दास्तान इश्क़ की (भाग -20)- अनु माथुर : Moral stories in hindi

अब तक आपने पढ़ा…

राधिका को होश आ जाता है और डॉक्टर उसे दो दिन में घर जाने के लिए बोल देते हैं

अब आगे,…..

राधिका कावेरी से बात कर रही थी… तभी उसके फोन पर देवेंद्र जी की वीडियो कॉल आयी… अभी तक किसी ने उन सबको बताया नहीं था कि राधिका के साथ क्या हुआ है

राधिका ने फोन कि तरफ देखा और फिर आदित्य की तरफ….. आदित्य ने उसके हाथ से फोन लिया और सबको चुप रहने का इशारा किया और कॉल पिक किया

प्रणाम ताऊजी ….

आदित्य ने देखा देवेंद्र जी के साथ शीतल और वीर प्रताप जी और रुपाली भी थे

देवेंद्र जी आदित्य को देख कर बोले – कैसे हैं कुँवर आप?

हम ठीक हैं ताऊजी आप बताइये आप सबकी यात्रा कैसी चल रही है???

बढ़िया चल रही है कुँवर… तीन धाम हो गए अब बस एक और फिर हम सब वापिस आ जाएंगे….. कुँवर लाडो कहाँ हैं??बहुत दिन हो गए उन्हें देखे हुए उनको फोन दीजिए ना

आदित्य ने कहा – ताऊजी वो सो गयी हैं

इतनी जल्दी सो गयी ??

हाँ वो उनके कॉलेज का कुछ ज़्यादा काम था कल तो पूरी रात नहीं सोई थी अभी बस थोड़ी देर पहले ही सोई है… आप कहें तो हम जगा दें ??

नहीं रहने दें आप हम कल बात कर लेंगें…

वीर प्रताप जी ने कहा वहाँ सब ठीक है ना आदित्य कुछ हुआ तो नहीं ना?

नहीं काका सब ठीक है

शीतल ने कहा – कुँवर हम सबको एक अजीब सा डर लग रहा था जैसे कुछ हुआ है

आदित्य ने मुस्कुराते हुए कहा  – कुछ नहीं हुआ माँ सब ठीक है आप चिंता ना करें मैं हूँ यहाँ

रुपाली ने पूछा – आदि राघव ठीक है ना… तुम्हें परेशान तो नहीं कर रहा?

उनकी इस बात पर कावेरी को हँसी आ गयी… राघव ने घूर कर कावेरी की तरफ देखा… तो कावेरी मूँह दबा कर हँसने लगी

नहीं काकी सब ठीक है और राघव भी सब ऑफिस का काम ठीक से कर रहा है

हम्म… अब बस एक राधिका जैसी प्यारी और समझदार लड़की इसके लिए भी मिल जाए मैं तो भगवान् से यही माँग रही हूँ…

देवेंद्र जी ने कहा – ठीक हैं कुँवर हम फोन रखते है… फिर बात करेंगे

जी प्रमाण आदित्य ने कहा और फोन कट हो गाय…

सबने राहत की सांस ली….

कावेरी अभी भी हँस रही थी उसने आदित्य से पूछा – कुँवर राघव जी आपको परेशान करते हैं??

अरे बस भी करो ना ये मम्मी भी ना मुझे बड़ा समझती ही नही है

ना ही समझदार – कावेरी ने बीच में कहा

हाँ तो आप तो समझदार हैं?? राघव ने कावेरी से कहा

बिल्कुल हैं जी इसमें कोई शक़ हैं कावेरी ने कहा

अरे ये क्या आप दोनों लड़ने लगे  और  कुँवर आप इनको देख कर मुस्कुरा रहे है रोकिए इनको …

लड़ने दें इनको हम भी तो ऐसे ही लड़ते थे …. आदित्य की इस बात पर राधिका ने उसे हैरानी से देखा…..आदित्य ने आँखों ही आँखों में कुछ कहा

राधिका मुस्कुराई और राघव से बोली – राघव जी ये सच है??

राघव ने अपना सिर नीचे किया और मुस्कुरा कर हाँ कहा

तो फिर अब इज़हार करिए….

लेकिन जवाब में इनकार हुआ भाभी फिर?

फिर भी दिल की बात नहीं कही तो मलाल रह जायेगा…

राघव अपनी जगह से उठा उसने फ्लॉवर वास में रखे हुए फूलों में से एक फूल निकला और कावेरी की तरफ कदम बढ़ाया

कावेरी जो अब तक बातों का मज़ा ले रही थी उसने हैरानी राघव की तरफ देखा….

