दास्तान इश्क़ की (भाग -22)- अनु माथुर : Moral stories in hindi

अब तक आपने पढ़ा…

आदित्य मीटिंग के लिए सभी सरपंचों को घर पर बुलाता है सभी उसकी शादी की बात सुनकर हैरान होते है और उसे बधाई देते हैं….

अब आगे…

आदित्य घनश्याम जी और बाक़ी सरपंचों के साथ घर के अंदर आता है…. राधिका लाजो  डाइनिंग टेबल पर खाना लगवा रही थी…. वो सबको आते हुए देखती है और एक नौकर से पानी लाने को बोलती है..

आदित्य सबके साथ हॉल में रखे हुए सोफे पर बैठ जाता है….आदित्य लाजो को राधि को बुलाने के लिए कहता है .. लाजो हाँ में सिर हिलाती है और राधिका को लेन चली जाती है

कुछ देर में लाजो राधिका को ले कर आती है सभी उसे देख कर खड़े हो जाते है और राधिका सबको हाथ जोड़ कर प्रणाम करती है  और बैठने को बोल कर खुद आदित्य के पास बैठे जाती है सबने देखा राधिका के हाथ में प्लास्टर और सिर पर बेनडेज बंधा हुआ है

घनश्याम जी ने कहा -” माफ कीजियेगा  ठाकुराइन हमें पता ही नहीं था कि कुँवर ने शादी कर ली है हम आपके लिए कोई तोहफा ले कर नहीं आए… “

राधिका ने मुस्कुराकर कहा – “तोहफे की ज़रूरत नहीं है बस आपका आशीर्वाद रहे उतना ही काफ़ी है… “

उनमें से एक जिनका नाम किशन था उन्होंने पूछा – आपको इतनी चोट लगी कैसी?

राधिका से पहले आदित्य बोला वो एक हादसा था जिसमें इनको लग गयी ..

कुँवर कुछ छुपा रहें है??इतनी चोट लगी है इनको और…. घनश्याम जी ने कहा

नहीं घनश्याम जी हादसा ही था बस इनको

ज़्यादा लग गयी….. आदित्य ने उनकी बात के बीच में ही कहा

लाजो ने राधिका को इशारे से कहा खाना लग गया है

राधिका ने कहा – बाक़ी बातें बाद में करेंगे… चलिए सब खाना लग गया है..

आदित्य के साथ सब लोग उठकर डाइनिंग

टेबल पर आ गए…. आदित्य ने राधिका के लिए कुर्सी निकाली  उसको बैठाया… और खुद उसके पास वाली कुर्सी पर बैठ गया

सभी बैठ गए थे….. नौकरों ने खाना परोसा और आदित्य के शुरू करने पर सबने खाना शुरू किया लेकिन राधिका उल्टे हाथ से खा नहीं पा रही थी …. आदित्य ने देखा तो वो राधिका को अपने हाथ से खिलाने लगा…

सबने खाना खाया और लाजो राधिका को वापस रूम में छोड़ आयी उसने राधिका को दवा दी और आराम करने को बोला…

घनश्याम जी ने आदित्य से कहा – अगर कोई भी ज़रूरत हो आपको तो बेझिझक कहियेगा… और हाथ जोड़ कर बोले अभी हम चलते है

आदित्य ने मुस्कुराकर जी कहा और भुवन को सबको बाहर तक छोड़ने के लिए बोला..

तभी आदित्य का फोन बजा केशव का नाम फोन पर दिखायी दे रहा था आदित्य हॉल से सीधे स्टडी रूम में गया फोन पिक किया और बोला

हैलो केशव बताएं

प्रणाम कुँवर…. कुँवर आपने जो पता लगाने के लिए बोला था वो सब पता लग गया है ….. ओम ठाकुर  फिल्हाल तो कहीं नहीं गए है विक्रम को चोट लग है तो वो भी  घर पर ही है

सुधीर सिंह अपनी पत्नी के साथ उनके ससुराल गए है कोई पूजा है वहाँ.. दिनेश भी गया है

हम्म आदित्य ने कहा और ??

