घर की बेटी अब और ना सहेगी। – अर्चना खंडेलवाल : Moral Stories in Hindi

मालती का मन बड़ा ही बेचैन था, सुबह से शाम हो गई पर वो कोई निर्णय नहीं ले पा रही थी, विनोद के ऑफिस से आने का समय हो गया था, उसने खाने की तैयारी कर ली और बेचैनी से बॉलकोनी में टहलने लगी, हर आती -जाती कार पर उसकी निगाह थी, जैसे ही विनोद … Read more

अपने लिए आवाज़ स्वयं उठानी पड़ती है! – पूर्णिमा सोनी : Moral Stories in Hindi

क्या करूं,आज  दत्ता सर बाहर गए हैं , मतलब अपना काम लैब में थोड़ी देर से भी शुरू कर सकती हूं.. मतलब करना तो है ही.. पहले कैंपस के बाहर जो  चाट का ठेले वाला खड़ा होता है, उससे गोलगप्पे खा कर आती हूं। गोलगप्पे!! इसकी तो कल्पना कर के ही प्राची का मुंह गोलगप्पे … Read more

दूसरों को बदलने से पहले स्वयं को बदलना जरूरी हैं – कमलेश आहूजा : Moral Stories in Hindi

“रजत तुझसे कितनी बार कहा है कि बहु को समझा दे बड़े बुजुर्गों के सामने छोटे कपड़े ना पहना करे..रिश्तों में एक सीमा रेखा होनी चाहिए। आज तेरे ताया जी आए थे उनके सामने बहु स्कर्ट और टी शर्ट पहनकर आ गई।वो बेचारे कुछ बोले नहीं सारा समय मुंह नीचे करके बैठे रहे। क्या सोचते … Read more

नई शुरुआत… – रश्मि झा मिश्रा : Moral Stories in Hindi

“कैसी सीमा रेखा अतुल… आप कहना क्या चाहते हैं…? क्या इतने सालों बाद भी ऐसी बात आपको शोभा देती है… बीस साल हो गए हमारी शादी को… इतने बड़े-बड़े बच्चे हैं… अगर उन्हें पता चला की मां पापा में किस बात की बहस चल रही है तो वह क्या समझेंगे…?” ” सुनने दो और समझने … Read more

हर रिश्ता थोड़ा स्पेस मांगता है – संगीता अग्रवाल : Moral Stories in Hindi

” देखो प्राची ये अनामिका पता नही इतना सज धज कर कहां जा रही है ?” प्राची अपने घर के दरवाजे पर खड़ी थी तब उसकी पड़ोसन नीतू उससे बोली। ” जा रही होगी किसी काम से या किसी फंक्शन में !” प्राची लापरवाही से बोली। ” अरे ये तो अपने मिस्टर के बिना कही … Read more

सीमा रेखा पार कर दी मैंने। – सुषमा यादव : Moral Stories in Hindi

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शिवानी शादी के पहले से ही नौकरी कर रही थी, इसलिए वह अपने मायके में ही रह रही थी। उसके पति एक दूसरे प्रदेश में उच्च पद पर कार्यरत थे।  शिवानी के मायके में उसके तीन भाई मां और पिताजी उसके साथ रहते थे। सबकी प्यारी दुलारी शिवानी थी। उसके भाई भी उसका बहुत आदर … Read more

बड़ा है तो क्या! – विभा गुप्ता : Moral Stories in Hindi

 ” भाई…आप हद से आगे बढ़ रहें हैं..।” विनय चीखा।    ” अच्छा.. तो तू अब मुझे मेरी हद बताएगा।तूने अपनी ज़बान पर कंट्रोल नहीं किया तो मैं क्यों करूँगा…।” प्रकाश ने तमतमाते हुए कहा।         अपने दोनों बेटों को झगड़ते देख गायत्री जी का कलेजा छलनी हो रहा था।वो धम्म-से सोफ़े पर बैठ गईं और अपने … Read more

जीवन की वास्तविकता – गीता वाधवानी : Moral Stories in Hindi

कौशल्या देवी ने पति के गुजर जाने के बाद बड़ी कठिनाइयों  से अपने बेटे नरेश को पढ़ा-लिखा कर बड़ा किया था। बेचारी पढ़ी लिखी तो थी नहीं, जो उसे कोई नौकरी देता।उसे झाड़ू पोछा, बर्तन कटका का ही काम मिला। खुद अनपढ़ थी पर बेटे को पढ़ाना चाहती थी। कई बार सोच कर रो पड़ती … Read more

मर्यादा – शिव कुमारी शुक्ला : Moral Stories in Hindi

अंजु की अभी नई-नई शादी हुई थी। वह अभी परिवार के लोगों को जानने समझने की कोशिश कर रही थी। सभी रिश्ते के देवर ननद उससे हंसी ठिठोली  करते और खुश  हो रहे थे। वह भी हम उम्र के साथ घुल मिल खुश हो रही थी। किन्तु उसने अनुभव किया कि दो जोडी आंखें उसी … Read more

सीमा रेखा – के कामेश्वरी : Moral Stories in Hindi

सुबह के पाँच बजे थे । डोर बेल की आवाज़ को सुनकर पंकज की नींद खुली तो उसने सोचा कि अब इस समय कौन हो सकता है सोचते हुए ही धीरे से दरवाज़ा खोलने के लिए गया तब तक बेल तीन बार बज चुका था । उसने जैसे ही दरवाज़ा खोला आश्चर्य से उसका मुँह … Read more

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