राघव घुटने के बल कावेरी के सामने बैठ गया उसने वो फूल कावेरी की तरफ बढ़ाया और बोला….

सुनो …..

एक खवाहिश है मेरी

सुबह की धूप हो

या शाम की लाली

धुंध हो ऒस हो

खाली सी सड़क हो

कुछ बातों का

सिलसिला हो

और साथ चले

बस हम तुम !!

कावेरी राघव को देखे जा रही थी….. उसे कुछ समझ नहीं आ रहा था..

राधिका ने उस से कहा – कुछ बोलो

कावेरी ने राधिका की तरफ देखा राधिका ने अपनी आईब्रो ऊपर कर के इशारे में पूछा……  कावेरी ने अपनी आँखें झुका ली

इस पर राघव ने फिर कहा –

इज़हार – ए – इश्क़ ज़रा ज़ुबाँ से हो तो दिल को यक़ीं आए ….

आपकी आँखें तो बहुत गुमराह करती हैं!!

कावेरी ने राघव की तरफ देखा उसके हाथ से फूल लिया और बोली –

सुनो ये जो धीरे – धीरे मेरे करीब आ रहे हो..!!

ठहरने का इरादा है या फिर दिल बहला रहे हो..!!

राघव मुस्कुराया और बोला –

कुछ सुन नहीं पाते,

कुछ सुना नहीं पाते।

कितना है इश्क तुमसे,

जुबान पर भी तो ला नहीं पाते।

तुम उतर गए हो गहराइयों में,

दिल की इस तरह ,

कि तुम समझते नहीं

और…

हम समझा नहीं पाते…!!

कावेरी शर्मा कर नीचे देख रही थी तभी आदित्य उस से बोला – साली साहिबा आप बेफिक्र हो कर हाँ कह दें….

कावेरी ने कुछ नहीं कहा बस राधिका के गले लग गयी राधिका ने धीरे से पूछा पसंद हैं??राघव जी…. कावेरी ने भी धीरे से हम्म कहा

राधिका ने अपनी आँखों के इशारे से राघव को हाँ बोला…. राघव मुस्कुराया आदित्य ने आगे बढ़कर उसे कस गले से लगा लिया

राधिका ने कावेरी को अपने से दूर करते हुए कहा – अब कुछ मीठा हो जाए कुँवर जी

हम्म बिल्कुल – आदित्य ने शरारत भरे अंदाज़ में कहा और राधिका की तरफ बढ़ने लगा …..  वो राधिका के पास गया और बोला – अंदर आ जाओ

एक वार्डबॉय अपने हाथ में मटकी लिए आ गया उसने मटकी को टेबल पर रखा और चला गया

राधिका की आँखें मटकी देख कर चमक गये उसने कहा – रसगुल्ल्ले

आदित्य ने मुस्कुराते हुए कहा  – जी आपके लिए मंगवाए थे…..

थैंक्स कुँवर….. राधिका ने कहा

आदित्य ने एक रसगुल्ला राघव को खिलाया और बाक़ी राधिका को दे दिया राधिका ने एक रसगुल्ला कावेरी को खिलाया और बाक़ी खुद खाने लगी

आदित्य उसे ऐसे खाते हुए देख कर खुश हो रहा था

थोड़ी देर बाद राघव ने आदित्य से कहा अब हम लोग चलें…. आदित्य ने हाँ में सिर हिलाया….. कावेरी ने राधिका को गले से लगाया और  राघव के साथ  जाने लगी तो आदित्य ने कहा राघव हमारी साली साहिब को ठीक से लेकर जाना…… और कल राधिका को घर ले कर जाना है तो टाइम पर आ जाना….

जी और कुछ या हम जाए….

अब आप जा सकते है…..

राघव मुस्कुराते हुए कावेरी के साथ बाहर चला गया…. उसने बाहर आकर कावेरी के लिए गाड़ी का दरवाज़ा खोला कावेरी ने राघव की तरफ देखा और मुस्कुराते हुए गाड़ी में बैठ गयी

राघव बहुत खुश लग रहा था… वो गाड़ी चलाते हुए बार -बार  कावेरी की तरफ देख रहा था….. कावेरी ने राघव से कहा – राघव जी गाड़ी रोड देख कर चला लें .. वरना कहीं हम घर की जगह हॉस्पिटल ना पहुँच जाएं…..

