एक प्यार ऐसा भी …(भाग -49) – मीनाक्षी सिंह : Moral Stories in Hindi

जैसा कि आप सबने अभी तक पढ़ा कि राजू का इंटरव्यू का रिजल्ट भी आ गया है ….. सचिन,,निम्मी का मंगेतर राजू को फ़ोन करता है … उससे कहता है … राजू तुमसे एक बात करनी है …

रोहित सर पीछे से आकर राजू को कसके गले लगा लेते है …..

अब आगे…

राजू… तुझे पता चला तू ……??

रोहित सर बोले….

सर अभी मैँ सचिन से बात कर लूँ….

तब आपकी बात सुनता हूँ….

राजू ये वक़्त बात करने का नहीं…

ख़ुशी मनाने का है …. यू क्रैक्ड आल फेजेज ऑफ़ आईएएस …. तू ऑफिसर बन गया राजू……

राजू चेहरे पर मुस्कान लिए बोला…

सर प्लीज थोड़ा टाइम दे दें….

बात कर लूँ सचिन से…

तब आता हूँ….

क्या लड़का है ये…

कोई ख़ुशी ही नहीं….

इसके लिए बात करना ज्यादा ज़रूरी है …..

ठीक है मैं हॉल में भी हूँ….

वेटिंग फॉर यू  …..

रोहित सर के ज़ाते ही राजू सचिन से बोला…

हां सचिन…

बोलो…

क्या कह रहे थे तुम……??

राजू….. बहुत बहुत बधाई ….

आखिर तुम्हारा सपना पूरा हुआ….

तुम्हारा ही क्यूँ किसी और का भी …

जाओ….

ख़ुशी एंजॉय करो….

सबको बताओ….

मुझसे बाद में बात कर लेना…….

सचिन बोला….

नहीं सचिन….

प्लीज बताओ…

तुम क्या कह रहे थे ??

और किसका सपना पूरा हुआ मेरे साथ …..

राजू पूछता है ……

तुम्हारे माँ,,पापा ,, बाबा गांव वालों का….

सचिन बोला…

हां…. थैंक यू ….

राजू धीरे से बोला…

और निम्मी का जो ना जाने कबसे तुम्हारे लिए सोमवार के व्रत रख रही है ……

लड़कियां अच्छे वर के लिए रखती है  …

और पागल निम्मी तुम्हारे लिए …..

क्या सच में सचिन ??

हां…. मेरे मन पर बहुत बोझ है राजू…

जो मैं ऊतारना चाहता हूँ….

कैसा बोझ ??

राजू बोला….

मैं निम्मी से शादी नहीं कर सकता….

उसके दिल पर तो सिर्फ और सिर्फ राजू का नाम लिखा है ……

मैने बहुत कोशिश की राजू कि उसके दिल में अपने लिए जगह बना पाऊँ….

पर नहीं बना पाया….

जब भी  बात करो निम्मी से …….बस तुम्हारा ज़िकर करती है ….

मैने कई बार पूछा कि तुम राजू की इतनी बातें क्यूँ करती हो??

क्या तुम राजू से प्यार करती हो निम्मी ??

तो क्या बोली सचिन वो…..??

राजू अधीर हो रहा था ….

यहीं कि नहीं सचिन जी वो तो बस मेरा दोस्त है ….

राजू का चेहरा इस बात से मुर्झा गया…..

पर उस दिन जब मैने निम्मी से कहा कि निम्मी अब हमारी शादी का सिर्फ एक महीना बचा है ….

वो फफककर रो पड़ी ….

इतनी जोर से रोयी कि मैं घबरा गया…..

ओह तो निम्मी मेरे पीछे से रोती भी है ….

मैं तो उसे कभी नहीं रोने देता था ….

फिर क्या बोली निम्मी ….. सचिन….

राजू बोला…..

दुबारा पूछने पर वो बोल पड़ी….

सचिन जी… मुझे माफ कर दीजिये … मैं आपको अपने दिल में वो जगह नहीं दे पायी जो राजू की है … जैसे जैसे शादी का दिन पास आ रहा है , मन घबरा रहा है …सचिन जी…..

राजू तो यह सुन जैसे बांवरा सा हो गया…..

तुमने क्या बोला सचिन फिर ….

मना कर दी ना शादी की….

नहीं राजू…. हमारी सगाई हो चुकी है ……

निम्मी बोली… मेरे आगे छोटी बहने है …

माँ बापू जीते जी मर ज़ायेंगे……. अगर मेरी शादी नहीं हुई तो….

सचिन बोला….

निम्मी ने तो तुमसे शादी के लिये सबके सामने हां की थी कि तुम उसे पसंद हो…

फिर निम्मी ने ऐसा क्यूँ कहा सचिन ??

राजू पूछता है …….

मैने ये भी पूछा उससे राजू…..

