पश्चाताप के ऑसू – बीना शुक्ला अवस्थी : Moral Stories in Hindi

सरला आज बेहद परेशान थी। अपने ही कोख जाये के कृत्य से वह शर्म से गड़ी जा रही थी। उसे लगा कि उसके अपने ही बेटे ने उसे वस्त्रहीन कर दिया है। जगदीश के पिता कामता प्रसाद रामपुर गॉव में पोस्ट मास्टर थे। अजय और जगदीश का बचपन साथ ही बीता था। कक्षा आठ तक … Read more

आखिर उसे फैसला लेना ही पड़ा। – चाँदनी झा : Moral Stories in Hindi

“पछतावे के आँसू” को पोछती हुई ऋचा एकाएक उठ खड़ी हुई, और गौरव से बोली “राखी अब आपकी ज़िम्मेदारी है। और ये जो नया मकान में रह रहें हैं, आप ये मेरे पति की कमाई से बना हुआ है। आपके हिस्सा का पुराना घर, उधर है, जाइए जाकर अपनी पत्नी के साथ रहिए। और हाँ, … Read more

पछतावे के आंसू – दीपा माथुर : Moral Stories in Hindi

अभी नींद लगी भी नहीं होंगी की मोबाइल की रिंग टोन ने जगा दिया। रंजना ने उठ कर पहले लाइट जलाई देखा रात के 12:00 बजे थे। इस समय किसका कॉल है ? पर पैशा ही ऐसा है। कॉल रिसीव किया। हेल्लो मैडम एक महिला का एक्सिडेंट हो गया है। बहुत खून बह रहा है? … Read more

“ हां… मुझे कोई शिकायत नहीं है” – हेमलता गुप्ता : Moral Stories in Hindi

देखो उमेश..मुझसे नहीं होगा, मैंने बहुत बर्दाश्त किया है आज तक किंतु अब भी तुम चाहते हो मैं तुम्हारी मां की सेवा करने के लिए उनके पास चली जाऊं या उन्हें यहां बुला लूं तो यह मुझसे नहीं होगा, तुम उनके बेटे हो इसलिए तुम मेरे साथ हुए सारे अत्याचार भूल सकते हो किंतु मैं … Read more

अतीत को भूल वर्तमान अपनाये – संगीता अग्रवाल : Moral Stories in Hindi

” दिशा क्या बात है उदास क्यो है इतनी ?”  रेणुका ने ऑफिस मे अपनी दोस्त और सहकर्मी से पूछा। ” बस यार ऐसे ही !” दिशा ने टालना चाहा। ” नही दिशा कोई बात तो है अभी तेरी शादी छह महीने हुए है बस पर ना चेहरे पर नई शादी की उमंग ना कोई … Read more

पछतावे के आसू – खुशी : Moral Stories in Hindi

रती और निधि दोनों देवरानी जेठानी थी।रती एक बातूनी और मिलनसार औरत थीं जो किसी का भी काम करती थी और सबकी चहेती थी। सास ससुर सबके लबों पर सिर्फ रती रती ही रहता। निधि कम बोलती अपने काम से मतलब रखती।उसे बड़ा बुरा लगता सब रती रती करते तो उसके पति अनिल भी कहते … Read more

खूबसूरत पछतावा – संध्या त्रिपाठी : Moral Stories in Hindi

 देखो भाग्यवान …..अब तुम्हारी तबीयत ठीक नहीं रहती , निर्जला व्रत रखने की आवश्यकता नहीं है , कुछ फलाहारी वगैरह ले लेना  । मैं तो कहता हूं अब व्रत रखना ही बंद  कर दो  । मुंगेरीलाल ने पत्नी विधि से कहा।        अच्छा , तो अब तुम मुझसे वो अधिकार भी छिनना चाहते हो , जो … Read more

साथ निभाऊंगा प्रिया – ऋतु गुप्ता : Moral Stories in Hindi

तुम अब ज्यादा दुखी मत  हुआ करो प्रिया, मां को तो कुछ ना कुछ कहने की आदत है ही, तुम्हारी अब वह हालत नहीं की ज्यादा सोचो। प्रवीण ने प्रिया को संभालते हुए कहा तो प्रिया जो अभी तक अपनी मोटी मोटी आंखों में बड़े बड़े आंसुओं को रोक रही थी ,प्रवीण की इन बातों … Read more

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