राघव ने उसे देखा और कहा – जी जैसा आप कहें ….

कावेरी को राघव के ऐसे जवाब की उमीद नहीं थी वो मुस्कुराई और बोली – क्या हुआ आपको?

मुहब्बत हो गयी आपसे… राघव ने उसकी तरफ देखते हुए कहा

कावेरी ने अपनी पलकें नीचे की और मुस्कुराने लगी

राघव भी उसे देख कर मुस्कुराने लगा….

कुछ देर बाद राघव ने कहा लीजिए घर आ गए हम

कावेरी ने गाड़ी का दरवाज़ा खोला और बाहर आ गयी

राघव भी उतर कर बाहर आ गया

कावेरी घर के अंदर जाने लगी तो राघव ने कहा – सुने

कावेरी ने पीछे पलट कर देखा

राघव चलता हुआ कावेरी के क़रीब आ गया  कावेरी ने राघव की तरफ देखा

राघव  कावेरी के बहुत पास खड़ा था वो कावेरी की तरफ झुका और उसके कान में धीरे से बोला – थैंक्स मेरी जिंदगी में आने के लिए ….

कावेरी ने राघव की बात सुनी और थोड़ा पीछे होकर घर की तरफ जाने लगी राघव ने थोड़ा आगे बढ़ कर उसका हाथ पकड़ा और उसके क़रीब जा कर खड़ा हा गया…. ये सब जो हो रहा था कावेरी के लिए नया था….कावेरी का दिल ज़ोर से धड़कने लगा राघव ने कावेरी को घुमा कर अपनी तरफ किया और बोला – गुड नाइट किये बिना ही जा रहीं थी आप

कावेरी ने राघव की तरफ देखा उसने राघव को गुड नाइट कहा और भागते हुए घर के अंदर चली गयी राघव उसे जाते हुए देख कर मुस्कुरा रहा था…….

कावेरी राघव का एहसास लिए चली  जा रही थी कि अंदर से आती हुयी लाजो से टकरा गयी लाजो उस से टकरा कर गिर गयी …..उसने अपनी कमर पर हाथ रखते हुए कहा – क्या दीदी कहाँ देख कर चल रहीं है  ??? क्या हुआ कोई भूत वूट देख लिया क्या आपने??

सॉरी लाजो वो……..

अरे अब मुझे उठाओ भी..

कावेरी ने लाजो का हाथ पकड़ कर उसे उठाया……

लाजो ने पूछा क्या हुआ

कुछ नहीं…..कह कर कावेरी अपने रूम में चली गयी

इधर हॉस्पिटल में राधिका को नींद नहीं आ रही थी आदित्य अपने लेपटॉप पर कुछ देख रहा था

राधिका ने आदित्य को पुकारा – कुँवर..

आदित्य ने अपने लेपटॉप पर काम करते हुए कहा – हम्म

हमें नींद नहीं आ रही है…..

आ जायेगी आप अपनी आँखों को बंद करें ….

राधिका ने हम्म कहा और आँखें बंद कर ली…

पाँच मिनट बाद उसने फिर आदित्य से कहा – कुँवर  हमें अभी भी नींद नहीं आ रही है…

बस दो मिनट रुकें आप हो गया मेरा काम…..आदित्य ने दो मिनट बाद  अपना लेपटॉप बंद किया और राधिका के पास गया

हम्म तो अब बताएं….. नींद क्यों नहीं आ रही आपको

पता नहीं….. एक बात पूछूँ आपसे

हाँ आदित्य ने उसके पास बेड पर बैठते हुए कहा

आपको कैसे पता कि राघव जी कावेरी को पसंद करते हैं???

आदित्य मुस्कुराया और बोला – पहले ही दिन से जब राघव उनको लेकर आया था

राधिका ने हैरानी से आदित्य की तरफ देखा

आदित्य ने कहा – अभी आप हमारे बारे में कम जानती है….. हम सिर्फ़ देख कर पता कर लेते हैं कि उसके मन में क्या – क्या है

अच्छा जी……

हाँ जी…. चलें अब आप सो जाए कहते हुए आदित्य राधिक के बालों में उंगलियाँ फेरने लगा….

