संशय – डॉ ऋतु अग्रवाल : Moral Stories in Hindi

         “सुनो जी! मुझे लगता है कि पारुल के मायके से जो तीज-त्योहार पर सामान आता है न, वह स्वयं अपने माई को रुपए भेज देती है और उसका भाई आकर सारे नेग पूरे कर जाता है।”कविता ने अपने मन का संशय अपने पति प्रदीप के समक्ष ज़ाहिर करते हुए कहा।          “छोड़ो भी यार! जब बहू … Read more

अपने मन की सुनो – विभा गुप्ता : Moral Stories in Hindi

ड्राॅइंग रूम के सोफ़े पर बैठकर श्रुति टेलीविज़न पर कार्टून शो देख रही थी।फिर वो रिमोट से चैनल बदलकर न्यूज़ देखने लगी।एक रिपोर्टर बोल रही थी,” आतंकवादियों ने धर्म पूछकर हिन्दू पर्यटकों पर गोलियाँ बरसा दीं..।उसने तुरन्त टीवी बंद कर दिया और पास बैठे अपने पिता से बोली,” पापा..कल स्कूल में मेरी एक सहेली कह … Read more

बीस साल बाद – परमा दत्त झा : Moral Stories in Hindi

आज दस दिन बाद जब वे कमरे पर आये तो चौंक गए।कारण मंत्री रघुवीर ने बीस हजार रूपए भेजे थे। साथ में पत्र भी था उसमें फोन नंबर भी दिया था। फोन करते ही प्रणाम किया और बोला -सर आपने पहचाना। अरे बेटा रघु ,तुमने पैसे क्यों भेजे? सर यह तो आपके उपकार के बदले … Read more

बाबूजी के कमरे की खामोशी – डा० विजय लक्ष्मी : Moral Stories in Hindi

घर में चहल-पहल थी। अनन्त का प्रमोशन हुआ था, और परिवार जश्न में डूबा था। ड्राइंग रूम में केक काटा जा रहा था मिठाइयों, नमकीन, आइसक्रीम के दौर के साथ दोस्तों के कहकहे सुनाई पड़ रहे थे।  लेकिन घर का एक कमरा जिसमें बाबूजी रहते थे उन्हें किसी ने बुलाना क्या बताना भी उचित नहीं … Read more

कच्चा चिट्ठा खोलना – खुशी : Moral Stories in Hindi

निम्मी और विम्मी दोनो देवरानी और जेठानी थे।निम्मी हर काम में निपुण जबकि विम्मी बड़बोली थी पर उसे कुछ आता जाता नहीं था।हर समय वो ये ही सोचती की कैसे निम्मी का काम बिग।ड़े।एक बार उनकी ननद का बेटा संजय जो १५ साल का था उनके घर रहने आया। निम्मी उसका बड़ा ध्यान रखती और … Read more

 मुंह मोड़ना – पूनम भारद्वाज : Moral Stories in Hindi

साधारण रंग रूप मगर गुणवान तनिषा को उसकी जेठानियाँ और ननदे सांवली होने के कम अहमियत देते थे।     तनिषा का रंग रूप भले ही सांवला था मगर मन की एकदम साफ।जो लोग उसे कम पसंद करते फिर भी वह उनके हर काम के लिए तत्पर रहती।            कुकिंग,पेंटिंग, सिलाई, बुनाई हर कार्य में निपुण। … Read more

 लड़ाई – डॉक्टर संगीता अग्रवाल : Moral Stories in Hindi

अरे! आज फिर कूड़ा डाल दिया मेरे अहाते में? जया गुस्से में बड़बड़ाई..ये मालिनी भी न जाने कब मैच्योर होगी? मम्मी!मालिनी आंटी हमसे चिढ़ती हैं,हमेशा नज़र लगाती हैं हमारी खुशियों पर और जब तब चोरी छिपे ये ओछे काम करती रहती हैं। श्वेता बोली। नहीं ..अब मैं और चुप नहीं रहूंगी..आज उसको समझा के ही … Read more

 माँ तो माँ होती है – रश्मि प्रकाश : Moral Stories in Hindi

“ सुन रही हो माँ की तबीयत बहुत ख़राब है अब उनके बचने की उम्मीद जरा भी नहीं है…. भैया कह रहे थे एक बार आकर उन्हें देख लो ।”कुन्दन अपनी पत्नी रूचि से कह रहा था जिसकी आँखों में आँसू और आवाज़ में कंपन रूचि महसूस कर रही थी  “ तुम्हें क्या लगता है … Read more

 मुंह मोड़ लेना – अर्चना झा : Moral Stories in Hindi

जाने क्या बात हुई कि  सुधा ने फोन का रिसिवर उठाते हुए कहा कि आज के बाद कभी इस नम्बर पर फोन मत करना सुरेश,आज से तुम्हारा और मेरा कोई संबंध नहीं , उधर से हैलो हैलो की आवाज आ ही रही थी कि सुधा ने फोन क्रेडिल पर पटक दिया और बिजली की तेजी … Read more

 मुंह मोड़ना – पूनम सारस्वत : Moral Stories in Hindi

दिल तोड़ने वाले तुझे दिल ढ़ूंंढ रहा है…. पार्श्व में गाने के बोल मंजरी के कानों में पिघले शीशे से लग रहे थे और वह न चाहते हुए भी आंसुओं के समुद्र में भीगी जा रही थी। रह रह कर वह खूबसूरत पल उसे याद आ रहे जो उसने अमित के साथ गुजारे थे, हाथों … Read more

error: Content is Copyright protected !!