कुँवर किसी का कॉल तो ऐसा आया नही सब उनके रिश्तेदारों का ही था….

उनसे मिलने वालो की लिस्ट मैंने आपको भेजी है आप देख लें..

ठीक है अभी उनपर नज़र रखो कुछ भी लगे तो बताना

जी कुँवर प्रणाम कह कर केशव ने फोन कट कर दिया |

आदित्य वहीं बैठ कर कुछ काम करने लगा शाम हो चली थी आदित्य को काम करते हुए काफी टाइम हा गया था …

राघव कावेरी को ऑफिस से लेकर आ गया था लेकिन उसे आदित्य कहीं नहीं दिखा तो उसने  राधिका से पूछा – भाभी आदि कहाँ है??

वो स्टडी रूम में हैं …

अच्छा मैं देखता हूँ….और लाजो जी आपने कुछ तो अच्छा सा बनाया होगा ना तो उसके साथ बढ़िया सी चाय अगर मिल जाती तो…

बना रहें हैं…. लाजो ने कहा

राधिका और कावेरी को लाजो की इस बात पर हँसी आ गयी…

राघव  ने स्टडी का दरवाज़ा खटखटाया और अंदर चला गया…. उसने देखा आदित्य मोबाइल में कुछ देख रहा है

आदि उसने पुकारा…

आदित्य ने बिना सिर ऊपर उठाए हुए बोला -” हम्म”

क्या देख रहे हो ?? बीज़ी हो?

कुछ ख़ास नहीं तुम बताओ?

ऑफिस में मम्मी का फोन आया था वो सब एक हफ्ते बाद आ जायेंगे और भाभी को ऐसे देखेंगे तो?

आदित्य ने अपनी कुर्सी पर से उठाते हुए कहा बता देंगे उन सबको कि क्या हुआ है.. थोड़ा होंगे परेशान लेकिन और कोई रास्ता नहीं है…… मैं राधिका को कहीं लेकर नही जा सकता वो घर में ही सेफ है….

हाँ ये बात तो बिल्कुल सही है … और कुछ?

केशव ने जो लिस्ट भेजी है मिलने वालों की उसमें आकांशा भी है

आकांशा वो तो london में थी ना यहाँ कब आयी?

पता नहीं ??और वो विक्रम से मिलने कई बार आयी उसके परिवार वालों के साथ

परिवार के साथ??

हम्म

चलो देखते है फिल्हाल तो बाहर चलो सब चाय पर इंतज़ार कर रहे हैं

चलो……. आदित्य और राघव दोनों बाहर आ गए

राधिका और कावेरी उन्हीं का इंतज़ार कर रहे थे….. वो दोनों आए तो राधिका ने उनकों को  चाय नाश्ता दिया ….

राघव ने बताया की सब एक हफ्ते बाद वापस आ रहे हैं राधिका और कावेरी उनका बात सुनकर खुश हो गयी…..

राधिका ने कहा – सब आ जाए तो हम आप दोनों कि शादी की बात करेंगे….

हाँ बिल्कुल अब इसको भी कोई कंट्रोल करने वाला चाहिए आदित्य ने कहा

राघव मुस्कुरा रहा था और कावेरी सिर नीचे किए हुए थी

एक हफ्ता यूँ ही निकल गया… देवेंद्र जी और वीर प्रताप जी को airport लेने आदित्य और राघव दोनों गए थे वो दोनो बाहर खड़े थे कि उन्हें सब आते हुए दिखायी दिए…

आदित्य और राघव ने आगे आ कर सबके पैर छुए… रुपाली ने दोनों को गले से लगा लिया… और हाल चाल पूछे सब गाड़ी में बैठ कर घर की तरफ चल पड़े

कुछ देर में सब घर पहुँच गए…. कावेरी और लाजो  दरवाज़े पर खड़ी हुयी थी दोनों ने सबके पैर छुए और अंदर आने के लिए बोला सब अंदर आ गए कावेरी ने लाजो को सबसे मिलवाया….. लाजो चाय नाश्ता लेने किचन में चली गयी….

