संशय – डॉ ऋतु अग्रवाल : Moral Stories in Hindi
“सुनो जी! मुझे लगता है कि पारुल के मायके से जो तीज-त्योहार पर सामान आता है न, वह स्वयं अपने माई को रुपए भेज देती है और उसका भाई आकर सारे नेग पूरे कर जाता है।”कविता ने अपने मन का संशय अपने पति प्रदीप के समक्ष ज़ाहिर करते हुए कहा। “छोड़ो भी यार! जब बहू … Read more