दास्तान इश्क़ की (भाग -13)- अनु माथुर : Moral stories in hindi

अब तक आपने पढ़ा …..

आदित्य राधिका को रायपुर ले कर जाता है….. राधिका अपना सामान पैक करती है और रुपाली रसोई पूजन के लिए पंडित जी से महूर्त निकलवाती है और सबको  रसोई पूजन के दिन घर पर ही रहने को कहती है

अब आगे….

रसोई पूजन के दिन राधिका सुबह 9 बजे फ्रेश हा कर तैयार होने जा रही थी… उसने रुपाली के दिए हुए पैकेट को खोला…. उसमें बहुत सुंदर येल्लो और रेड बोर्डर वाली साड़ी थी उसके मैचिंग की चूड़ियाँ और ज्वेलरी भी थी…… राधिका सब पहन कर तैयार हो गयी….

वीर प्रताप जी रूपाली और राघव भी आ गए थे

शीतल और देवेंद्र जी भी रेडी हो कर आ गए थे….. आदित्य भी आ गया था

रुपाली ने शीतल से कहा – ले आए हमारी बहू को…. रसोई पूजन के लिए        जी बिलकुल….. शीतल ने कहा

शीतल और रुपाली राधिका के कमरे में गयी…. राधिका साड़ी में बहुत प्यारी लग रही थी… दोनों उसको बाहर ले आए…

राधिका को रुपाली किचन में ले आयी थी…. रुपाली ने राधिका से जैसे जैसे कहा वैसे -वैसे राधिका करती गयी

राघव राधिका की pics ले रहा था…..

रुपाली ने कहा – पूजन हो गया अब तुम जो मन हो मीठा बना लो वही भोग लगा कर सबको दे देंगे……

जी राधिका ने कहा…. लेकिन मैं क्या बनाऊँ उसने पूछा

“भाभी खीर पूरी बना दो आप – आदि को बहुत पसंद हैं और उसके साथ आलू की सब्ज़ी.. “

“अरे इसकी मत सुनो तुम जो तुम्हारा मन हो बना दो ये तो इनका मन कर रहा होगा खाने का इसीलिए बोल रहा है”

क्या मम्मी आपको नही पता क्या कि आदि का ये सब कितना पसंद है?

“हाँ पता है लेकिन आज जो राधिका अपनी  पसंद से बनायेगी व हो खायेंगे

सब “

राघव ने मूँह बना कर बोला  ” भाभी आपका जा मन हो वो बनाए “

“अरे …अरे बंद करो अपनी लडाई  आप सब ….राधिका आज  वो बनायेगी जो उसको मन करेगा… शीतल ने कहा

चलिए हम सब चलते है…. राधिका किसी चीज़ की ज़रूरत होगी बता देना.. बाक़ी ये लोग है तुम्हारी हेल्प के लिए उसने नौकरों की तरफ इशारा करते हुए कहा

राधिका ने सिर हिला कर हाँ कहा.. और साड़ी का पल्लू आपने कमर में टांक कर काम करने लगी….

1 घंटे में राधिका ने आलू की सब्ज़ी खीर और पूरी बना ली … रसोई में से आती हुयी खुशबू ने सबको उधर देखने पर मजबूर कर दिया… राघव ने कहा -“वाह क्या खुशबू आ रही है… आदि तेरी तो किस्मत खुल गयी भाभी बहुत बढ़िया खाना बनाती है “

हाँ इस बार वीरप्रताप ने राघव का साथ दिया और कहा – सही कहा … अब तो लगता है कि हमें भी यहीं रह जाना चाहिए..

रुपाली ने दोनों की तरफ देखा और कहा – ठीक हैं तो फिर आदि हम सब कल तुम्हारे घर शिफ्ट हो रहे है….

आदित्य ने मुस्कुरा कर कहा आपका ही घर हैं इसमें पूछने वाली क्या बात है

थोड़ी देर में राधिका भोग की थाली लगा कर ले आयी…. रुपाली ने भोग लगाया और बाक़ी सारे खाने में वो भोग मिलाने को बोला राधिका ने वैसा ही किया

सब खाने के लिए टेबल पर बैठ गए रुपाली ने राधिका को भी अपने पास बैठा लिया था….. नौकरों ने खाना परोसा

वीरप्रताप जी, राघव तारीफ कर कर के बड़ा स्वाद ले कर खाना खा रहे थे…… देवेंद्र जी और शीतल तो पता ही था कि राधिका बहुत अच्छा खाना बनाती है

सबने खाना खाया वीरप्रताप  जी और रुपाली ने राधिका को एक बॉक्स दिया

रुपाली ने कहा आज तुमने पहली बार खाना बनाया है नेग तो बनता है

और खाना भी इतना बढ़िया कि पेट भर गया लेकिन मन नहीं….. कहते हुए वीर प्रताप जी ने राधिका को एक लफाफा दिया

राधिका ने शीतल की तरफ देखा….. अरे शीतल जी की तरफ मत देखो…ये तो तुम्हारा हक़ है….. शीतल  ने आँखों के इशारे से हाँ कहा तो राधिका ने बॉक्स लिया और वीर प्रताप जी और रुपाली के पैर छुए

” चलो अब तुम भी के दो भाभी को -” रुपाली ना राघव से कहा

” मैं क्या दूँ….. मैं इनका देवर हूँ तो ये वादा करता हूँ कि हमेशा इनका दोस्त बन कर रहूँगा | बस बदले में ये ऐसा ही खाना बना  कर खिलाती रहें … “

