दास्तान इश्क़ की (भाग -14)- अनु माथुर : Moral stories in hindi

अब तक आपने पढ़ा….

राधिका की रसोई पूजन की रस्म  अच्छे से हो जाती है…. आदित्य के साथ राधिका बाहर घूमने जाती है और उसके प्यार को अपना लेती है !!

अब आगे…..

ढलता हुआ सूरज एक नयी और खूबसूरत सुबह का आग़ाज़ कर रहा था…..आदित्य ने राधिका को अपनी  बाहों में कस के पकड़ा हुआ था.. राधिका भी आदित्य को अपनी  बाहों में समेटे हुए थी…

आदित्य ने उसे अपने से अलग किया और उसके माथे को चूमते हुए बोला… थैंक्स मेरी जिंदगी में आने के लिए….. राधिका की पलकें झुकी हुयी थी…. आदित्य ने उसका हाथ अपने हाथ में लिया और गाड़ी की तरफ बढ़ गया…. उसने गाड़ी का दरवाज़ा खोला राधिका उसमें बैठ गयी आदित्य भी ड्रिविंग सीट पर बैठ गया…..आदित्य ने राधिका का हाथ अपने हाथ में ले रखा था……दोनों ही मुस्कुरा रहे थे…..

कुछ ही देर में आदित्य ने गाड़ी वापस से ला कर घर के अंदर लगा दी…. वो पहले खुद उतरा फिर उसने राधिका को गाड़ी से उतारा……. राधिका गाड़ी से उतर कर अंदर जाने लगी तो आदित्य ने वापस से उसका हाथ पकड़ा और उसे अपने साथ आने का इशारा किया…… राधिका आदित्य का हाथ पकड़े उसके पीछे चल रही थी……..

आदित्य ने राधिका को एक जगह ला कर खड़ा कर दिया…. और उसने दो बार ताली बजायी….. जैसे ही आदित्य ने ताली बजायी वैसे ही गुलाब की पंखुड़ियाँ राधिका पर गिरने लगी…..

राधिका ये देख कर हैरान थी और खुश भी…. उसने गिरते हुए फूलों की पंखुड़ियों को अपने हाथ में लिया और उछाल दिया…. आदित्य उसको खुश देख कर बहुत खुशत था…

राधिका ने आदित्य से कहा -” ये सब आपने कब किया?

आदित्य ने कहा – आपको पसंद आया??

राधिका ने थोड़ा excited होते हुए कहा बहुत…. ये बहुत  – बहुत खूबसूरत था

आदित्य बस मुस्कुरा रहा था….

“चलें….काफी देर हो गयी”  – राधिका ने कहा

“मन तो नहीं हैं कि आप जाएं “- आदित्य ने उसके पास आते हुए कहा

राधिका वैसे ही खड़े हुए आदित्य को देख रही थी

बोलें आपका मन है जाने का??? आदित्य ने फिर पूछा

वो माँ को पता है कि हम आपके साथ है इसलिए जाना पड़ेगा…..

” हम्म …. ठीक है तो आप जाएं लेकिन हमे कुछ रिश्वत तो दें “आदित्य ने कहा

रिश्वत?????

हाँ ….आदित्य ने उसकी इस बात पर उसका हाथ अपने हाथों में लिया और उसे अपनी तरफ खींचा…राधिका एक बार फिर आदित्य के बहुत क़रीब थी….आदित्य ने धीरे से उसके चेहरे पर आए हुए बालों को उसके कान के पीछे किया उसके चेहरे को अपने हाथों मे लिया और  अपने होंठों को राधिका के होंठों पर रख  दिए ,.. ये  होते ही राधिका ने अपनी आँखें बंद कर ली…. वो वैसे ही खड़ी रही,…

कुछ देर बाद राधिका ने आदित्य को थोड़ा पीछे की तरफ किया और भागती हुयी घर के अंदर चली गयी |

आदित्य उसे जाते हुए देख कर मुस्कुरा रहा था……

राधिका अपने कमरे में गयी और दरवाज़ा बन्द करके मुस्कुराने लग…ये पहली बार था जो वो किसी के इतना क़रीब गयी थी… आदित्य की छुअन वो अभी भी महसूस कर रह थी…..

तभी उसका फोन बजा राधिका ने देखा तो कावेरी का फोन था… उसने फोन pic किया और बोला…

हैलो कावेरी कैसी हो?

मैं ठीक हूँ.. ये तुम्हारा फोन क्यों नहीं लग रहा था…. ना ही आंटी का…. सब ठीक तो है??

हाँ सब ठीक है… तुम कब आ रही हो???

मैंने यही बताने के लिए फोन किया था कि मैं कल आ रही हूँ ….. राधिका क्या बात है  ??

तुम आ जाओ कल फिर बताती हूँ….. और तुम किशनगढ़ आ जाओ मैं तुम्हें लेने के लिए भेज देती हूँ किसी को

किशनगढ़???