देवेंद्र जी ने इधर उधर देखा और पूछा – कुँवर लाडो नहीं दिख रहीं कहीं बाहर गयी है क्या?

उनकी इस बात पर आदित्य, राघव और कावेरी एक दूसरे को देखने लगे कावेरी ने कहा – वो अंदर है मैं अभी उसको लेकर आती हूँ

आदित्य ने कावेरी को रोकते हुए कहा – आप रेहनें दें हम आते हैं ले कर उन्हें

कावेरी रुक गयी

आदित्य अपने रूम की तरफ गया और कुछ देर में राधिका को लेकर बाहर आया राधिका के सिर पर अब बेनडेज नही था लेकिन हाथ में प्लास्टर अभी भी था..

सबने जब राधिका को ऐसे देखा तो उठ कर अपनी जगह से खड़े हो गए…..

शीतल लगभग दौड़ती हुयी राधिका के पास पहुँची   राधिका क्या हुआ ??  कह कर उन्होंने उसे गले से लगा लिया रुपाली भी राधिका के पास आयी और पूछा – ” क्या हुआ ये सब राधिका को इतनी चोट कैसे आयी? “

कुछ नही हुआ  हमें हमें  ठीक हैं – राधिका ने कहा

ये कहाँ से ठीक है हाथ में प्लास्टर और किसी ने हमें बताया क्यों नही – रुपाली ने थोड़ा ज़ोर से पूछा

आदि क्या हुआ है??

आप बैठिये काकी हम सब बताते हैं ….

आदित्य ने सबके साथ राधिका को ले जाकर बैठा दिया और सब बात बतायी जो जो हुआ

वीर प्रताप जी ने सब बात सुनी और बोले –  विक्रम और दिनेश ने इतना कुछ कर दिया?? और पुलिस ने उन्हें अरेस्ट क्यों नहीं किया???

किया था लेकिन उनका वकील पूरी तैयारी से बैठा था शायद…बेल मिल गयी उन्हें….वैसे भी उसे सज़ा हमें देंगे पुलिस हिरासत में वो वैसे भी बहुत दिनों नही रहेगा ओम ठाकुर उसे छुड़ा ही लेंगे – आदित्य न कहा

तो क्या सोचा है आपने – देवेंद्र जी ने कहा

फिल्हाल तो हम कुछ नही कर सकते क्योकि राधिका को चोट लगी है वो जब तक ठीक पूरी तरह से ठीक नही हो जाए

हम कुछ नहीं करेंगे… आदित्य ने कहा

सब उसकी इस बात से सहमत थे

लाजो ने सबके लिए नाश्ता लगवाया और चाय बनायी

आपका trip कैसा रहा??  राधिका ने पूछा

Trip बढ़िया था सबने कहा

आप सब थोड़ा रेस्ट कीजिए फिर हमे वहाँ की बातें बताना राधिका ने शीतल से कहा

वीर प्रताप जी और रुपाली अपने घर जाना चाहते थे लेकिन आदित्य ने उन्हें रोक लिया दोपहर को सबने खाना खाया शीतल और रुपाली ये देख कर खुश थे की राधिका और आदित्य साथ है…

सब बैठ कर बातें कर रहे थे….कावेरी का फोन बजा तो वो फोन लेकर बाहर चली गयी……

बातों ही बातों में रुपाली ने कहा – अब राघव का भी बांधने वाली मिल जाए तो बस मैं फ्री हो जाऊँ

राघव ने कहा आप फ्री कैसे हो जायेगी??

