दास्तान इश्क़ की (भाग -21)- अनु माथुर : Moral stories in hindi

अब तक आपने पढ़ा….

आदित्य राधिका को लेकर घर आ जाता है और राघव कावेरी से अपने प्यार का इज़हार करता है ….कावेरी राघव को अपना लेती है

अब आगे….

कावेरी राधिका को आदित्य के कमरे में छोड़ कर बाहर आ जाती है और बैठ कर अपना फोन देखने लगी….लाजो किचन का काम करके बाहर आयी और कावेरी से बोली- दीदी अब आप भी आराम करो

कावेरी ने उसकी तरफ देखा और हाँ बोला

वैसे लाजो ये हाथ में टिफिन लेकर कहाँ जा रही हो ??

वो हैं ना भुवन जी उनके लिए ….

तभी राघव स्टेडी रूम से बहार आया  और उसकी ये बात सुन बोला –  ओहो क्या बात है भुवन जी का बड़ा ख़्याल  रखा जा रहा है? काश! कोई हमारा भी इतना ख़्याल रखता कहते हुए  वो कावेरी की तरफ देखने लगा…. कावेरी बस उसे मुस्कुराते हुए देख रही थी…

लाजो ने कहा – मुझे सब पता है ये आप दोनो के बीच क्या हो रहा है??

राघव ने कहा – अच्छी बात है तो अब हमें छुपाने की ज़रूरत नहीं है … राघव आ कर कावेरी के पास बैठ गया..

वैसे पता तो हमें भी चल रहा है.. टिफिन तो बहाना है आपको भुवन के दिल को जीतना है क्यों लाजो जी?

इस बात पर कावेरी ने कहा – क्या कहा आपने लाजो भुवन जी से

हाँ जी…..

अरे लाजो रानी बच के ये भुवन जी बड़े खतरनाक है देखा था ना तुमने….और वो तो कुँवर जी साथ चुंबक के जैसे रहते है वो

एक मिनट के लिए भी अलग नही होते और गुस्सा उनका उफ्फ ये किसे पसंद कर लिया तुमने देखो अभी भी सोच लो…

सोच लिया दीदी मेरे लिए तो वो ही हैं…कह कर वो भुवन को टिफिन देने चली गयी

क्या ये लाजो भी ना  पता नहीं क्या होगा इसके साथ..

उसके साथ जो होगा वो संभाल लेगी

आप अपनी बात करें…..

आपको देर नहीं हो रही…. कावेरी ने कहा

उफ्फ़ कहाँ मैं ये सोच रहा था कि आप मुझे रोकेंगी और आप तो मुझे जाने की बात कर रहीं हैं… आप कहें तो रुक जाऊँ???

जी नहीं आप जाएं वैसे भी दो तीन दिन से आप यहीं है

अरे तो ये आदि का घर है और मेरा सेकंड होम…

तो आप रुकें मैं जा रही हूँ…. कह कर कावेरी उठ गयी…

राघव ने उसका हाथ पकड़ा और उठते हुए कहा….

हाथों में तेरा हाथ रहे

ज़िन्दगी भर का साथ रहे

एहसासों से केवल बात हो

कुछ तुम कहो ,कह हम कहे

कावेरी ने उसे देखा मुस्कुराई और अपना हाथ राघव से छुड़ाने लगी

राघव ने कावेरी से पूछा – भाभी ठीक है?

हाँ वो ठीक है

फिर हम भी चलते है … गुड नाइट

कावेरी राघव को दरवाज़े तक छोड़ने आयी गुड नाइट कहा और चली गयी …

आदित्य काम ख़तम करके अपने रूम में आया उसके रूम में नाइट लाइट जली हुयी थी वो अलमारी की तरफ बड़ा उसमें में  अपने कपड़े निकाले और वॉशरूम की तरफ जाने लगा…… अचानक उसके कदम रुक गए उसने देखा खिड़की के पास

कोई खड़ा है वो आगे बढ़ा तो देखा राधिका थी…..

उसने राधिका से पूछा – आप?? क्या हुआ आपकी तबियत तो ठीक है?? डॉक्टर को बुलाऊँ मैं ??

राधिका ने नहीं में अपना सिर हिलाया..

फिर क्या हुआ है??

राधिका ने अपनी नज़रों को नीचे किया और बोली – वो कावेरी यहीं छोड़ कर गयी है बोली अब तुम यहीं रहो …

आदित्य अपनी ही सोच में गुम था वो बोला अच्छा ….और वॉशरूम की तरफ जाने लगा…… उसने दो कदम बढ़ाए ही थे कि वो फिर राधिका की तरफ मुड़ा और बोला – क्या कहा अपने फिर से कहिए??? आप यहाँ ??