हाँ… अब ज़्यादा सवाल मत पूछो… सब जवाब तुम्हें यहाँ आ कर मिलेंगे… और फोन पर मैं इतना सब बता नही सकती

ठीक है…. लेकिन तुम लेने किसे भेजोगी??

वो हम तुम्हें बता देंगे…

ठीक है… चलो अब बाए

रात को खाने के वक़्त राधिका ने शीतल को बताया कि कावेरी आ रही है….. उसने आदित्य को कावेरी की सारी बात बतायी और पूछा कि क्या वो कावेरी को अपने साथ रख सकती है???

आदित्य ने राधिका से कहा – ये घर आपका है… आप जिसे चाहे रख सकती है और फिर कावेरी तो आपकी दोस्त है और अब जब उनका कोई नही है तो यहीं रहे….. हमें भी खुशी होगी

हमें साली साहिब मिल जायेंगी…… आखिर वाली बात आदित्य ने ज़रा ज़ोर देकर कही …

राधिका ने इस बात पर आदित्य की तरफ देखा तो वो नीचे प्लेट में देखकर खाना खा रहा था….

राधिका ने कहा – तो हम ले आए जा कर कावेरी को..

नहीं – आप क्यों जायेंगी?? हम किसी को भेज देते है वो हिफाजत के साथ उनको ले आयेगा….. हम चले जाते लेकिन हमारी मीटिंग है और भुवन हमारे साथ जायेंगे !!

तो फिर हम किसको भेजे??

लाडो आपका जाना ठीक नही है – देवेंद्र जी ने कहा

राजीव को भेज देते है…एक मिनट कल तो राघव को भी जाना है रायपुर की तरफ ही उसको बोल देते है वो ले आयेगा… आदित्य ने कहा

हम पूछ लेते हैं राघव से …. इतना कह कर आदित्य ने राघव को फोन किया

उधर से राघव ने फोन pic किया और बोला …

हाँ आदि क्या हुआ?

राघव कल तुम रायपुर की तरफ जा रहे हो

हाँ…..

तो तुम क्या राधिका की दोस्त कावेरी को ले आओगे….. ऐसा कह कर उसने सारी बात राघव को बता दी….

ठीक है ले तो आयेंगे लेकिन खाना फिर हम वहीं खायेंगे…. पूछो भाभी को ???

अरे खा लेना…. वैसे तुम भुक्कड़ के जैसे नहीं कर रहे हो??

बिल्कुल भी नही अब भाभी की दोस्त को लेकर आयेंगे तो इतना तो हक़ बनता है …

हाँ ठीक है? चलो फिर कल ले आना तुम हमारी साली साहिब को…

लेकिन मैं उनको पहचानता नहीं हूँ…. उनका फोन नंबर मिलेगा??

हाँ…राधिका ज़रा फोन नंबर भेजो कावेरी का….. राघव को भेज दें

राधिका ने कावेरी का नंबर आदित्य को भेज दिया और आदित्य ने राघव को नंबर भेज दिया…..

अगले दिन आदित्य मीटिंग के लिए निकला उस से पहले आदित्य ने नाश्ता करते हुए  राघव को फोन किया…

राघव ने कहा वो ऑन द वे है….. थोड़ी देर में पहुँच जायेगा

आदित्य भुवन के साथ मीटिंग के लिए निकल गया ….

रायपुर स्टेशन पर पहुँच कर राघव ने गाड़ी पार्क की और एंक्वारी पर जाकर पता किया तो कावेरी की ट्रेन 10 मिनट में आने वाली थी….

राधिका न राघव को कावेरी का कोच नंबर राधिका ने भेज दिया था…. और बता भी दिया था कि राघव लेने आ रहे है राघव का नंबर भी भेज दिया था…

ट्रेन आयी तो राघव कावेरी के कोच के सामने खड़ा था….. उसने कावेरी को फोन किया…

कावेरी ने फोन pic किया और बोली –

हैलो राघव जी

हाँ…. मैं आपके कोच के बाहर ही हूँ

जी ठीक है मैं आ ही रहीं हूँ

कावेरी अपना सामान लेकर उतरी…. राघव ने आगे बढ़ कर उसको हैलो बोला और उसका सामान ले लिया

कावेरी का सामान गाड़ी में रख कर राघव ने उसे गाड़ी में बैठने को बोला और खुद ड्रिविंग सीट पर आ कर बैठ गया…

कावेरी ने पूछा – कितनी देर में पहुँच जायेंगे हम

यही कोई 2 घंटे में अगर नॉन स्टॉप चले तो… वैसे आप कुछ खायेंगी…. मुझे भूख लगी है तो कुछ खा कर चलते है

कावेरी ने ठीक है बोला और राघव ने कुछ देर में गाड़ी एक रेस्टुरेंट के सामने खड़ी कर  दी जो कि उनके किशनगढ़ जाने वाले रास्ते पर था….

