एक रोहित और एक रजत का वो दोनो कही दिखाई नही दे रहे थे तो नेहा ने मुकेश जी से पूछा – uncle रोहित जी और रजत कहाँ हैं… ये उनके लिए हैं

रोहित तो ये हमारे बगल वाले फ्लैट में है और रजत अपने कमरे में गया है कुछ लेने वहीं दे आओ

नेहा ने ऋतिका की तरफ देखा… मुस्कुराई और धीरे से बोली… जाओ जी अपने वाले को दे कर आओ

ऋतिका ने उसे घूर कर देखा

अरे गयी नही तुम- मुकेश जी ने कहा

जा रहे है uncle कह कर उसने एक दुपट्टा ऋतिका को दिया

ऋतिका दुपट्टा लेकर फ्लैट की तरफ गयी.. उसका दरवाज़ा थोड़ा सा खुला था

ऋतिका ने दरवाज़ा खोला और अंदर चली गयी वो इधर –  उधर देख रही थी लेकिन उसे कोई दिखा नहीं वो हॉल से होती हुयी एक कमरे की तरफ बढ़ी.. वहाँ भी कोई नही था

उसने दूसरे कमरे में देखा उसे कोई वहाँ भी नहीं दिखा … वो कुछ सोचते हुए बाहर आयी..

किसको ढूँढ रहीं हैं आप? रोहित हॉल की balcony से आते हुए बोला

वो…..आपको ये देना था… ऋतिका रोहित की तरफ घूमी तो उसने देखा रोहित ने  कुर्ता पहना हुआ था उसकी नज़र एक पल को उस पर ठहर सी गयी..

क्या देना था… रोहित के पूछने पर ऋतिका होश में आयी और बोली ..ये aunty ने दिया है सबके लिए

अच्छा तो लाएं…

कहते हुए रोहित उसकी तरफ बढ़ रहा था

ऋतिका ने दुपट्टा देने के लिए हाथ बढ़ाया तब तक रोहित उसके पास पहुँच गया था

उसने कहा ….आप ही पहना दें

जी ….

जी…और हल्का सा सिर नीचे किया ऋतिका थोड़ा सा मुस्कुराई और दुप्पटा उसके गले में डाल दिया

रोहित ने अपना सिर ऊपर किया दुपट्टे को थोड़ा सा ठीक किया… और पूछा ठीक है ?

ऋतिका ने ह्म्म्म कहा और जाने के लिए मुड़ी तो रोहित ने उसका हाथ पकड़ा और उसके क़रीब आ गया

ऋतिका थोड़ा सा घबरा गयी उसकी नज़रें झुक गयी

रोहित उसके बिल्कुल पीछे खड़ा था.. ऋतिका के दिल की धड़कने बढ़ने लगी थी

रोहित ने उससे कहा …..सामने देखिए

ऋतिका ने अपनी झुकी हुयी नज़रों को ऊपर उठाया

तो सामने बड़ा सा आईना लगा हुआ था

ऋतिका और रोहित का  उसमें दिखाई दे रहे था

रोहित ऋतिका को और ऋतिका रोहित को आईने में देख रही थी

रोहित मुस्कुराया और बोला

ह्म्म्म…कैसी लगी आपको हमारी जोड़ी

ऋतिका शर्मा कर नीचे देखने लगी तो रोहित मुस्कुराया और उसकी तरफ देख  बोला अपने उस ख़ास से कह दीजिए कि आपको कोई ख़ास मिल गया है…

और शुक्रिया

ऋतिका ने धीरे से पूछा..शुक्रिया किसलिए ?

हर पल मेरे एहसास को अपने साथ  रखने के लिए

ऋतिका ने रोहित से हाथ छुड़ाया और भागती हुयी बाहर की तरफ जाने लगी

उसकी पायल की आवाज़ सुनकर रोहित फिर से मुस्कुरा दिया

उधर नेहा ने रजत के रूम में knock किया

आ जाओ अंदर से आवाज़ आयी

नेहा ने दरवाज़ा खोला और रजत से बोली… ये aunty ने दिया है सबको पहनना है हल्दी में… उसने देखा रजत कुछ ढूँढ रहा है

अच्छा….यहाँ रख दें आप… रजत ने पलंग की तरफ इशारा करते हुए कहा

नेहा ने पूछा क्या ढूँढ रहे हैं आप ?