राधिका ने कुछ नहीं कहा बस सिर नीचे किये खड़ी रही

आदित्य ने अपने कपड़े एक तरफ रखे और राधिका के पास जाकर उसे गले से लगा लिया  ….. कुछ देर वो ऐसे ही खड़ा रहा …..  उसने राधिका को अपने से अलग किया उसके माथे को चूमा वापस से उसे गले से लगा लिया….. आदित्य और राधिका दोनों एक दूसरे की बाहों में थे….. बाहर चाँद से आती हुयी रोशनी दोनों के मिलन की गवाही दे रही थी….

अगली सुबह राधिका की आँख खुली तो उसने देखा आदित्य उसे पकड़े हुए सो रहा था……वो धीरे से उठी उसने तकिया  आदित्य के पास रखा….वाॅशरूम जाकर फ्रेश हुयी और रैडी हो गयी .. आदित्य ने अधखुली आँखो से देखा तो राधिका अपनी माँग में सिंदूर लगा रही थी वो उठा और राधिका की कमर को पीछे से पकड़ते हुए बोला – गुड मोर्निंग

गुड मोर्निंग…..हमने आपको जगा दिया क्या ??

आदित्य ने नहीं कहा और उसके गालो को चूमते हुए बोला – हम बहुत अच्छी नींद आयी उसने सामने शीशे की तरफ देखा तो राधिका उसे देख रही थी….

अच्छा अब हम चलें बाहर आप आ जाए फ्रेश हो कर ….

आदित्य ने वैसे ही खड़े हुए कहा – हम्म

कावेरी रेडी हो कर बाहर आयी तो उसने देखा लाजो टेबल पर नाश्ता लगा रही है…. उसने लाजो के पास जा कर धीरे से पूछा –  कैसी रही कल की मुलाक़ात?

लाजो ने उदास होते हुए कहा – उन्होंने खाना खा लिया था… लेकिन टिफिन रख लिया बोले लाई हो तो रख दो… किसी ने नहीं खाया होगा तो उसे दे दूँगा …

देखा इसिलिए मैं बोल रही थी मत दिल लगाओ..

लेकिन मेरा तो लग गया ना….

तभी राधिका कमरे से बाहर आती हुयी बोली – लाजो नाश्ता लगाओ कुँवर बस अभी आते ही होंगे ..

कावेरी ने उसे देखा तो उसके पास गयी और बोली – कोई बहुत खुश है और

खिला – खिला सा लग रहा है?

राधिका ने उसकी तरफ देखा और टेबल पर मैंट्स लगाने लगी

कोई शर्मा भी रहा है????

चुप करो तुम… राधिका ने कावेरी से कहा

किस्को चुप करा रहीं हैं आप आदित्य कमरे से बाहर आते हुए पूछा –

गुड मोर्निंग कुँवर जी

गुड मोर्निंग साली साहिबा….

कुँवर जी आप हमें कावेरी कहें हमें अच्छा लगेगा

आदित्य ने टेबल पर बैठते हुए मुस्कुराकर हाँ कहा

लाजो नाश्ता ले आओ राधिका ने कहा

गुड मोर्निंग सबको…. सबने आवाज़ की तरफ देखा तो राघव आ रहा था

सबने एक साथ उसे गुड मोर्निंग कहा

राघव ने कहा – अरे वाह एकदम परफेक्ट टाइम पर आया हूँ मैं बहुत भूख लगी है कहते हुए वो टेबल पर बैठ गया और सामने रखी हुयी प्लेट को सीधा किया

लाजो नाश्ता ले कर आ गयी थी…..

उसने राघव को देखा तो उसके पास जा कर बोली –  राघव बाबू आपके घर में खाना बनाने वालों को छुट्टी दी हुयी है क्या?

राघव ने कहा – नहीं तो

तो आप ये रोज़ – रोज़  यहाँ क्यों आ जाते है ??

वो इसलिए लाजो जी कि आपके जैसा प्रेम से घर पर कोई नहीं खिलाता और इस बहाने हम आपको देख भी तो लेते है राघव ने अपनी एक आँख बंद करते हुए कहा..

अरे शर्म करो आप दीदी के सामने ये सब हरकतें कर रहे हो देख लो दीदी सोच लो

कावेरी ने कहा – हम्म लग रहा है सोचना पड़ेगा…..

और सब हँसने लगे

तभी भुवन हाथ में टिफिन लिए अंदर आया…. और एक नौकर को दे दिया

लाजो ने देखा तो नाश्ता दे कर भुवन के पास जा कर खड़ी हो गयी… उसने पूछा – आपने खाना खाया?

हम्म थोड़ा सा

लाजो दांत दिखाते हुए भुवन की तरफ देखने लगी

बंद करो मुस्कुराना वरना अभी यहीं पर तुम्हारे दांत तोड़ कर हाथ में दे दूँगा

लाजो ने मूह बंद किया और मुस्कुराने लगी

राघव ने भुवन को देखा तो बोला – भुवन आओ लाजो ने बहुत बढ़िया नाश्ता बनाया है …

नहीं राघव जी मैं नाश्ता कर के आया हूँ….