राधिका ने आँख बंद की और कुछ देर में सो गयी आदित्य भी वहीँ उसके पास ही सो गया

अगले दिन राधिका को घर ले जाने के लिए राघव समय से पहुँच हॉस्पिटल पहुँच गया था..डॉक्टर ने राधिका को एक बार चेक किया और उसको रेस्ट करना है कह कर चले गए

नर्स राधिका को रेडी होने में हेल्प कर रही थी… आदित्य पेपर वर्क कर रहा था सब काम होने के बाद वो रूम में आया तो राधिका रेडी हो गयी थी राघव भी रूम में आ गया था उसने राधिका से उसकी तबियत पूछी और उसको घर चलने के लिए बोला

आदित्य ने राधिका को व्हील चेयर पर बैठाया और  वार्डबॉय उसे लेकर बाहर गाड़ी के पास ले आया…. आदित्य ने राधिका का हाथ पकड़ कर धीरे से चेयर पर से उठाया और गाड़ी में बैठा दिया

आदित्य उसके साथ बैठ गया और राघव ड्रिविंग सीट पर….

राघव ने गाड़ी घर की तरफ घुमा दी…कुछ देर में वो लोग घर के सामने खड़े थे राघव ने चलने से पहले कावेरी को msg कर दिया था कि वो हॉस्पिटल से  निकल रहे है

कावेरी, लाजो और भुवन दरवाज़े पर ही खड़े थे…. आदित्य गाड़ी से उतरा उसने राधिका कि तरफ का दरवाज़ा खोला और राधिका को संभाल कर गाड़ी से उतारा….

वेलकम होम कावेरी ने राधिका से कहा और उसे गले से लगा लिया…..आदित्य और राधिका घर के अंदर जाने लगे तो कावेरी ने कहा – रुकिए कुँवर जी आप ऐसे अंदर नहीं आ सकते ….

उसने लाजो की तरफ देखा लाजो अंदर से आरती की थाल ले कर आयी…

कावेरी ने दोनों की आरती उतरी….लाजो ने आगे आ कर राधिका और आदित्य की नज़र उतारी और कहा अब आप दोनों अंदर आ सकते है

राधिका और आदित्य घर के अंदर आ गए घर के सारे नौकर और नौकरानी भी वहीं थे उन्होंने हाथ जोड़ कर उसे प्रणाम किया उन्होंने राधिका का हाल पूछा राधिका ने बताया कि वो ठीक है….

आदित्य ने डॉक्टर ने जो कहा वो कावेरी और लाजो को बताया…. और रेस्ट करना है ये भी बताया……

लाजो ने सब सुना तो बोली – आप बिल्कुल फिकर ना करें ठाकुर साहब हम इनका पूरा ध्यान रखेंगे…. और देखियेगा ये बहुत जल्दी ठीक हो जायेंगी वैसे खाने में कोई परेशानी नहीं हैं सब खा सकतीं हैं ना ये …

हाँ… आदित्य ने कहा

तो फिर ठीक है आप सब बैठो मैं अभी कुछ अच्छा सा बना कर लाती हूँ……

आदित्य ने मन में कहा ये चुप कब होगी कितना बोलती है … राधिका ने भी इसको ही रखना था

हाँ लाजो थोड़ा जल्दी करना मुझे भी भूख लगी है….. राघव ने कहा

लाजो ने कुछ देर में सबके लिए खाना बना दिया था सबने खाना खाया…. आदित्य और राघव  कुछ काम के सिलसिले में स्टडी रूम में चले गए थे

राधिका अब थक गयी थी उसने कावेरी से रूम में चलने के लिए बोला कावेरी  राधिका को लेकर आदित्य के रूम की तरफ बढ़ी राधिका ने कावेरी की तरफ देखा    कावेरी ने मुस्कुराते हुए कहा – अब ये दूरियाँ किसलिए इन दूरियों को नजदीकियों में बदलने का समय आ गया… कुँवर जी को अब अपनी राधिका के साथ रहने दो….. राधिका ने शर्मा कर अपनी पलकें नीची कर ली….. कावेरी उसे लेकर आदित्य के रूम में गयी उसे वहाँ बैठाया और बाहर आ गयी…. !!!!!

आशा करती हूँ कहानी का ये भाग आपको पसंद आया होगा…नये भाग के साथ जल्दी ही मिलूँगी…

अगला भाग

दास्तान इश्क़ की (भाग -21)- अनु माथुर : Moral stories in hindi

धन्यवाद

स्वरचित

कल्पनिक कहानी

अनु माथुर 

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