ये कुर्ते का बटन अभी तो यहीं था.. पता नही कहाँ गुम हो गया कहते हुए वो बटन ढूँढने लगा

दिखाइए कैसा बटन है कहते हुए वो रजत के क़रीब आ गयी थी…

रजत ने उसे इतना नज़दीक देखा तो उसके दिल की धड़कन तेज़ हो गयी

अच्छा ऐसा है बटन… आप देखिए मैं भी देखती हूँ

वो बटन ढूँढने लगी तो रजत ने अपने दिल पर हाथ रखा उसे अपनी धड़कने तेज़ होती हुयी महसूस हुयी

क्या हुआ… ?नेहा ने कहा

कुछ नहीं … तो देखिए ना बटन

ह्म्म्म कह कर रजत बटन ढूँढने लगा रजत नेहा की तरफ ही देखे जा रहा था जो बटन ढूँढने मे लगी हुयी थी

ये रहा… नेहा ने बटन हाथ में लेते हुए कहा

Thanks…

नेहा ने बटन उसको दिया और कमरे से बाहर निकल आयी

रजत जाते हुए उसे देख रहा था…

राशि की हल्दी की रस्म शुरू हो गयी थी सबने राशि को हल्दी लगाई..

ऋतिका , नेहा और बाक़ी सब ये देख रहे थे

सुनीता जी ने ऋतिका और नेहा को बुलाया

और राशि को हल्दी लगाने को बोला

ऋतिका और राशि को हल्दी लगायी… सुनीता जी ने थोड़ी सी हल्दी ले कर ऋतिका के गाल पर लगाई और मन ही बोली ये हल्दी जल्दी से अब तुम्हें भी लगे और उसे देख कर मुस्कुराने लगी |

सब बड़े लोग रस्म करके खाना खाने चले गए….. रजत ने गाना लगा दिया था सब उस पर थिरकने लगे..

सबने राशि को भी उठाया और उसके साथ खूब  dance किया

रोहित और रजत ने राशि को गले से लगा लिया…

सबने देखा तो रुक गए… राशि की आँखों में आँसू आ गए. रोहित और भी थोड़ा सा भावुक हो गए थे…

ऋतिका और नेहा की भी आँखे छलक आयी थी

तभी नेहा कहा…. अरे क्या आप दोनो भी दी को रुलाओ मत चलो चलो दी को नहा लेने दो फिर मेहंदी भी तो लगनी है और फिर संगीत भी तो है

रोहित और रजत आँखों में आँसू लिए मुस्कुरा कर राशि से अलग हुए…

ऋतिका और नेहा राशि को लेकर कमरे में जाने लगे ऋतिका ने पीछे पलट कर देखा और आँखों से ही शांत होने को रोहित को बोला… रोहित मुस्कुरा दिया

रजत रोहित को देख कर बोला… भाई  ये हो क्या रहा है… ?

क्या…?

सब दिख रहा है हमे… आप ऋतिका दी को जैसे देखते हो लगता है कुछ गड़बड़ है

क्या गड़बड़ है.. ह्म्म्म?

अब वो तो आप बतायेंगे ना कि गड़बड़ कहाँ है?

चुप करो तुम और मैंने भी देखा नेहा के साथ…. तुम काफी घुल मिल रहे हो क्यों?

ऐसा कुछ नही है भाई..

तभी रोहित गाने लगा

दो दिल मिल रहे है मगर चुपके-  चुपके

भाई..

