माँ की कमी – रश्मि प्रकाश : Moral Stories in Hindi

घर के आंगन में हलचल थी। जैसे ही कांता रसोई में घुसने के लिए कदम बढ़ाती है, एक अजीब सी खुशबू उसकी नाक में समाती है। वह यह खुशबू पहचान जाती है—यह सुलोचना जी के हाथों की बनी पकवानों की महक थी। कांता चहकते हुए रसोई में घुसी और उत्सुकता से पूछा, “माला दीदी आ … Read more

माँ की सलाह – संगीता अग्रवाल : Moral Stories in Hindi

“अरी सुमन की माँ, जितने लाड़ लड़ाने अपनी बेटी को लगा लो, फिर कल को ये चली जाएगी, तो कोई लाड़ लड़ाने वाला नहीं होगा!” यह शब्द सुमन की माँ के कानों में गूंज रहे थे। वे अपनी बेटी सुमन को निहारते हुए यह सोच रही थीं कि उनकी बिटिया का क्या होगा, जब वह … Read more

सही रिश्ते – सुभद्रा प्रसाद : Moral Stories in Hindi

सुमन के जीवन का एक कठिन समय आ चुका था। एक दिन जब वह घर में कुछ काम कर रही थी, तभी उसे एक जोर की आवाज़ सुनाई दी। यह आवाज़ उसके पति मनोहरलाल के कमरे से आ रही थी। वह घबराई और तुरंत कमरे में दौड़ी। देखा कि मनोहरलाल पलंग पर बेहोश पड़े थे, … Read more

कौन तार से बीनी चदरिया – अंजना वर्मा : Moral Stories in Hindi

खामोश हवा अचानक गीत पर मृदंग के सुरों से झनकने लगी थी। कड़ी, चिकनी आवाज में वे सब बाहर दरवाजे पर खड़ी होकर गा रही थीं, “जच्चा रानी सोने के पलंग बिछा जा जच्चा रानी सोने के पलंग” सुशील के साथ-साथ किरण ने खिड़की की दरार से बाहर झाँका। ऐसे तो किरण समझ ही गई … Read more

बुआ जी – विकास शकरगाए : Moral Stories in Hindi

  बेटी अनु को कालोनी गेट तक स्कूल बस में बैठाकर लौट रही थी तभी विनय का आफिस से फोन आ गया।बताया कि आज मम्मीजी और बुआजी गांव से वहां आ रहे हैं, बुआजी को किसी शादी की खरीददारी करना है। फिर हंसकर बोले  बुआजी आ रही हैं,सुनकर कुछ डर तो लग रहा होगा ना तुम्हें। … Read more

नई रात – मनीष त्यागी : Moral Stories in Hindi

शादी की धूमधाम कुछ कम हो चुकी थी। मेहमान भी काफी हद तक जा चुके थे। उज्ज्वल ने अपने कमरे का रूख किया थोड़ा झिझक कर कमरे का दरवाजा खोला तो नेहा थोड़ा और सिमट कर बैठ गई। “नही तुम्है ज्यादा औपचारिक होने की जरूरत नही है आराम से बैठ जाओ” उज्ज्वल ने शांत लहजे … Read more

एक यशोदा ऐसी भी – मधु जैन : Moral Stories in Hindi

रानो की टोली ताली बजाते हुए गेट के अंदर आकर जोर से आवाज लगाते हुए “लाओ अम्मा लालन की बधाई।” और ढोलक की तान पर यशोदा के घर लालन भयो गाने पर ठुमके लगाने लगी। अम्मा नवजात शिशु को कपड़े में लपेटकर, “ले संभाल इसे, तुम्हारी ही जात का है। ले जाओ यहाँ से।” तभी … Read more

अतीत की परछाई – बरखा शुक्ला : Moral Stories in Hindi

सुहानी आज बहुत सोच में डूबी हुई थी। उसे समझ में नहीं आ रहा था कि इस पल को किस नजरिए से देखे। आज उसके घर लड़के वाले आने वाले थे, और यह एक अहम दिन था। उसकी मां ने देखा कि सुहानी बहुत चिंतित और घबराई हुई है। वह एक पल के लिए चुप … Read more

मुँह बोला भाई – मीता जोशी : Moral Stories in Hindi

“हैलो कौन? आवाज नहीं आ रही| कौन? ओह अनंत आज तुम! कैसे हो? कहांँ हो भई? लंबे समय बाद बहन की याद आई| आ रहे हो? कब? अरे ये तो बहुत अच्छी बात है| हांँ, हांँ, बिल्कुल आओ| मुझे तुम्हारा इंतजार रहेगा|” “मुदित….मुदित कहाँ हो तुम, “फ़ोन रख स्वाति ने पतिदेव को आवाज़ लगाई| “क्यों … Read more

नाम – विभा गुप्ता : Moral Stories in Hindi

  ” सुनिये जी..हम कैसे लग रहें हैं…हमारी वजह से शैलेश का मज़ाक तो नहीं होगा ना….।” शीशे में खुद को निहारकर अपनी साड़ी का पल्ला ठीक करती हुई सुनंदा जी अपने पति श्रीकांत बाबू से पूछी तो वो हा-हा करके हँसने लगे…फिर उनके कंधे पर अपने दोनों हाथ रखते हुए बोले,” अब इस उम्र में … Read more

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