मेरी आत्मा को तकलीफ़ देकर तुम कैसे खुश रह सकती हो – मंजू ओमर

अपने नन्ही पोती को देखकर सुमन की आंखों से आंसू बह निकले। क्या जिंदगी बना दी है भगवान तूने मेरी बच्ची को देखने को छूने को तरस रही हूं , उसकी एक मुस्कुराहट को तरस रही हूं। क्यों तूने मेरे सारे अरमानो पर पानी फेर दिया है। क्या कुसूर था मेरा और सुमन चेहरे को … Read more

 आत्मा की पुकार – डा० विजय लक्ष्मी : Moral Stories in Hindi

रिया एक मध्यमवर्गीय, पढ़ी-लिखी और आत्मनिर्भर स्त्री थी। वह एक निजी कंपनी में कार्यरत थी और अपने दो बच्चों की परवरिश पूरी ईमानदारी और ममता से कर रही थी। उसके दिन की शुरुआत घर के कामों से होती और ऑफिस की जिम्मेदारियों तक जाती, फिर भी वह कभी शिकायत नहीं करती। परंतु उसकी ज़िन्दगी की … Read more

 मेरी आत्मा को दुःख देकर तू कभी सुखी नहीं रह सकती – डोली पाठक : Moral Stories in Hindi

सांवला रंग और दोहरे हाड़ काठ की प्रमिला काकी जब तन कर चलती तो लोगों को उनके स्त्री कम पुरूष होने का आभास अधिक हुआ करता… तीन बेटियां और दो बेटे होने के दंभ के साथ वो जब रास्ते में निकलती तो… अनायास हीं मुहल्ले की स्त्रियां ईर्ष्या से भर उठती… प्रमिला काकी की बेटियां … Read more

 नया सफर – ऋतु यादव : Moral Stories in Hindi

रह रहकर सास संयोगिता के शब्द मनुस्मृति के कर्ण पटल भेद रहे थे, “मुझे तकलीफ देकर तू कभी सुखी नहीं रह सकती”। पर सब अनदेखा कर वो अपना सामान बांध अपने बच्चों के साथ निकल गई नए जीवन के सफर पर। मनुस्मृति शादी कर ससुराल आई तो सब ठीक ठाक ही लगा उसे पर धीरे … Read more

 मेरी आत्मा को दुखी कर तुम सुखी नहीं रह सकती हो – दीपा माथुर : Moral Stories in Hindi

शहर की एक पॉश सोसाइटी में अर्जुन अपने परिवार के साथ एक आलीशान बंगले में रहता था। चमचमाती फर्श, वॉइस कंट्रोल लाइट्स, होम थिएटर, स्मार्ट किचन—घर में हर सुविधा मौजूद थी। पर इस आधुनिकता के बीच घर के एक कोने में चुपचाप रहते थे अर्जुन के माता-पिता—रमा और सविता। रमा अब 75 के हो गए … Read more

रेत का घरौंदा (झूठे रिश्तों से मुक्ति) – डॉ कंचन शुक्ला : Moral Stories in Hindi

” मैंने तुमसे क्या कहा था ना, मीरा को बेवकूफ़ बनाकर शीशे में उतारना बहुत आसान है।तुम बेवज़ा डर रही थीं,अब मीरा  हमारे बच्चे को पालेगी और हम दोनों जीवन का आनंद उठाते रहेंगे”। मीरा जो पानी पीने के लिए रसोई में आई थी अपने पति की बात सुनकर स्तब्ध रह गई। ” हां तुम … Read more

आत्मा की तकलीफ – अनिता मंदिलवार “सपना” : Moral Stories in Hindi

दोपहर दो बजे रीना की आँख खुली । उनींदी आंखों से देखी अभी तो रात ही है और फिर उसने कॉलेज से छुट्टी ले ली थी । आँखें बंद किया रात में लिखी कविताओं के बारे में सोचा इतने लाइक इतने कमेंट बहुत ही संतुष्टि हुई । बरसों उसकी डायरी लिखने की आदत अब काम … Read more

तकलीफ़ – मधु वशिष्ठ : Moral Stories in Hindi

  मेरी आत्मा को तकलीफ देकर तू कभी सुखी न रह सकती है। फोन पर स्पीकर से ताई जी का लगातार कुछ भी बोलना जारी था और आंखों में आंसू लिए मृदुल भाभी कुछ भी नहीं कह पा रही थी। मेरा मन हुआ मैं ताई जी को कुछ भी कहूं परंतु उन्होंने फोन बंद कर दिया … Read more

मेरी आत्मा को दुख देकर तू कभी खुशी नही रह सकती हैं – आराधना सेन : Moral Stories in Hindi

“देख रहे हो कैसे तुम्हारी माँ मुझे श्राप दे रही हैं और तुम कहते हो इसकी सेवा करने,मैं जीते जी इनकी कभी सेवा नही करूँगी “लीला गुस्से मे बडबडा रही थी रमेश काम से लौट ही था आँगन मे साइकिल खड़ी ही की थी । यह रोज की किच किच थी माँ आज कई सालो … Read more

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