स्नेहसूत्र – अर्चना सिंह : Moral Stories in Hindi

 मायका ! इस नाम का एहसास ही इतना सुखद होता है न कि नाम सुनते ही अधरों पर मुस्कान और दिल में एक उमंग छा जाती है । पर कविता की किस्मत विधाता ने जाने किस कलम से रची थी। उसके  हिस्से में शादी के बाद कभी मायका सुखद एहसास लेकर आया ही नहीं । … Read more

चार दिन की चाँदनी – डॉ बीना कुण्डलिया : Moral Stories in Hindi

बाबूल की दूआए लेती जा जा तुझको सुखी संसार मिले भावविभोर करती …सामने के घर में जहां कल कितनी रौनक थी आज बेटी की विदाई की तैयारी शहनाई वादन की मधुर धुन मन को विचलित कर रही थी। अपनी बाल्कनी में खड़ी मयूरी शादी की रौनक भीड़ भाड़ देख रही आज उसका मन पहले से … Read more

जीवन-संध्या के कुछ पल – मुकुन्द लाल : Moral Stories in Hindi

   सुबह तड़के नित्य कर्मों से निवृत होकर बलदेव लाठी टेकता ओसारे में पड़ी उस खाट की ओर आहिस्ता-आहिस्ता बढ़ने लगा, जिससे उसका संबंध वर्षों से स्थापित हो गया था।    खाट के पास पहुंँचकर पल-भर के लिए वह रुका, फिर वह खाट पर बैठ गया। खाट पर बैठे-बैठे उसने अपनी लाठी को वहीं दीवार के सहारे … Read more

बलि – एम पी सिंह : Moral Stories in Hindi

राजस्थान के कोटपूतली का किरतपुरा शेत्र आज सुर्खियों में हैं। वज़ह, 3 साल की एक मासूम बोरवेल में गिर गई ओर 150 फिट गहराई में फस गई। बोरवेल में गिरने वाले सब बच्चे प्रिन्स जैसे किस्मत वाले नही होते जो अपने माँ बाप से दुबारा मिल सके। प्रिंस के बोरवेल में गिरने के बाद अबतक … Read more

धरना – एम पी सिंह : Moral Stories in Hindi

गिरिराज, सरपंच का बेटा, बचपन से ही पढ़ाई लिखाई से दूर भागता था, जैसे तैसे कक्षा 7 तक पहुंच कर पढ़ाई छोड़ दी। उसे प्यार था तो बस लड़ाई झगड़े ओर मार पीट से। समय के साथ साथ उसकी दादागिरि बढ़ती गई। एक बार चुनाव के दौरान अपने नेेताजी गांव में आये तो सरपंच ने … Read more

एक खत – कादंबरी मेहरा : Moral Stories in Hindi

इंटरनेट पर किसी ने एक नसीहती सन्देश भेजा है। “हैपी बर्थडे! आप आज सत्तर वर्ष के हो गए! अब समय आ गया है कि गैरज़रूरी सामान को अपने हाथों से दान कर दें। पुराने, बेकार कागज़ पत्तर छाँट कर फाड़ दें। आपके शरीर की ताक़तें दिन-ब-दिन कम होती जायेंगी। बची हुई ताक़त व समय को … Read more

वंशबेल – इन्दिरा गोस्वामी : Moral Stories in Hindi

गाँव का महाजन पीतांबर अपने घर के सामने पेड़ के ठूँठ पर बैठा था। वह पचास को पार कर चुका था। कभी वह काफी हट्टा-कट्टा था, लेकिन अब उसे चिंता ने दुबला दिया था। उसकी ठुट्टी के नीचे की खाल ढीली पड़कर लटकने लगी थी। वह दूर निगाहें टिकाए एक बच्चे को देखे जा रहा … Read more

दंश – अलका प्रमोद : Moral Stories in Hindi

अभी मैं क्लीनिक से आकर बैठी ही थी कि मिस्टर वर्मा का फोन आ गया। वह बुरी तरह घबराए हुए थे, उन्होंने रूआँसी वाणी में कहा, “डॉक्टर आप तुरंत आ जाइए, ऋतिका को पता नहीं क्या हो गया है, साँस ही नहीं ले पा रही है।” मैं समझ गयी कि जिस घड़ी से मैं डर … Read more

मां हम बहनों के शगुन में भेदभाव क्यों! – सविता गोयल : Moral Stories in Hindi

” आ गई बेटा .….. बड़ी देर कर दी आज!!” मनोरमा जी अपनी छोटी बेटी गीता को देखकर खुश होते हुए बोलीं। ” हां मां, वो मेरी ननद भी आ गई थी ना आज राखी बांधने…. इसलिए निकलने में देर हो गई। ….. भईया भाभी कहां हैं??? और दीदी आ चुकी क्या राखी बांधने के … Read more

कहीं तो मिलेंगी – पूनम भटनागर : Moral Stories in Hindi

कनक बड़े मनोयोग से सारी प्रक्रिया का अवलोकन कर रही थी। वह बड़ी ही हैरानी से बड़े बड़े हवाई जहाजों को देख कर आश्चर्य चकित हो रही थी। अभी अभी उसके सामने एक एरोप्लेन लैंड किया था। उसने पिता से पूछा क्या वह आगे जाकर देख आए। पिता के हां कहने पर वह थोड़ा आगे … Read more

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