अपनी बहू के अच्छाई के आगे आपको कुछ नहीं दिखता मम्मी – मंजू ओमर : Moral Stories in Hindi

देखिए भाभी जी आज मेरी बहू को अपने स्कूल से सबसे अच्छी टीचर का ये गिफ्ट मिला है ।ये कहते हुए प्रस्सति पत्र और गिफ्ट दिखाते हुए खुशी से सुधा जी की आंखें छलछला आई।आज धूप में बैठी इस पड़ोस की सुधा जी की सहेलियां जिनको सुधा जी बहू को मिला गिफ्ट दिखा रही थी। … Read more

आपको तो अपनी बहू की अच्छाई के आगे कुछ दिखाती ही नहीं पड़ता है। -पूजा शर्मा : Moral Stories in Hindi

आपको तो अपनी बहू की अच्छाई के आगे कुछ दिखता ही नहीं है मां, आप क्यों नहीं समझ रही हो क्या जरूरत है मकान भैया के नाम करने की , एकमात्र यही पूंजी है आपके पास पापा की दी हुई आपके बाद सब कुछ वैसे भी भैया भाभी का ही है मगर अपने जीते जी … Read more

आपको तो अपनी बहू की अच्छाई के आगे कुछ दिखाती ही नहीं पड़ता है। – पूनम भारद्वाज : Moral Stories in Hindi

जैसे ही रीमा ने घर में कदम रखा । रिया ने सोफे पर पसरते हुए कहा,” भाभी जल्दी से चाय बना लो अब। तभी साथ बैठी, बुआ सास मालती बोली,” और हां पकौड़े भी बना लेना साथ। जी बुआ जी,” रीमा ने कहा। रीमा आज ऑफिस में बहुत थक गई थी, सर दर्द से भयंकर … Read more

अधूरी चाहत – शिव कुमारी शुक्ला : Moral Stories in Hindi

शाम के छः बजे थे, फरवरी का महीना था। हल्की-हल्की गुलाबी ठंडक वातावरण में मौजूद थी क्योंकि ठंडी हवा भी चल रही थी, किन्तु इतनी ठंडक सुहानेवाली थी। आलोक जी एवं सुनयना जी घर के सामने ही बने छोटे से बगीचे में बैठे चाय का आंनद ले रहे थे। दोनों बेटे कोचिंग गये हुए थे। … Read more

क्या सही क्या गलत – ऋतु दादू : Moral Stories in Hindi

गरिमा से फोन पर बात करने के बाद रिद्धि गुस्से से तमतमा रही थी, भाभी अपने आपको समझती क्या है? इतने बड़े पद से सेवा निवृत हुए है पिताजी, उन्हें नौकर बना कर रख दिया है।  गरिमा रिद्धि के मायके की सहेली है, गरिमा कुछ दिन अपने मायके रहने गई थी, जिसका घर रिद्धि के … Read more

स्वार्थ – अपर्णा गर्ग : Moral Stories in Hindi

आज तो बस हद हो गई, मां से अब बात करनी ही पड़ेगी। भाभी रोज किसी न किसी बहाने से मायके जाती रहती हैं और उनके बदले घर का सारा काम मुझे ही निबटाना पड़ता हैं,”पारुल बर्तन साफ करते करते खुद से बड़बड़ा रही थी।” जैसे ही घड़ी में ग्यारह बजे…दीक्षा, सुनीता जी से इजाजत … Read more

ननद रानी अभी नासमझ है। – अर्चना खंडेलवाल : Moral Stories in Hindi

शुचि का स्वर थोड़ा तेज हो रहा था, वो अपनी गलती मानने को तैयार ही नहीं थी, आखिर घर की बेटी होकर कैसे घर की बहू से हार मान लें, बहू तो अभी कुछ महीनों पहले आई थी और वो तो यही जन्मी, पली बढ़ी, और इस घर में सालों से उसका ही वर्चस्व रहा … Read more

अब मैं ना नहीं कहूँगी – रश्मि प्रकाश : Moral Stories in Hindi

बहुत दिनों से चल रहे शीत युद्ध का आज अंत हो गया जब   घर की मुखिया ने अपने पोते के पक्ष में फ़ैसला सुना दिया और जिसे सुनकर राधिका की ख़ुशियाँ थामे नहीं थम रही थी, आज उसकी सास ने बात ही ऐसी कह दी कि जो वो कभी सपने में भी नहीं सोच … Read more

सहयोग – करुणा मलिक : Moral Stories in Hindi

सारंधा , तुम इतनी जल्दी सोने के लिए पहुँच गई, कमाल हो गया भई ! आज सास बहू की रात्रि- बैठक  नहीं हुई क्या ? मेरे सिर में बहुत दर्द है, प्लीज़ चुप रहो । ज़रा पैरों पर कंबल डाल देना …मैं सो रही हूँ ।  इतना कहकर सारंधा आँख बेद करके लेट गई । … Read more

आपको तो अपनी बहू की अच्छाई के आगे कुछ दिखाई ही नहीं पड़ता है । – के कामेश्वरी : Moral Stories in Hindi

जमुना पति की मृत्यु के बाद घर में अकेले ही रहती थी । बेटी अमेरिका में रहती थी और बेटा सिंगापुर में रहता था । उन दोनों की शादी हो चुकी थी बिटिया फाल्गुनी के कोई बच्चे नहीं थे । लेकिन बेटा दीपक और बहू मेघा की एक बेटी थी अयति। जमुना गहरी नींद में … Read more

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