जाओ तुम भी नहा लो तुमको भी हल्दी लगा गयी है

और आपको भी

दोनो हँस दिए और अपने कमरे में चले गए

कुछ देर बाद मेहंदी लगाने वाले आ गए थे वो राशि को मेहंदी कैसी लगानी है पूछ रहे थे…. ऋतिका और नेहा भी उसके पास ही बैठी थी और disign देख रही थी राशि को जो पसंद आया था वो मेहंदी लगने लगी थी

सुनीता जी ने मेहंदी वाली को बोला दुल्हन के साथ – साथ हमारी ऋतिका के हाथों में भी प्यारी सी मेहंदी लगाना…

जी …उसने कहा

राशि ,ऋतिका ,नेहा, सुनीता जी और बाक़ी सबके भी मेहंदी लगा कर वो लोग चले गए

राशि के साथ ही ऋतिका और नेहा दोनो के हाथों में भी बहुत प्यारी सी मेहंदी लगी थी | 

रात को संगीत का प्रोग्राम था…सबने खूब dance किया और खूब मज़े किए…

Dinner के वक़्त रोहित ऋतिका के पास आया और धीरे से बोला…..आप थोड़ी देर के लिए नीचे आयेंगी…

जी …ऋतिका ने कहा

बिल्डिंग के नीचे garden में

ऋतिका कुछ नही बोली

रोहित ने कहा – मैं आपका इंतज़ार कर रहा हूँ आप आयें और कह कर चला गया

ऋतिका ने खाना खाया और जाने लगी तो नेहा ने पूछा कहाँ जा रही हो मैं भी चलती हूँ

रजत ने रोहित को ऋतिका से कुछ कहते हुए देख लिया था

उसने कहा… अरे आपको तो दी बुला रहीं है… जाने दो ऋतिका दी को आप चलो मेरे साथ

नेहा ने अच्छा कहा और रजत के साथ चल दी

रजत ने चलते चलते कहा – क्या आप भी अरे जाने दो उन्हें भाई ने बुलाया होगा… रहने दो उन्हें अकेला कुछ बातें करने दे

ये क्या था मैं भी चलूँ.. ?

अरे तो मुझे क्या पता था

वैसे इन्हे सब पता होता है…

क्या  कहा ?

कुछ नहीं …अच्छा आप ice – cream खायेंगी

Ice – cream का नाम सुनते ही नेहा खुश होते हुए बोली कहाँ है

.

ये है रजत ने दो चोको बार अपने पीछे वाले हाथ से निकाल के उसको दी

वाह दो

नही सिर्फ एक…

और दूसरी

वो मेरे लिए है

नेहा ने मुह बनाया और खाने लगी

ऋतिका lift से नीचे आयी और garden की तरफ गयी उसने देखा रोहित उसका इंतज़ार कर रहा था… वो उसके पास आ कर बोली – क्या हुआ आपने ऐसे क्यों बुलाया ?

रोहित ने उसको साथ चलने का इशारा किये तो वो उसके साथ चलने लगी

रोहित ने कहा …मुझे कुछ देखना था

क्या?

आप बैठे फिर बताता हूँ

ऋतिका garden में लगी हुयी bench पर बैठ गयी

रोहित भी उसके पास बैठ गया

वो उसकी तरफ घूमा और उसके दोनो हाथों को अपने हाथ में ले कर देखने लगा

ऋतिका ने देखा तो पूछा क्या देख रहे है आप ?

आपकी मेहंदी

क्या हुआ जो आप ऐसे मेहंदी देख रहे है ?

मैं अपना नाम देख रहा हूँ

ऋतिका हँसी और बोली…. मेहंदी में नाम शादी के वक़्त….उसने इतना कहा और रुक गयी

रोहित ने उपर देखा और मुस्कुराया….

तो अब मेरा नाम आपके हाथों मे देखने के लिए …

ऋतिका शर्मा के  नीचे देखने  लगी उसने रोहित से  अपना  हाथ छुड़ा लिया |

आशा करती हूँ कहानी का ये भाग आपको पसंद आया होगा

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धन्यवाद

स्वरचित

कल्पनिक कहानी

अनु माथुर

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