खुद की इज्ज़त करना सीखो – रोनिता कुंडु  : Moral Stories in Hindi

आप लोगों को एक सुझाव देना चाहती हूं, पता है आजकल शादी का लहंगा किराए पर मिल जाता है। जिससे हजारों रुपए की बचत हो जाती है और उसे हम शादी के अलग कामों में खर्च कर सकते हैं। वैसे भी शादी तो होनी अलग साड़ी में ही है, लहंगा तो बस कुछ देर के … Read more

पत्नी के विश्वास को टूटने नहीं दूंगा – शिव कुमारी शुक्ला  : Moral Stories in Hindi

ऑफिस से लौट कर विनय जैसे ही घर में घुसा कि मां की चिल्लाहट सुनकर वहीं ठिठक कर खड़ा हो गया। मां जोर-जोर से चिल्ला कर साक्षी को बेइंतहा लताड़े जा रहीं थीं और साक्षी चुपचाप सिर झुकाए खड़ी थी उसकी आंखों से आंसू निकल गालों पर बह रहे थे।अरी करमजली मेरी ही मति पर … Read more

माँ मेरी पत्नी की जगह अगर आपकी बेटी होती – पूजा शर्मा : Moral Stories in Hindi

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सुबह के 8:00 बजे थे।अभी-अभी बहू सोनाली के पिता की तेरहवीं रस्म में से लखनऊ से मेरठ तक का लंबा सफर करके आए जानकी जी के बेटा बहु बैठे ही थे, उनकी बहू सोनाली अपनी सास के गले लगकर हिचकियों से रोने लगी। जानकी जी उसे सांतावना देती हुई कहने लगी, अरे जाने वाले को … Read more

प्रेम की गांठ – दिक्षा बागदरे : Moral Stories in Hindi

भागीरथी जी थी ठेठ देसी गांव की महिला थीं। जन्म से लेकर ब्याह तक वह गांव में ही पली-बढ़ी। खेती-बाड़ी, गाय दुहना, लिपना-पोतना, चूल्हे पर खाना बनाना आदि काम कई वर्षों तक, उनकी दिनचर्या का हिस्सा रहे हैं। यूं तो उन्हें शहर में बसे वर्षों हो गए।   हर काम में होशियार थी। शहरी जिंदगी … Read more

बेटी बहू में भेद क्यों – रश्मि प्रकाश : Moral Stories in Hindi

“ बहू सुनो इस बार तनीषा बच्चों की वार्षिक परीक्षा के बाद यहाँ आने वाली है … तो उनके लिए जरा कमरा तैयार करवा देना और उस कमरे के वॉर्डरोब में जरा जगह खाली कर देना वो लोग पन्द्रह दिन के लिए यहाँ रहने आ रहे हैं तो उन्हें किसी तरह की परेशानी ना हो … Read more

सिर्फ सोच का फर्क – लतिका पल्लवी : Moral Stories in Hindi

 सुबह -सुबह  कॉलबेल की आवाज सुनकर सरला जी भूनभूनाते हुए दरवाजा खोलने के लिए उठी। पता नहीं कौन सुबह – सुबह  आ धमका मेरी नींद खराब करने के लिए  दरवाज़े पर बहु के माता – पिता  को देख कर उनका दिमाग़ जो सुबह जगने के कारण पहले से ही खराब हो रहा था और ज्यादा … Read more

माँ मेरी पत्नी की जगह आपकी बेटी होती तो – के कामेश्वरी : Moral Stories in Hindi

सुबह सुबह सुहासिनी को घर के अंदर आते हुए देख रोहन ने खुशी से कहा अरे वाह तुम आ गई हो कैसे हैं बिटिया और दामाद उनके प्रश्न पूछने की देरी थी बस सुहासनी का चेहरा चाँद के समान चमकने लगा और कहने लगी मैं चाय बना लाती हूँ फिर हम बैठते हैं मैं सब … Read more

माँ मेरी पत्नी की जगह तुम्हारी बेटी होती तो …. – नेमीचन्द गहलोत : Moral Stories in Hindi

“पाना बाई….. ओ पाना बाई…. घर हो क्या?” “हाँ कमला बहन…. आओ… तुम्हारी ही बाट देख रही थी ..। तुम्हारी तो बहू घर का सारा काम संभाल लेती है । मुझे तो सारा काम करना पड़ता है… । ” कमला बोली “घर का कामकाज मेरे बायें हाथ का खेल है । काम  की कोई बात … Read more

“मां मेरी पत्नी की जगह अगर आपकी बेटी होती तो” – ऋतु यादव : Moral Stories in Hindi

सोफे पर लता जी के कानों में रह रहकर बेटे सौरभ के शब्द गूंज रहे थे “मां मेरी पत्नी की जगह अगर आपकी बेटी होती तो”। इन्हीं शब्दों के दरमियां लता जी अतीत में खो गई,किस प्रकार उनकी कड़क मिजाज़ सास उनपर हुक्म चलाती और वो सुबह से शाम चकरघिन्नी सी लगी रहती तथा रात … Read more

माँ मेरी पत्नी की जगह आपकी बेटी होती तो – अमित रत्ता : Moral Stories in Hindi

मनमीत और रेखा की शादी हुए तीन साल हो गए थे उसकी पत्नी रेखा बहुत ही सुंदर और सरल स्वभाव की थी पूरा दिन घर के काम में लगी रहती। सारा काम करने के बाबजूद उसकी सास हमेशा उसे कोसती रहती बात बात पर ताने मारती रहती क्योंकि शादी के तीन साल बाद भी रेखा … Read more

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