तिरस्कार – संध्या त्रिपाठी : Moral Stories in Hindi
अरे ओ सुदर्शन……मेरी गाड़ी तो जरा धो धा के एकदम से चमक दो…. क्या महाराज ….कहां जाना है…? समधी के समधी के घर …..! मतलब मुस्कान बिटिया के ससुर के साथ उनकी बहू के मायके जाना है….। अरे तू तो बहुत समझदार हो गया है सुदर्शन…..खुश होते हुए देवदत्त जी ने कहा…! रिटायर्ड देवदत्त जी … Read more