वो ऐसे कि तब तुम उसके साथ बीज़ी रहोगे और मैं तो कह दूँगी मेरी बहू से कि अब तुम संभालो…

राधिका अब तुम्हारी ज़िम्मेदारी है इसके लिए अच्छी सी लड़की ढूंढना बिल्कुल तुम्हारी तरह….

काकी आप पहले राघव जी से पूछ लें क्या पता उनको की पसंद हो?? राधिका ने कहा

अरे इसे कौन पसंद करेगा ?? वो तो हमें ही करना पड़ेगा …..

काकी वैसे हमें पता है कोई है जिसे राघव पसंद है – आदित्य ने कहा

क्या कह रहे हो आदि?? किसी को ये पसंद आ गया कौन है वो अरे उसने ठीक से देखा नही होगा इसे

राघव रुपाली की इस बात पर मूँह बना कर  देखने लगा….वो बोला – ” देखा इनको मैं पसंद नहीं हूँ और कोई मुझे पसंद करे इनको यकीन ही नही है “

राधिका ने कहा काकी ज़्यादा दूर जाने की ज़रूरत नहीं है राघव जी के लिए अगर आपका एतराज़ ना हो और आपने हमें ज़िम्मेदारी दी है तो कावेरी को राघव जी पसंद है और राघव जी को कावेरी

क्या कावेरी ? राधिका क्या कह रही हो ??

इतनी प्यारी लड़की है कावेरी..समझदार और सुघड  हमें तो शीतल जी ने सब बताया उसके बारे में उसे ये राघव पसंद है?? कुछ गलत सुना क्या मैंने? कावेरी से भी पूछ लो एक बार

फिर – रुपाली ने कहा

नहीं काकी आपने सही सुना है .. आदित्य ने कहा

लीजिये आपकी तो परेशानी ख़तम हो गयी… चार धाम की यात्रा सफल हो गयी आज ही हम आए और ये देखिये मुराद पूरी हो गयी आपकी  – शीतल ने कहा

तभी कावेरी बात करके अंदर आ गयी सब उसकी तरफ देखने लगे…. उसने पूछा क्या हुआ??

रुपाली खड़ी हुयी और बोली – हमें कुछ पता चला है….. कावेरी ने राधिका की तरफ देखा जो इस  वक़्त शांत थी…

रुपाली ने कहा – मैं तो तुम्हें बहुत समझदार समझती थी लेकिन ये क्या तुम तो बिल्कुल भी समझदार नही हो….सोच समझ के फैसला किया है तुमने?

कावेरी को कुछ समझ नही आ रहा था कि किस बारे में बात हो रही है उसने पूछा किस बारे में फैसला?

रुपाली ने कहा हमारी बहू बनने का फैसला….. कावेरी एक मिनट के लिए स्तब्ध हो गयी  उसने अपनी नज़रें नीची कर ली रुपाली ने उसका हाथ पकड़ते हुए कहा सोच लो एक बार फिर कह रही हूँ…..

कावेरी वैसे ही खड़े हुए मुस्कुराने लगी…

रुपाली ने वीर प्रताप जी कहा हमें तो कावेरी अपने राघव के लिए  पसंद है आपकी क्या राय है ??

जब आपको पसंद है तो हमें भी पसंद है वीर प्रताप जी ने कहा

रुपाली ने कावेरी को गले से लगा लिया

अब इतनी बड़ी खुशी है तो मूँह मीठा करना तो बनता है…… लाजो मिठाई ले आओ जो हम यात्रा से लाए है.. शीतल ने कहा

लाजो मिठाई ले कर आयी और सबने कावेरी और राघव को मिठाई खिलायी….!!

आशा करती हूँ कहानी का ये भाग पसंद आया होगा…नये भाग के साथ  जल्दी ही मिलूँगी……..

अगला भाग

दास्तान इश्क़ की (भाग -23)- अनु माथुर : Moral stories in hindi

धन्यवाद

स्वरचित

कल्पनिक कहानी

अनु माथुर 

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