ननद सिर्फ पति की बहन ही नहीं सबसे अच्छी सखी भी तो है – मंजू ओमर : Moral Stories in Hindi

अरे रितिका क्या वहां रसोई में घुसी है भाभी के साथ, यहां आकर बैठ हमलोगों के साथ गप्पे लडा। भाभी कर लेगी न तुम क्यों परेशान हो रही वहां।हम ननदें क्या ससुराल से आकर अब मायके में भी काम करेंगी क्या रसिका बोली। तभी बीच में मम्मी रजनी भी बोल पड़ी ये रितिका भी न … Read more

ननद भाभी तो सहेलियां होती हैं – प्रतिभा भारद्वाज ‘प्रभा’ : Moral Stories in Hindi

“भाभी!…आप गईं नहीं अभी तक…. मैंने आपसे कहा तो था फोन पर कि आप निकल जाना मुझे आने में देर हो जाएगी….” अंजली ने अपनी भाभी कामिनी से कहा। “अरे तो चली जाएगी….पूरा दिन पड़ा है….तू तो अब आई है सुबह से….अब ऐसे भला अच्छा लगता है कि बहन बेटी घर आएं तो घर की … Read more

रोज रोज का सिलसिला बंद हो – कमलेश आहूजा : Moral Stories in Hindi

रोज रोज का सिलसिला बंद हो ये सिलसिला रोज का होने लगा पूजा की नन्द रेवती आए दिन ससुराल वालों से झगड़कर मायके आ जाती थी। पूजा के सास ससुर व पति उसे समझाने की बजाय और शय देते थे। रेवती शुरू से जिद्दी व क्रोधी स्वभाव की थी। हर समय घर में क्लेश करती … Read more

जेनरेशन गैप – सीमा प्रियदर्शिनी सहाय : Moral Stories in Hindi

कई दिनों से अपराजिता का मूड थोड़ा ऑफ था, यह रियाबहुत अच्छी तरह से महसूस कर रही थी। ना जाने क्यों आजकल वह थोड़ी उखड़ी उखड़ी सी रहती है। अपनी आप से मतलब रखती है और काम से काम और कोई बात नहीं। न कोई हंसी मजाक न कोई चुहल । न जाने क्यों उसकी … Read more

” ननद” – पूजा शर्मा : Moral Stories in Hindi

मां इतना बड़ा घर कहां है हमारा इस छोटे से फ्लैट में आप बुआ को भी अपने साथ रखने के लिए कह रही हो , आप खुद बताओ कहां रहेगी बुआ? एक कमरा हमारा एक दोनों बच्चों का और एक छोटा सा कमरा आपका, बताओ क्या 1 सदस्य के बढ़ जाने से परेशानी नहीं हो … Read more

ननद हो तो ऐसी – विभा गुप्ता : Moral Stories in Hindi

  ” क्यों नहीं खेलेगी रंग…अंशु, चल आ..अपनी चाची पर रंग डाल..पर ज़रा संभल के..कहीं उसकी आँखों में न पड़ जाये…।” पुष्पलता ने अपने दस वर्षीय भतीजे से कहा तो रमा ने घबराकर अपने कदम पीछे कर लिये।रंग खेलने आई महिलाएँ चौंक उठी और आपस में काना-फूसी करने लगीं,” ये कैसी ननद है जो अपने भाई … Read more

ननद – विनीता महक गोण्डवी : Moral Stories in Hindi

moral story in hindi

सविता शहर की एक पढ़ी-लिखी लड़की थी और एक संयुक्त परिवार की बेटी थी।उसके पिताजी उसके लिए लड़का देख रहे थे। सविता के पिताजी जब भी कोई इकलौता लड़का देखते तो सविता कहती….. नहीं पापा परिवार में ननद हो ,देवर हो, जेठ हो, तो कितना अच्छा लगता है भरा-पूरा  परिवार हो सब एक साथ खाना … Read more

“छोटी ननद” – डॉ अनुपमा श्रीवास्तवा : Moral Stories in Hindi

सरिता जी की छोटी ननद अपने हाथ में एक सुन्दर सी थैली लेकर धीरे से घर में आई  और उन्हें इशारे से अपने पास बुलाकर बोलीं-” भाभी आप पहले इधर आइये … देखिये इसमें कुछ गहने हैं जो मैं अपने पसंद से बदलकर इला के लिए लाई हूँ। इसको जल्दी सम्भाल कर रख दीजिये।फिर हाथ … Read more

एक प्यारी सी ननदिया – शिव कुमारी शुक्ला : Moral Stories in Hindi

मम्मा अब तो कंट्रोल नहीं हो रहा ऐसा लगता है कि जल्दी से उड़कर आपके पास पहुंच जाऊं। सलोनी को देखने की , उससे मिलने की इच्छा तीव्र हो रही है पर क्या करुं बच्चों की परीक्षा, अंकित का प्रोजेक्ट। खैर मम्मा पंद्रह दिनों की बात और है फिर सब खत्म हो जाएगा और हम … Read more

ननद – सीमा गुप्ता : Moral Stories in Hindi

“चरण वंदना, दीदी। बड़े भाग्य हैं हमारे जो आप पधारी हैं, हमारा मार्गदर्शन करने। आपकी उपस्थिति तो मुझे सभी चिंताओं से मुक्त कर देती है।” भाव विभोर होकर रमा ने अपनी बड़ी और इकलौती ननद सरला जी के चरणस्पर्श करते हुए कहा। “जब तुमने इतने मनुहार से बुलाया तो कैसे न आती? और फिर मेरी … Read more

error: Content is Copyright protected !!