बातें करते हुए दिन के तीन बज गए थे।
‘मिस्टर राॅय ‘ से मिलने का समय तय कर के शोभित चलने को तैयार हो गया।
…
अगले दिन मिस्टर राॅय के बंगले पर शाम की चाय के इन्तजाम बहुत जोरों से किए जा रहे थे।
कुसुम खुद के बनाए हुए केक पर सफेद और गुलाबी रंग की आइसिंग कर रही थी। जबकि मेड सर्वेंट आलू-पनीर की मिक्स सैंडविचेज़ बनाने में लगी हुई है।
सिटिंग रूम में बढ़िया हाथ से फूल कढ़ाई की हुई टेबल क्लॉथ पर रखे रंगीन गुलदस्ते में ताजे फूल लगे हुए थे।
बंगाल की खासियत लिए बोन चाइना निर्मित चाय के नये सेट रंगीन मोतियों की झालर वाली टिकोज़ी से ढंकी हुई रखी है। कुशन और चादरों पर की हैंड मेड कढ़ाई देखने योग्य है।
खुद मिस्टर राॅय काला रंग का सूट पहने थोड़े चिंतित से बरामदे में टहल रहे हैं एवं मेहमानों के इंतजार में जब- तब घड़ी की ओर देख रहे थे।
कुछ देर में कुसुम ने सारी तैयारी कर घर से बाहर निकलने को रेडी है,
” बाबा , आप मेहमानों के स्वागत करें , मुझे कुछ काम है निकलना पड़ेगा। पर आप चिंता मत करो ,
मैं ये गई और ये आई ” कहती हुई बिना बाबा के उत्तर की प्रतीक्षा किए हुए फटाफट सीढ़ियां उतर कर गेट से बाहर हो गई।
ठीक चार बजे शोभित और नैना लौन में गाड़ी से एक साथ उतरे। जिन्हें देखकर मिस्टर राॅय बहुत खुश हो गए।
आगे बढ़कर उन दोनों का स्वागत किया और अंदर सिटिंग रूम में ले कर आ गये।
जहां मिस्टर राॅय एक बड़ी सी आराम कुर्सी पर पैर फैला कर बैठ गए थे।
उनके सामने ही सोफे पर शोभित और नैना भी सीधे हो कर बैठ गए।
नैना चारों तरफ की सजावट को मुग्ध भाव से निहार रही थी।
उसने हल्के गुलाबी रंग के जार्जेट की साड़ी पर काले रंग का ब्लाउज पहन रखा है। हल्का गुलाबी रंग नैना के खिले गोरे से मिलकर एक दूसरे की शोभा दि्व्गुनित कर रहे हैं। …
हाथों में सिर्फ चूड़ियां और सादा मेकअप। मिस्टर राॅय उसे आंखों से परख रहे हैं ,
” बेमिसाल सौन्दर्य वाली इस लड़की की बड़ी भावपूर्ण आंखें वाकई बहुत कुछ बिना कहे समझा जाती है “
“पर्फेक्ट है! ” उनकी आंखों में प्रशंसा के भाव देख शोभित उत्साहित हो चाय बनाने लगा।
” मिस्टर राॅय कुसुम नहीं दिख रही है”
” अभी-अभी कहीं बाहर निकली है। उसके आने तक तुम्हें रोक कर रखूं ऐसा बोल कर गई है”
उन्होंने मुस्कुराते हुए कहा।
“उसके लिए अब आपने क्या सोचा है ? “
मैंने सुना है। उसे अभिनय , नाटकों और नाट्य जगत में कोई रुचि नहीं है “
राॅय बाबू थोड़े उदास हो गए ,
” शोभित यही तो ट्रैजेडी है । घर की कंपनी है ना इसलिए कीमत नहीं समझ रही है “
अब तो उसकी उम्र भी निकलती जा रही है। तुम इतने लोगों को जानते हो । तुम्हारी नज़र में है कोई लड़का ?”
“जो उसकी तरह ही खुले विचारों वाला हो “
आगे …
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डार्लिंग!कब मिलोगी” (भाग -83)- सीमा वर्मा : Moral stories in hindi