तिरस्कार – संध्या त्रिपाठी : Moral Stories in Hindi

      अरे ओ सुदर्शन……मेरी गाड़ी तो जरा धो धा के एकदम से चमक दो…. क्या महाराज ….कहां जाना है…? समधी के समधी के घर …..! मतलब मुस्कान बिटिया के ससुर के साथ उनकी बहू के मायके जाना है….।      अरे तू तो बहुत समझदार हो गया है सुदर्शन…..खुश होते हुए देवदत्त जी ने कहा…!    रिटायर्ड देवदत्त जी … Read more

आशा मैडम – एम पी सिंह : Moral Stories in Hindi

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हमारे पड़ोस में रहने वाली एक तलाक शुदा टीचर आशा मेडम का देहांत हो गया। 35 साल नोकरी करके के बाद सरकारी स्कूल से सीनियर टीचर के पद से सेवा निवृत्त होकर अकेली जीवन बिता रही थीं। उसके निधन के वक्त ओर बाद मे कोई भी रिस्तेदार नही पहुंचा। अंतेष्टि /किर्या करम के सारे कार्य … Read more

सब्जी का भाव – हरी दत्त शर्मा : Moral Stories in Hindi

“पचास बार कहा है कि सब्जी खरीदना मेरे वश का नहीं है, न तो मुझे भाव ताव करना आता है और ना ही छाँट बीन करना “ मैं भिनभिनाया हुआ था, “खरीद भी लाऊं तो तुम हजार मीनमेख निकाल देती हो। कोई ठेल बाला आए तो उससे खरीद लेना या शाम को बाजार हो आना। … Read more

लम्हों के आरपार – डॉ उषा शुक्ला : Moral Stories in Hindi

 ‌‌ ‌ ‌‌स्वा‌ति सदन की दूसरी मंजिल के पिछवाड़े वाले कमरे में पड़ा हुआ हूं,कमरा क्या एक छोटी सी कोठरी जिसमें स्वाति कभी छत से उतार कर अचार के मर्तबान, बड़ियां बनाने का बांस का बड़ा सा प्लेटनुमा टोकरा, चटाइयां और बड़ी दरी सहेजकर रख दिया करती थी। बड़े अरमान से बनाया था हमने ये … Read more

सम्मान बुजुर्गों का – मोनिका रघुवंशी : Moral Stories in Hindi

आज सुबह का माहौल घर में बेहद व्यस्त और भारी था। सीमा सुबह तड़के ही उठ गई थी। रसोई में हलचल शुरू हो गई थी। घर में ससुर जी का वार्षिक श्राद्ध था, और सीमा इसे बड़ी धूमधाम से मनाना चाहती थी। उन्होंने अपने पति मोहित से कहा था कि वह इस बार श्राद्ध को … Read more

“बदले हुए अहसास” – लतिका श्रीवास्तव : Moral Stories in Hindi

मोहन जी के घर पर आज खुशियों का माहौल था। उनके बेटे शिशिर को एक प्रतिष्ठित पद पर नियुक्ति मिली थी। पूरे मोहल्ले में इस खबर ने मानो उत्सव का माहौल बना दिया था। पड़ोसी, रिश्तेदार, सब उनके घर बधाई देने आ रहे थे। समर्थ जी, जो मोहन जी के पुराने दोस्त थे, विशेष रूप … Read more

माँ का सम्मान – प्राची अग्रवाल : Moral Stories in Hindi

सुधीर जी का परिवार अपनी परंपराओं और मूल्यों से बहुत दूर हो चुका था। गांव की सादगी और रिश्तों की गहराई में पले-बढ़े सुधीर जी, शहर की भागदौड़ में उलझ गए थे। जब तक उनके पिताजी जीवित थे, वह हर साल गांव जाते और परिवार का दायित्व निभाते। लेकिन पिताजी की मृत्यु के बाद, उनकी … Read more

“सौतेला ” – हरी दत्त शर्मा : Moral Stories in Hindi

 ” जिम्मेदार और परिश्रमी व्यक्ति के जीवन में कठिनाई और परेशानी कभी कभार आ सकती हैं पर निकम्मे और गैरजिम्मेदार लोगो का पीछा जीवन भर नहीं छोडतीं। ” नारायण जी अपने बड़े बेटे गगन को समझा रहे थे । ” तुम बड़े होने के साथ साथ जिम्मेदार भी हो, मैं तुम्हारे साथ न्याय नहीं कर … Read more

रिश्तों पर जमीं बर्फ – मीरा सिंह : Moral Stories in Hindi

आठवाँ महीना शुरू होने पर महिमा आज डाक्टर के पास दिखाने आई । इधर कुछ दिनो से उसका वजन बहुत तेजी से बढ़ रहा था । रोज दो किलो वजन को बढ़ता देख रंजन ने देर ना की और उसे शहर के अस्पताल ले आया । लेडी डाक्टर ने जाँच पड़ताल कर कहा , ” … Read more

कीमत – सुनीता मुखर्जी “श्रुति” : Moral Stories in Hindi

शोभना मेरा ड्रेस कहाँ है अभी तक निकाला क्यों नहीं? मुझे ऑफिस जाने के लिए देर हो रही है रोहन जोर से आवाज दे रहा था।   जल्दी करो!!……शोभना  रसोई से दौड़ते-दौड़ते  आई और ड्रेस, टाई, रुमाल, और मैचिंग कैप सब निकाल कर दे दिया।  डाइनिंग टेबल पर नाश्ता लगा दिया है, आप जल्दी से … Read more

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