स्नेह_का_बंधन – नीलम शर्मा : Moral Stories in Hindi

रघुवीर जी का इकलौता बेटा था राघव। यथा नाम तथा गुण। संस्कारी पढ़ने में होशियार। हर माता-पिता की तरह रघुवीर जी का भी सपना था कि उनका बेटा बहुत बड़ा आदमी बने। जबकि उनकी पत्नी मीना जी हमेशा ही कहती, देखो जी ज्यादा ऊंचे ख्वाब ना देखो। ना अपने बेटे को दिखाओ। हमारा इकलौता बेटा … Read more

भाई बहन का स्नेह बंधन – गीता वाधवानी : Moral Stories in Hindi

 आज रक्षाबंधन है। 17 वर्षीय सलोनी सुबह से ही अपनी मम्मी के साथ रसोई में काम करवा रही थी और तरह-तरह के व्यंजन बनाए थे, वैसे वह भले ही देर से उठती हो पर राखी वाले दिन तो उसका उत्साह देखते ही बनता था और फिर आज तो उसके मामा मामी भी यही आ रहे … Read more

पराया अपना क्यों लगता है? – डॉक्टर संगीता अग्रवाल : Moral Stories in Hindi

कोई है? हेलो! कोई है अंदर? नेहा खुले दरवाजे को देखती उस अनजाने घर में घुसती चली जा रही थी। बड़ी सुंदरता से डेकोरेट हो रखा है ये घर..जिसका भी है उसका सुरुचिपूर्ण स्वभाव है,उसने प्रशंसा के भाव लाते इधर उधर झांका पर कोई दिख नहीं रहा था वहां। जिज्ञासा से वो एक अधखुले कमरे … Read more

सूरज का भ्रूण! – कुसुम अशोक सुराणा : Moral Stories in Hindi

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भोर की आहट के साथ ही स्वरा ने गुदढी को दूर फेका और वह नित्य कर्म से मुक्त हो कर गुसलखाने की ओर बढ़ गई! कड़कड़ाती ठंड में भी वह बर्फ से ठंडे पानी से नहाई और बालों को झटक कर सूखाने लगी! घुंघराले बालों की लटों से मानों ओस की बुंदे गालों पर लुढ़क … Read more

स्नेह का बंधन – मीरा सजवान ‘मानवी’ : Moral Stories in Hindi

गर्मियों की वह शाम हल्की सुनहरी धूप में नहाई हुई थी। गाँव के पुराने बरगद के पेड़ के नीचे बुज़ुर्गों की चौपाल जमी थी और पास ही बच्चे उछल-कूद कर रहे थे। वहीं, चौपाल से थोड़ा दूर, आँगन में बैठी शुभा अपने पुराने संदूक में कुछ तलाश रही थी। संदूक की लकड़ी वक्त के साथ … Read more

स्नेह का बंधन – नेमिचन्द गहलोत : Moral Stories in Hindi

घर के मुख्य दरवाजे पर गाड़ी की आवाज सुनकर साक्षी की छोटी भतीजी रतन ने भागकर मैन गेट खोला तो खुशी से झूम उठी ” लाडू आई … लाडू आई ।”  उसने उसे अपनी बुआ से लेकर अपने सीने से लगा लिया । दो वर्ष की बच्ची भी रतन से स्नेह पूर्वक लिपट  गयी । … Read more

बहू से तो हमेशा का स्नेह का बंधन होता है। – अर्चना खंडेलवाल : Moral Stories in Hindi

शिखा तुम यहां धूप में क्यों बैठी हो? नई नवेली बहू ने घर से बाहर कर दिया क्या? देखो तो भला इस समय कौन इस तरह पार्क में बैठता है, घर में दस काम होते हैं, अभी तो यहां कोई सहेली भी नहीं है, जिसके साथ बैठकर गप्पे लड़ा सकें, मनिता जी ने हंसते हुए … Read more

स्नेह का बंधन – अमित रत्ता : Moral Stories in Hindi

तेंदुए के हमले से वो बुरी तरह जख्मी हो गया था जैसे कैसे उसे हॉस्पिटल ले जाया गया। डॉक्टर ने उसकी मरहम पट्टी दवाई इत्यादि करके घर भेज दिया  मगर अभी वो पूरी तरह ठीक नही हुआ था अंदर ही अंदर शायद दर्द में था जिसे वो बोलकर बता नही पा रहा था मगर उसका … Read more

स्नेह का बंधन – रश्मि प्रकाश : Moral Stories in Hindi

“अम्मा भौजी (भाभी)का कमरा चकाचक सजा दिए है… जाकर देख तो लो… कोई कमी होगी तो वो भी दुरुस्त कर देंगे।” मोहन चहकते हुए चारुलता जी से बोला “ तेरा काम हमेशा नम्बर वन रहता है… अब जो कौनों कमी होगी वो तो तेरी भौजी ही तुम्हें बताएगी ।” हँसते हुए कहकर चारुलता जी ने … Read more

समझदार मां – शुभ्रा बैनर्जी : Moral Stories in Hindi

रघु को रति बहुत पसंद आई थी। इंस्टाग्राम पर परिचय हुआ।सुंदरता के साथ-साथ कुशाग्र बुद्धि की भी धनी थी,रति। ग्रेजुएशन में चार गोल्ड मिले थे, यूनिवर्सिटी से।पोस्ट ग्रेजुएशन के बाद अच्छी कंपनी में नौकरी कर रही थी।रघु भी इंडियन नेवी में पोस्टेड था।परस्पर परिचय होने पर दोनों ने महसूस किया कि वे एक दूसरे को … Read more

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