क्या बोली फिर वो…

राजू के दिल की धड़कने बढ़ रही थी ……

वो बोली…. कि सचिन जी…. राजू अफसर बन जायेगा…. उसे कोई बहुत पढ़ी लिखी शहर की अच्छी नौकरी वाली लड़की मिल जायेगी…. और मैं कहां गंवार,,गांव की निम्मी ….

और मुझे लगता है शायद भावना मैडम राजू से प्यार करती है ….उनकी आँखों में राजू के लिये प्यार देखा है मैने…..

और राजू भी तो जब भी गांव आता है उनकी ही बात करता है …. मैँ तो बस राजू को खुश देखना चाहती हूँ… चाहे निम्मी को कितनी भी तकलीफ हो जायें …..

सचिन बोला….

ओह निम्मी तू भी बिलकुल पागल है ….. बचपन से इतना नहीं जान पायी कि राजू के दिल में सिर्फ और सिर्फ निम्मी है … ज़िसे वो टूटकर चाहता है ….

कितनी तकलीफ में है मेरी निम्मी ……

राजू की आँखों से आंसू झर झर बह रहे थे ….. .

अब तुम ही बताओ राजू कि मैँ दो प्यार करने वालों के बीच में कैसे आ सकता हूँ….. भगवान भी मुझे माफ नहीं करेगा….

पर दूसरी तरफ निम्मी की इज्जत है …..

अब तुम ही राजू निम्मी के घरवालों को समझा सकते हो….

तेरी ज़रूरत है निम्मी को….. जाकर अपना लो  निम्मी को…

अगर मैने ना किय़ा तो पूरे गांव में उनकी नाक कट जायेगी….

सचिन बोला….

पर सचिन ये बात तो तुम पर भी लागू होती है ……

तुम्हारे घरवालों की भी तो इज्जत है ….

उसका क्या ….

राजू बोला….

उसकी फिकर तुम मत करो….. उसे मैं संभालूँगा….

मुझे इस रिश्ते से आजाद करो…..

सचिन बोला….

ठीक है ….

मैँ तुमसे फिर बात करता हूँ….

ठीक है राजू….. मैं वेट करूँगा…..

राजू फ़ोन रख देता है ….

भागता हुआ रोहित सर के पास आता है …

सर को गोद में उठा लेता है ….

ओह सर… आज राजू बहुत खुश है …. इतना की बता नहीं सकता…..

मुझे उतार पहले ….

गिर जाऊंगा…

अभी तो खुश नहीं था …. अब अचानक से क्या हो गया तुझे??

तेरा भी कुछ समझ नहीं आता….

वैसे ऑफिसर बनना दुनिया की सबसे बड़ी ख़ुशी है राजू……

सर वो ख़ुशी तो है ही…. पर उससे भी बड़ी ख़ुशी ये है कि निम्मी राजू से बहुत प्यार करती है …..

मैँ जा रहा निम्मी के पास…..

राजू ख़ुशी से पागल था ….

राजू…. ये गलत है ….

तूने भावना से शादी का वादा किया है … पता है ना तुझे…..

एक ऑफिसर अपनी बात से मुकरता नहीं….

रोहित सर बोले….

ओह सर… ये तो मैँ भूल ही गया…

क्या करूँ….. निम्मी के बिना मैं मर जाऊंगा…

औए तेरे बिना भावना… जानता है ना??

राजू और कुछ बोलता….

उससे पहले भावना मैडम अपने पापा के साथ रोहित सर के घर आ गयी….

राजू….. यू आर माय हीरो…. माय डार्लिंग. …. माय लव…

आई एम प्रॉउड ऑन यू….

तुमने कर दिखाया राजू…

भावना मैडम राजू को गले से लगा लेती है ….

भावना मैडम के पापा अपनी बेटी को खुश देख मुस्कुरा रहे है …..

राजू कोई प्रतिक्रिया नहीं देता….

मैम… आपसे कुछ कहना है…..

बोलो राजू…… आज़ तो मैँ तुम्हारी हर बात सुनने को तैयार हूँ….

भावना मैम ख़ुशी से नाच रही है …….

मैम…. मैं निम्मी से प्यार करता हूँ…. और निम्मी मुझसे…..

बचपन से सिर्फ निम्मी को ही चाहा है मैने…..

राजू बोला….

राजू तुम ये क्या कह रहे हो…. पापा…….

भावना मैडम चक्कर खाकर जमीन पर गिर जाती है …

राकेश का फ़ोन आता है राजू के पास…

राजू तेरे अफसर बनने की खबर मिलते ही निम्मी ने जहर खा लिया रे …… शायद वो अब नहीं बच पायेगी ….

ये क्या बोल रहा है राकेश…..

राजू चीख पड़ता है ….

आगे की कहानी और अंतिम भाग कल…. लाइक और कमेंट करते जायें ….

ॐ नमः शिवाय

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मीनाक्षी सिंह की कलम  से

आगरा

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