फूटा आक्रोश ,चूर हुआ मां का दंभ
“बेटा ,मैं जा रही हूं। जो भी जरूरत हो, आंटी से बोल देना। एक किस्सी दे दो.. ऊऽऽ….अहाऽऽ…. मैं चलती हूं बाय बेटा।”किस्सी ले प्रेमा हाथ हिलाती हुई कमरे से बाहर निकली। “पारू देखना मेरी बच्ची को कोई दिक्कत ना हो।” जी मालकिन , आप बिल्कुल चिंता ना करना।” कहती हुई पारू हल्की मुस्कान बिखेर … Read more