अंकुर – संध्या त्रिपाठी : Moral Stories in Hindi

  बच्चों ने शर्मा जी के रिटायरमेंट को एक उत्सव का रूप देने की सोची , पता लगते ही शर्मा जी भड़क गए , अरे ये कोई खुशी का मौका है क्या… जो पार्टी रखी जा रही है ।  हां पापा …आज के जमाने में स्वस्थता के साथ रिटायरमेंट होना भी बहुत बड़ी खुशी की बात … Read more

नया रिश्ता – बिंदेश्वरी त्यागी : Moral Stories in Hindi

भोपाल के कमलापति रेलवे स्टेशन पर सौरव अपना ट्रॉली बैग लेकर जल्दी से ट्रेन में चढ़ा क्योंकि ट्रेन चलने को तैयार थी l बाहर बहुत गर्मी थी एक में आकर उसने थोड़े सुकून की सांस ली l वह अपनी सीट पर बैठ गया और सामान सेट करने लगा l रात्रि के 9:00 बज रहे थे … Read more

अपनेपन की महक…. – शीतल भार्गव : Moral Stories in Hindi

बारिश का मौसम था मंद – मंद बारिश हो रही थी । रवि बालकनी में खड़ा था , बारिश की हल्की हल्की बूंदों से उसका जिस्म भीग रहा था और यादें भी , गाँव की मिट्टी की सोंधी सी ख़ुशबू बारिश की पहली बूंदों के साथ हवा में बह रही थी । उस ख़ुशबू में … Read more

समय बीत जाता है यादें रह जाती हैं – के कामेश्वरी : Moral Stories in Hindi

बात उस समय की है जब हमारी ग्याहरवीं की परीक्षा ख़त्म हो गई थी और हमारे माता-पिता मेरी शादी की बात चलाने लगे थे माँ ने कहा कि शादी के फ़िक्स होते तक सिलाई कढ़ाई सीख ले और मेरा वहाँ दाख़िला दिलाया ताकि मैं कुछ काम सीख लूँ । वहाँ मेरी मुलाक़ात बहुत सारी लड़कियों … Read more

गुरु दक्षिणा – कुमार किशन कीर्ति : Moral Stories in Hindi

रघुवीर दास एक समय के प्रतिष्ठित और सम्मानित शिक्षक थे, जिन्होंने अपने जीवन का बड़ा हिस्सा बच्चों को शिक्षा देने में बिताया था। उच्च विद्यालय में हिन्दी के सहायक शिक्षक के रूप में कार्य करते हुए उन्होंने न केवल छात्रों को शिक्षा दी, बल्कि उन्हें जीवन के अच्छे मूल्य भी सिखाए। रघुवीर दास का मानना … Read more

रिश्ता – एम.पी.सिंह : Moral Stories in Hindi

आनंद, शाम को तैयार रहना, तेरे लिये लड़की देखने जाना है, बिना जवाब सुने पापा बाहर निकल गए। ये आवाज अक्सर कानो मे पड़ती। फिर हम लड़की देखने जाते, मॉ को अगर लड़की पसंद आती तो बाबूजी मना कर देते, अगर दोनों को पसंद आती तो मैं मना कर देता। ये सिलसिला लगभग साल भर … Read more

गम – अर्चना सिंह : Moral Stories in Hindi

रामदीन जी सेवा निवृत्त अध्यापक थे उनकी पत्नी देविका जी की अचानक हृदयाघात से मृत्यु हो गयी थी । उनका पार्थिव शरीर बड़े बेटे हर्ष के इंतज़ार में रखा हुआ था । जीवन संगिनी के जाने का गम रामदीन जी को अंदर ही अंदर खाए जा रहा था । घर में सभी परिवार रिश्तेदारों की … Read more

प्रहार – शिप्पी नारंग : Moral Stories in Hindi

नरेश जी और सुमेधा जी अपने कमरे में बैठे हुए एक दूसरे के साथ पुरानी यादों को ताजा कर रहे थे कि अचानक से छोटे बेटे गौरव ने दरवाजे पर दस्तक देकर अंदर झांका और कहा ” पापा चाय चलेगी क्या..?” नरेश जी थोड़ा अचंभित हुए और मन में सोचा कि बेटा चाय पूछने आया … Read more

बूढ़ी अम्मा – कुमार किशन कीर्ति : Moral Stories in Hindi

आज बूढ़ी अम्मा उदास है।निराश है। कहने को तो चार बेटे हैं,मगर किसी भी बेटे को इतनी फुरसत कहां की बूढ़ी अम्मा के पास वक्त निकालकर बैठे। हालचाल पूछे। बहुएं भी कुछ कम नहीं हैं।वे सब तो बेटों से कई कदम आगे हैं। बूढ़ी अम्मा को कभी आदर_भाव नहीं देती,और खाना तो हमेशा बिना किचकिच … Read more

न भी न ! मैं ‘मैं’ ही ठीक हूं ! – उमा महाजन : Moral Stories in Hindi

short story in hindi

  ‘अमिता, मेरी नीली कमीज प्रेस नहीं की? कल सुबह तुम्हें बोलकर घर से निकला था। आज मेरी प्रेजेन्टेशन है।मुझे वही कमीज पहननी थी।पता नहीं तुम्हारा ध्यान कहाँ रहता है?’    ओह सॉरी,भुवन! दरअसल कल कपड़े प्रेस करने के लिए समय ही नहीं मिल पाया। मैं अभी प्रेस कर देती हूँ।    ‘समय नहीं मिल पाया ?? बाई- … Read more

error: Content is Copyright protected !!