राघव ने अंदर जा कर खाना ऑर्डर किया दोनों ने खाना खाया और वहाँ से चल दिए.. … कावेरी ने राधिका को बता दिया कि वो लोग 2 घंटे में पहुँच जायेंगे |

2 घन्टे बाद राघव कावेरी को लेकर आदित्य के घर पहुँच गया….. राधिका बाहर खड़ी हुयी कावेरी का इंतज़ार कर रही थी जैसे ही गाड़ी रुकी कावेरी ने गाड़ी  दरवाज़ा खोला और भागती हुयी जाकर राधिका के गले से लग गयी…. राधिका ने उसे कस के गले से लगा लिया…. कावेरी राधिका के गले लगी हुयी रोये जा रही थी… शीतल भी तब तक बाहर आ गयी थी उसने कावेरी के सिर पर हाथ फेरा… और उसे अंदर ले आयी

एक नौकर ने आ कर पानी दिया कावेरी कुछ शांत हुयी तो उसने चारों तरफ देखा… उसने राधिका से पूछा ये किसका घर है?

फिर उसने देखा राधिका के माथे पर बिंदी मांग में सिंदूर और हाथों में चूड़ियाँ वो बिल्कुल बदली हुयी लग रही थी…. उसने पूछा – ये सब क्या है…. तुम्हारी शादी हो गयी है… और तुमने मुझे बताया भी नही??

राधिका ने कावेरी के हाथों को अपने हाथों में लिया और बोली -” हम क्या बताते सब कुछ इतना जल्दी – जल्दी और अचानक हुआ कि हम खुद कुछ समझ नहीं पाए और क्या बताते तुम्हें… आंटी के बारे में सुना तुम वैसे ही परेशान थी हम तुम्हें और परेशान नही करना चाहते थे…

लेकिन ये सब कब हुआ??? कावेरी ने पूछा

राधिका ने आदित्य के घर आने वाली बात से लेकर उसे अभी तक जो हुआ सब बता दिया

“इतना कुछ हो गया तुम्हारे साथ और हमें पता भी नही चला.. भगवान् का लाख – लाख शुक्र है कि तुम और बाक़ी सब ठीक है…  वैसे हमारे जीजू हैं कहाँ? मतलब कुंवर जी है कहा

वो बाहर गए है राधिका ने कुछ शरमाते हुए कहा तो कावेरी ने कहा —- आए हाय वो बाहर गए है… क्या बात है??

चुप करो तुम….. राधिका ने कहा

भाभी आप सबकी बातें हो गयी हो क्या कुछ खाने को मिलेगा??

क्यों नहीं राघव जी आप बैठे हम अभी नाश्ता लगवा देते है और रात को सब यहीं खाना खायेंगे हमने काकाजी और काकी जी को बुला लिया है

अरे वाह बढ़िया किया ये आपने

आओ….शीतल न कावेरी और राघव को ड़ीनिंग टेबल की तरफ ले जाते हुए बोला

सबने नाश्ता किया और कावेरी को राधिका ने उसका रूम दिखाया और उसे फ्रेश होने को बोला …… राघव स्टैडी रूम में कुछ काम करने चला गया उसने आदित्य को बता दिया कि वो ले आया है कावेरी को

शाम तक वीर प्रताप जी और रुपाली भी आ गए…. राधिका ने उनको कावेरी से मिलवाया….

तब तक आदित्य भी आ गया……कावेरी ने राधिका से पूछा ये है कुंवर??? राधिका ने हाँ में जवाब दिया….

राधिका ने कावेरी को आदित्य से मिलवाया

तो आदित्य ने कहा –  आपका स्वागत है साली साहिब..

कावेरी ने बड़े style से धन्यवाद कहा….लेकिन हम आपसे बहुत नाराज़ है आपने राधिका से ऐसे शादी की कि किसी को कानों कान खबर नही हुयी यहाँ तक की इसने भी हमें नही बताया कुछ भी ……

अब ये तो आप जाने या आपकी दोस्त हाँ शादी की पार्टी हम आपको दे देंगे……. मंजूर

जी ….कावेरी ने हँसते हेर कहा

कावेरी बहुत हसमुख थी जल्दी ही वो सबसे घुल – मिल गयी…. राघव बार – बार कावेरी की तरफ देख रहा था ये बात आदित्य ने नोटिस कर ली….

उसने धीरे से राघव को कहा – अब वो यहीं रहने वाली है तो देखते रहना आराम से ऐसे एकटक देखे जा रहे हो कावेरी की तरफ जैसे उसे अभी भगा कर ले जाओगे

राघव ने आदित्य की तरफ देखा और मूँह बना कर अपनी आँखे नीची कर ली!!!

आशा करती हुँ कहानी का ये भाग आपको पसंद आया होगा…. जल्दी ही मिलूँगी नये भाग के साथ!!

अगला भाग

दास्तान इश्क़ की (भाग -15)- अनु माथुर : Moral stories in hindi

धन्यवाद

स्वरचित

कल्पनिक कहानी

अनु माथुर

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