अन्नपूर्णा – निशा जैन : Moral Stories in Hindi

राशि अपने पति सुबोध के साथ बड़े शहर में जबकि उसके सास ससुर जी अपने गांव के पैतृक मकान में ही रहते थे। कभी कभार वो 15 से 20 दिनों के लिए अपने बेटे बहु के पास आ जाया करते थे।             राशि पढ़ी लिखी होशियार लड़की थी पर छोटे बच्चों का साथ होने से नौकरी … Read more

दिखावे की जिंदगी। – खुशी : Moral Stories in Hindi

रजत एक मल्टीनेशनल कंपनी गुड़गांव में अच्छी पोस्ट पर काम करता था।उसके घर में मां नीला और पिता ओमप्रकाश ही थे।रजत को महंगी महंगी चीजों का बहुत शौक था।इसके लिए वो सैलरी तो खर्च कर देता।माता पिता समझाते पर वो नहीं सुनता था।माता पिता ने एक छोटे शहर की लड़की देखi ताकि वो घर संभाल … Read more

” दिखावे की ज़िंदगी ” – साधना वैष्णव : Moral Stories in Hindi

      मालती एक निम्न वर्ग की लड़की थी। वह लोगों के कपड़े सिलकर अपने माता-पिता को आर्थिक सहयोग करती थी। शादी के बाद घर का खर्च चलाने और पति की मदद के लिए वह लोगों के घरों में काम करने लगी।           काम करते हुए वह अपने मालिकों का रहन-सहन देखती तो उसकी भी इच्छा होती कि … Read more

साड़ी वाली गंवार – डॉ कंचन शुक्ला : Moral Stories in Hindi

” बहू आज मेरी किटी है मेरी किटी की सहेलियां आएगी सब इंतज़ाम अच्छे से होना चाहिेए खाने पीने के सामान में कोई कमी नहीं रहे और हां गंवारो की तरह कपड़े पहनकर ना आना उन लोगों के सामने तुम यह जो छः मीटर का कपड़ा लपेटे रहती हो वह न लपेट लेना। तुम साड़ी … Read more

केक – पूनम अरोड़ा : Moral Stories in Hindi

रोज की तरह आज फिर स्कूल से मिनी को घर लाते समय वो हाथ छुड़ाकर आनंद बेकरी के बाहर शीशे से चिपट कर खड़ी हो गई और  केक , पेस्ट्री को बाहर से ही ललचाई नज़रों से तकने लगी ।पता था ये सब “मां की ममता की परिधि” के वश में नहीं  इसलिए जिद भी … Read more

सपनों का महल – ऋतु यादव : Moral Stories in Hindi

प्रेक्षा जब भी अपनी सजी संवरी, गहनों से लदी बुआ को देखती, कहती माँ मैं भी बुआ जैसे ही घर में शादी करूंगी, देखो न बुआ की जिंदगी में ऐश ही ऐश है। और न जाने कब उसकी जुबां पर देवी सरस्वती बैठी।बुआ इस बार रक्षा बंधन पर आई तो बोली, मेरी चाची सास का … Read more

दिखावे की जिंदगी – प्रतिमा श्रीवास्तव : Moral Stories in Hindi

————— मध्यमवर्गीय परिवार में जन्मी गुनगन के ख्वाब हमेशा रइसों वाले थे। यहां तक की वो अपने पिता की नौकरी और मां की विवशता की आलोचना भी करती और उनको नीचा दिखाने में कोई कसर नहीं छोड़ती थी। पिता क्लर्क थे तो कमाईं भी सीमित थी और मां घर के कामकाज के साथ लोगों के … Read more

सुकून भरी छुट्टी – संध्या त्रिपाठी : Moral Stories in Hindi

    मैं विपुल …. सौम्या का पति…. दो बच्चे आरव और आरना का पिता…. आइए आज नजर डालते हैं मेरे घर पर …..      रविवार का दिन…. सुबह देर तक हम बिस्तर में लेटे हुए थे…… न जाने क्यों आज सवेरे से सौम्या ने बस एक ही रट लगा रखी है ……मुझे छुट्टी चाहिए…… मुझे भी छुट्टी … Read more

ज़िंदगी जरूरी है या स्पीड – प्राची अग्रवाल : Moral Stories in Hindi

अनिल शहर के एक बड़े बिजनेसमैन हैं। भगवान की कृपा से उनके घर में लक्ष्मी साक्षात विराजमान है। जिस किसी चीज में भी हाथ डालते वहीं सोना बन जाती। कहते हैं ना जैसे-जैसे धन बढ़ता है वैसे वैसे व्यक्ति का दंभ बढ़ता जाता है। रहीसाई बढ़ने के साथ-साथ शौक भी बड़े-बड़े होने लगे। नई-नई गाड़ियां … Read more

दिखावे की जिंदगी – अमित रत्ता : Moral Stories in Hindi

लड़की प्लेट में दशहरी आम के लम्बे लम्बे पीस काटकर लाती है और प्लेट में दो चम्मच रख देती है। जैसे ही मनमीत की नजर उस प्लेट पर पड़ती है बो सोचने लगता है कि ये क्या ये तो नया ही तरीका है आम खाने का हमारे यहां तो पकड़कर चूस देते हैं जब तक … Read more

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