सब हँस दिए

आदि तुम भी तू कुछ दो

“आदित्य ने कहा मैं क्या दूँ सब तो इन्ही का है जो भी मेरा है “

“हाय क्या बात है..????..राघव ने कहा . क्यों भाभी आप के मज़े आ गए “

सब कुछ आपका है… राधिका मुस्कुरा दी

रुपाली ने शालिनी से कहा… ” आज शाम आप सबका dinner हमारे साथ “

“हाँ ये सही है मम्मी सब एक साथ बैठेंगे मज़ा आयेगा… “

“हाँ तुम्हें तो बस बहाना चाहिए काम ना करने का…”..वीर प्रताप जी ने कहा

“क्या पापा आप भी ना अब मम्मी प्रोग्राम cancle कर देंगी “

“ठीक है तो फिर इस वीकेंड रख लेते है …. रुपाली ने कहा

“हाँ ये ठीक है उस दिन कोई जाने की जल्दी भी नही करेगा सब आराम से

बैठेंगे “

अभी तो चलें….. रुपाली ने कहाकह कर रुपाली , वीरप्रताप  जी और राघव चले जाते हैं

आदित्य राधिका को msg करता है…. हमें आपको कहीं ले कर जाना है 5 बजे तक रेडी हो जाइयेगा

राधिका अपना देखती है फिर आदित्य की तरफ देख कर msg type करके ठीक है लिख देती है

राधिका शीतल को बता देती है कि वो आदित्य के साथ शाम को बाहर जायेगी

शाम 5 बजे आदित्य गाड़ी निकलता है तभी भुवन आ कर पूछाता है… कुंवर कहीं चलना था तो आप बता देते.. आइए बैठिए भवन गाड़ी का दरवाज़ा खोलता है

आदित्य की समझ में नहीं आ रहा था कि वो भुवन से क्या कहे….. आदित्य ने कहा – ” अरे हम तो यूँ ही गाड़ी चला कर देख रहे थे….. बहुत दिनों से चलायी नहीं इसलिए

अच्छा तो चलाइये हम आपके साथ बैठ जाते हैं कह कर भुवन दूसरी तरफ का दरवाज़ा खोलता है तभी आदित्य फिर उस से कहता है….

हम चला लेंगे और हम कोई लडाई में थोड़ी जा रहे है….. बस अभी जायेंगे और आ जायेंगे एक राउंड ले कर

आदित्य ने अपनी घडी की तरफ देखा बस 5 मिनट थे 5 बजने में आदित्य ने सोचा भुवन से पीछा छुड़ाना आसान नहीं हैं

उसने भुवन से कहा…. आपको तो बड़ी माँ  बुला रही थी कुछ बहुत  ज़रूरी काम था

अच्छा  …. भुवन ने कहा  हम अभी आते है आप कहीं जाइयेगा मत

आदित्य ने  कुछ नही कहा और भुवन के जाते ही उसने गाड़ी स्टार्ट की और निकल गया….

भुवन ने मुड़ कर देखा और अपने एक आदमी को उनके पीछे जाने को बोला

राधिका आदित्य का इंतज़ार दूसरे वाले गेट पर कर रही थी….. आदित्य ने जल्दी से अपना दरवाज़ा खोला और राधिका के लिए दूसरा दरवाज़ा खोला…. राधिका मुस्कुराते हुए गाड़ी में बैठ गयी..

आदित्य ने दरवाज़ा बंद किया और गाड़ी स्टार्ट की…..

आप पूछएंगी नहीं कि हम आपको कहाँ ले जा रहे है?

राधिका ने आदित्य की तरफ देख कर कहा नही…आदित्य मुस्कुरा दिया

कुछ देर में आदित्य ने गाड़ी ले जा  कर एक पहाड़ी पर खड़ी कर दी…. उसने राधिका की तरफ का दरवाज़ा खोला और राधिका को उतरने के लिए बोला…. राधिका गाड़ी में से उतरी…. आदित्य उसे पहाड़ी पर ले गया जहाँ से सूर्य अस्त होता हुआ दिखायी दे रहा था…….

राधिका ने जब ये खूबसूरत नज़ारा देखा तो उसके होंठों पर मुस्कान आ गयी बहुत सुंदर है ये … आदित्य थोड़ा उसके क़रीब गया और उसके गले में एक चेन पहनाते हुए बोला  ये आपके लिए उसने राधिका को चेन पेहनायी और राधिका को पीछे से अपनी बाहों में भर लिया

उसके गालों को अपने गालों से छूते हुए बोला – हमने आपसे जिस तरह शादी की उसके लिए हम माफ़ी चाहते है … हम आपसे बहुत प्यार करते है क्या आप हमें माफ करेंगी उस एक गलती के लिए….. और बनेंगी मेरी हमेशा के लिए??

राधिका आदित्य के इतने पास होने से और ऐसे कहने से अपने में ही सिमटी जा रही थी…… आदित्य ने पूछा – कहें हमें माफ करेंगी आप?

राधिका ने अपने दोनों हाथों को उसके हाथों पर रख दिया आदित्य मुस्कुरा दिया उसने राधिका को अपनी तरफ घुमाया और कस के गले से लगा लिया….. इस बार राधिका ने भी आदित्य को अपनी बाहों में भर लिया  !!!

आशा करती हूँ कहानी का ये भाग पसंद आया होगा…… जल्दी  ही नये भाग के साथ मिलूँगी….

अगला भाग

दास्तान इश्क़ की (भाग -14)- अनु माथुर : Moral stories in hindi

धन्यवाद

स्वरचित

कल्पनिक कहानी

अनु माथुर

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