लें देन से ज्यादा रिश्तों में प्यार जरुरी है – मंजू ओमर : Moral Stories in Hindi

नित्या जब मायके से ससुराल आईं तो उसने सास सुनयना के सामने तीन चार बड़े बड़े गिफ्ट के पैकेट रख दिए , और एक छोटी डिब्बी में एक सोने की चेन और अंगुठी भी थी ।ये क्या हैं नित्या सुनयना ने पूछा। नित्या बोली वो भतीजी का मुंडन कराया था न तो पापा मम्मी ने … Read more

ईर्ष्या – लतिका पल्लवी : Moral Stories in Hindi

 गीता का  घर के किसी भी काम मे मन नहीं लगता था.। माँ के कहने पर वह बिना मन के जैसे तैसे कर के काम निबटा देती थी। देखने मे भी वह साधारण ही थी। उसके रवैये से उसकी माँ परेशान रहती थी तथा चिंता करती थी कि पता नहीं इसकी शादी कैसे होंगी, इसे … Read more

मायके की तुलना – गीतू महाजन : Moral Stories in Hindi

छोटी बहू की डोली आंगन में आ चुकी थी।नलिनी जी बाकी औरतों के साथ घर के द्वार पर बहू के स्वागत के लिए आ गई थी।प्यार से बहू को घर के अंदर लेकर आई और बाकी सारी रस्में निभाकर वह अब मन ही मन बहुत खुशी और संतोष अनुभव कर रही थी।उन्हें लग रहा था … Read more

रंग का दंश – डॉ कंचन शुक्ला : Moral Stories in Hindi

दरवाजे की घंटी बार-बार बज रही थी पर सलोनी को जैसे कुछ सुनाई ही नहीं दे रहा था वो अपने ही ख्यालों में खोई हुई थी उसके दिल की बेचैनी उसके चेहरे और आंखों  उदासी बनकर झलक रही थी उसकी आंखों में एक दर्द था जिसे हर कोई नहीं पढ़ सकता था दरवाजे की घंटी … Read more

सच्चे रिश्तों की पहचान – सीमा शर्मा : Moral Stories in Hindi

दीपक जी खाना खाकर कुछ देर आराम करने के लिए अपने कमरे में गए ही थे कि अचानक फोन की घंटी बज उठी। उन्होंने फोन उठाया तो दूसरी तरफ से उनके समधी शशिकांत जी की आवाज़ आई। उन्होंने कहा, “कल आपसे एक ज़रूरी मुलाकात करनी है।” यह सुनकर दीपक जी चिंतित हो गए, क्योंकि दो … Read more

हमारे ख़ानदान में लेने देने की जगह रिश्तों में प्यार हो और अपनापन हो इस बात पर ज़्यादा ध्यान दिया जाता है । – के कामेश्वरी : Moral Stories in Hindi

नरेश जी ने इंजीनियरिंग अंतिम वर्ष में पढ़ रही अपनी बिटिया रजनी से कहा कि बेटा अब तो तुम्हारी पढ़ाई ख़त्म हो रही है मैं और तुम्हारी माँ तुम्हारे लिए रिश्ते देखना चाहते हैं।  तुम्हारी नज़र में वर कैसा होना चाहिए । सुधा ने कहा आप भी उससे क्या पूछ रहे हैं बिल्ली से पूछ … Read more

बेटी की शादी में तमाशा नहीं – रश्मि प्रकाश : Moral Stories in Hindi

“ सुनते हो आज बड़ी भाभी का फ़ोन आया था कह रही थी हमारी पीहू के लिए उनके एक रिश्तेदार ने पूछा है… वो कह रही थी जो भी निर्णय लो जल्दी बता देना।” दफ़्तर से पति के आते ही कामिनी ने अपनी दबी भावनाओं को उड़ेल दिया  “ अरे पर उन्होंने हमारी पीहू को … Read more

सोने की मुर्गी! – कुसुम अशोक सुराणा : Moral Stories in Hindi

सुबह-सुबह जैसे ही मानसी के बाबा बरामदे में रक्खी कुर्सी पर आ कर बैठे, मोहिनी जी ने चाय-नाश्ते की ट्रे कांच के टी-पॉय पर रख दी और खुद सामने वाली कुर्सी पर बैठ गई। मानसी के पिताजी रतनचंद जी शहर के नामी-गिरामी कॉलेज में प्रोफेसर थे। राज्य सरकार के अधीन महाविद्यालय होने के कारण उनकी … Read more

सुनो, बहू क्या लाई हो – मनु वाशिष्ठ : Moral Stories in Hindi

शादी को अभी कुछ ही वक़्त हुआ है… मायके से ससुराल वापसी पर…सासू मां और संग सहेलियां पूछने लगती हैं अक्सर …. मायके गई थी क्या लायी… एक तो वैसे ही मायके से आकर मन वहीं के गलियारों में भटकता रहता है… उस पर सभी का बार बार पूछना। हो सकता है ससुराल के हिसाब … Read more

हर बेटी यही तो चाहती है – संगीता अग्रवाल: Moral Stories in Hindi

” भाभी मैं बुआ बनने वाली हूँ बढ़िया सा नेग लूंगी आपसे !” नीलू अपने मायके आने पर अपनी गर्भवती भाभी आस्था से बोली। ” हां हां क्यो नही नेग तो बनता है तेरा !” आस्था की जगह उसकी सास रेखा बोली । आस्था तो मानो नीलू की बात सुनकर कहीं खो सी गई थी।  … Read more

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