अद्भुत गांव – मधु पारिख : Moral stories in hindi

 Moral stories in hindi : एक समय की बात है एक सु-संपन्न गांव में एक परिवार रहता था । सु-संपन्न इसलिए , की यह गांव होते हुए भी किसी शहर से कम नहीं था । यानी, शायद ही ऐसी कोई सुख सुविधा, व्यवस्था होगी जो इस गांव में ना हो । हाई प्रोफाइल इंस्टीट्यूट से … Read more

वसीयतनामा – नन्दलाल भारती : Moral stories in hindi

सुबह मौन थी। सूरज की रोशनी पेड़ों के झुरमुटों से शनै शनै झर रही थी पर किसी को इस अद्भुत प्राकृतिक नजारे से कोई सरोकार न था क्योंकि मुकुल के निष्प्राण शरीर को पुआल बिछा कर लेटा दिया गया था। सब की नजरें मुकुल के मृत शरीर पर टिकी थी। कुछ लोग जहां तहां खड़े … Read more

एक नई सुबह – नरेंद्र शुक्ल

‘टू राकेश चैधरी  ,  सी बलाक्स काटेज़ ,  टोरेंटो कनाडा ।‘   भारतीय डाक से आये पत्र के लिफाफे पर अपरिचित सी राइटिंग देखकर वह हैरान हो गया । साफ पता चल रहा था  कि  किसी बच्चे की राइटिंग है ।  ‘ पर  , इंडिया में तो वह किसी बच्चे को नहीं जानता ! उसे कौन … Read more

पथभ्रष्ट : Motivational Story In Hindi

रात के बारह बज रहे थे,माया देवी बार-बार घर के बाहर गेट की ओर देख रही थी। माया देवी के मन-मस्तिष्क में अनगिनत सवाल अपने बेटे रजनीश को लेकर उठ रहे थे,जिसका स्वाभाव पिछले तीन चार वर्षों से बिल्कुल बदल चुका था, वह अक्सर शराब पीकर रात को देर से घर आता था,माया के तीन … Read more

 नियती : Motivational Hindi Kahani

अरे..इस लड़के के हाथों में तो  “12 मार्च 2023” तक “नौकरी का योग” है ही नहीं, कुंडली में “शनि की महादशा” चल रही है.. शास्त्री जी ने अमोल की कुंडली देखकर कहा.. और यह सुनकर अमोल ठहाके मारकर हँस पड़ा.. अरे शास्त्री जी कुंडली ज़रा ठीक से देखिए, अमोल एक होनहार छात्र है, अभी उसने … Read more

मधुबन : Motivational Kahaniya

हंसू के हाथ पर कोहनी तक प्लास्टर चढ़ा हुआ था। एक आँख चोट से खून उतर आने के कारण अंगारे की तरह लाल हो गई थी और आँख के चारों ओर नीला घेरा बन गया था। उसके मैले कपड़े कई जगह से फटे हुए थे और शरीर के कई स्थानों पर रक्त बिन्दु दिखाई दे … Read more

नियति के खेल, कोई नहीं जानता… – रोनिता कुंडु

अरे सुषमा..! पद्मिनी को नहीं बुलाया, बबलू के जन्मदिन की पार्टी में..? रमा जी ने अपनी बहू सुषमा से कहा…  पद्मिनी उन लोगों की पड़ोसी थी…  सुषमा:   मम्मी जी..! आप तो जानती है उनका… आ जाएंगे एक प्लास्टिक का गिफ्ट लेकर और खाना भरपेट खाकर चले जाएंगे… रमा जी:   सुषमा..! जिसकी जितनी औकात … Read more

नियति को तो बदला भी जा सकता है – सुषमा यादव

शालू अपने पति के साथ सरकारी दौरे पर गई थी।  वहां एक छोटे से कस्बे में उनके पहचान के एक अधिकारी मिल गये थे। उन्होंने अपने घर में उन्हें आमंत्रित किया।शालू ने देखा,उनकी सीधी सादी पत्नी बड़े ही चाव से सबको जलपान करवा रही थी। पति विनोद तो बहुत ही हैंडसम लग रहे थे,पर पत्नी … Read more

नियति का खेल – रश्मि सिंह

शिखा-मम्मी कल सुमन की शादी है, मेरे पास कोई ढंग के कपड़े नहीं है, आप तो जानती हो कितने बड़े घर की है वो तो थोड़ा ठीक ठाक बनकर जाऊँगी। उमा (शिखा की माँ)-जानती हूँ तुम दोनों बचपन की सहेलियाँ हो, उसने कभी अपनी अमीरी को तुम दोनों की दोस्ती के बीच नहीं आने दिया, … Read more

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