भुवन हम घर से काम करेंगे जब तक राधिका पूरी तरह ठीक नहीं हो जातीं ..आप ऑफिस में  बता दें..कुछ ज़रूरी हुआ तो हम आयेंगे  ??  आदित्य ने कहा

जी कुँवर…. वैसे आज सरपंच घनश्याम जी के साथ मीटिंग थी आपकी उनका फोन आया था

हम्म उनको घर पर ही बुला लो और बाक़ी जो सरपंच हैं उनको भी सबके साथ एक साथ ही बात कर लेंगे और बाहर वाले रूम  को ठीक करवा लो

जी ठीक है कह कर भुवन जाने लगा तो लाजो ने कहा – आज आप दोपहर का खाना यहीं खा लेना

भुवन ने उसे घूर कर देखा और चला गया…

राघव और कावेरी नाश्ता करके ऑफिस के लिए निकल गए भुवन ने बाहर वाले रूम में आने वाले लोगो के लिया व्यवस्था कर दी थी आदित्य ने राधिका को कमरे में ले जाकर दवा दी और कहा – आप आराम करें और कुछ ज़रूरत हो तो मुझे

कॉल करना मैं यहीं हूँ……राधिका ने हाँ में सिर हिलाया और बेड पर बैठ गयी आदित्य जाने लगा तो राधिका ने कहा – कुँवर हमें वो बुक्स दे देंगी हम थोड़ा पढ़ लेंगे….

ठीक है लेकिन बहुत देर बैठना नहीं है आपको  आदित्य ने बुक्स उठा कर राधिका को दे दी और कमरे से बाहर चला गया

कुछ देर बाद घनश्याम जी के साथ बाक़ी सरपंच भी आ गए  आदित्य सबसे बात करने में बिज़ी हो गया… उन सबको बात करते – करते दोपहर हो गयी

राधिका ने लाजो से कह कर सबके लिए खाना बनवा लिया था….. उसने आदित्य को फोन किया

उधर से आदित्य ने फोन पिक किया और बोला – हम्म कहें

दोपहर हो गयी है

ह्म्म्म आदित्य ने कहा

खाने का टाइम हा गया है

हम्म

तो आप  आ रहे है??

हम्म

कुँवर

हम्म

आह…..राधिका ने कहा

आदित्य ने पूछा क्या हुआ ??

राधिका ने फोन रख दिया आदित्य फोन पर हैलो हैलो करता हुआ अंदर की तरफ गया सब उसे हैरानी से देख रहे थे…

आदित्य राधिका के पास गया उसने पूछा क्या हुआ आप ठीक तो है ??

हाँ जी हम बिल्कुल ठीक हैं वो तो आप कुछ बोल नहीं रहे थे इसलिए हमें ये करना पड़ा …

आप भी ना सोच के किया करें जो भी करना हो हम तो डर गए थे चलिए आप रेस्ट करें

कुँवर सबको बुला लीजियेगा हमने सबके लिए खाना बनवा लिया है

ठीक है आदित्य ने कहा..

बाहर आदित्य को ऐसे जाता देख कर सबने पीछे खड़े हुए भुवन से पूछा क्या हुआ ये कुँवर अचानक बात करते – करते कहाँ गए..??

भुवन ने कहा ठाकुराइन का फोन था उनकी तबियत ठीक नही है उनके पास गए है…

ठाकुराइन?? घनश्याम जी ने पूछा तो क्या कुँवर ने शादी कर ली है??

जी…. भुवन ने कहा

सब लोग आपस में बातें करने लगे….. घनश्याम जी बोले – हमें किसी को नही पता की कुँवर ने शादी कर ली

जी किसी को नहीं पता है भुवन ने कहा

तभी आदित्य बाहर आ गया…. घनश्याम जी ने आदित्य से कहा कुँवर आपने शादी कर ली और किसी को बताया भी नहीं

ऐसी बात नहीं हैं समय ही नहीं मिला बताने का …. सब कुछ जल्दी में हुआ

चलिए कोई बात नही आपको शादी की बहुत – बहुत बधाई

थैंक यू……

बाक़ी सबने भी आदित्य को बधाई दी

तो कब मिलवा रहें हैं ठाकुराइन से ??उनमें से एक ने पूछा

आप सब अंदर चले उन्होंने आप सबके लिए खाना बनवाया है वहीं मिल लीजियेगा

आदित्य ने कहा और सबके साथ अंदर जाने लगा!!!

आशा करती हूँ कहानी का ये भाग आपको पसंद आया होगा… जल्दी ही नये भाग के साथ फिर मिलूँगी….

अगला भाग

दास्तान इश्क़ की (भाग -22)- अनु माथुर : Moral stories in hindi

धन्यवाद

स्वरचित

कल्पनिक कहानी

अनु माथुर 

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