दिखावा – अमिता कुचया : Moral Stories in Hindi

जैन साहब की गाड़ी भीड़ के जाम में फंसी हुई थी ,वो जाम खत्म होने का इंतजार कर रहे थे। तभी नेहा डिपार्टमेंट स्टोर से बाहर निकलती है, तो उनके हाथ में चार कैरी बैग के साथ हैंड बैग भी रहता है। उन्हें देखकर जैन साहब नमस्ते नेहा जी…कहते है तभी उनकी आवाज सुनकर उनकी … Read more

दिखावे की ज़िंदगी – अनिता मंदिलवार “सपना ” : Moral Stories in Hindi

एक बड़ा सा महल जैसा घर । रहन सहन उच्च कोटि का । घर में बीसों नौकर चाकर । बेटा, बेटी, बहू और दामाद । सब हैं । घर पर कुछ शोर सुनाई देता है ।      यहाँ क्या शोर हो रहा है भई ! मिस्टर शर्मा घर के अंदर दाखिल होते ही कहते हैं । … Read more

दिखावे की जिंदगी – दिव्या चाँदवानी : Moral Stories in Hindi

सीमा  मेरी बचपन की सहेली हमेशा से ही दिखावे में बहुत विश्वास करती थी l हर तीज त्योहार से लेकर छोटे-छोटे मौके पर नए कपड़े और नए सामान लेना उसकी आदत में शामिल था उसकी आदत से उसके माता-पिता भी परेशान रहते थे लेकिन फिर भी यह सोचते की धीरे-धीरे वक्त के साथ उसके व्यवहार … Read more

दिखावे की जिंदगी – वीणा सिंह : Moral Stories in Hindi

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रोटरी क्लब में आज सर्वश्रेष्ठ जोड़े को खूबसूरत ड्रेसिंग वाले महिला पुरुष को प्रतियोगिता के आधार पर पुरस्कार मिलने वाला है… मयंक और मै दोनों अच्छे से तैयार होकर बाकी जोड़ों की तरह बेस्ट पेयर चुने जाने की उम्मीद लिए गए थे… मन में अनगिनत झंझावात समेटे कभी कभी #दिखावे की जिंदगी #को जीते हुए … Read more

दिखावे की जिंदगी – राजेश कुमार : Moral Stories in Hindi

अमीरचंद नाम के ही अमीर नहीं थे धन दौलत जमीन जायदाद हर उस चीज के मालिक थे जो एक धनाढ्य की पहचान होती है। बस नहीं था तो एक दिल जो किसी के काम आ सके। वैसे वो कई मंदिर कई संस्थाओं के ट्रस्टी थे। जहां कही भी नाम आ सके वहां वो अपने धन … Read more

दिखावे की जिंदगी – डाॅ संजु झा। : Moral Stories in Hindi

आधुनिक समय में दिखावे की जिंदगी के लिए कभी-कभी व्यक्ति पैसे कमाने की चाहत में अंधा हो जाता है।हालात और परिस्थितियाॅं भी उसके लिए जिम्मेदार होती हैं, परन्तु अंत में पछतावा ही हाथ लगता है। दिखावे की जिंदगी में आज व्यक्ति अपनी इच्छाओं और महत्वकांक्षाओं का गुलाम बन बैठा है। एक-दूसरे से दिखावे की होड़ … Read more

उधार की जिंदगी – मनीषा भरतिया : Moral Stories in Hindi

सुधा सुन रही हो क्या?? यह फ्रीज खाली कर देना…. अभी साइड बाय साइड नया फ्रिज थोड़ी देर में आ जाएगा….”पर सुरेश एक बात पूछूं… हमारा डबल डोर फ्रिज तो एकदम ठीक चल रहा है…. ज्यादा टाइम भी नहीं हुआ.. उस फ्रिज को सिर्फ 4 साल ही तो हुए हैं… फिर तुम उसे क्यों बदलना … Read more

दिखावे की जिंदगी – आरती मिश्रा : Moral Stories in Hindi

“सीढ़ियों से उतरती हुई , रेशमा की कानों में जो आवाज पड़ी वो बादल के गर्जना से कम नहीं थी , जिससे वह डरकर बुत बन गई , दूसरे ही पल अपने होश को संभाला,  क्योंकि बहुत जरूरी था उसका होश में आना । कानों में वो गर्जना जैसे शब्द ऐसे गूंज रहे थे जैसे … Read more

सजावट से स्वत्व तक – आरती झा आद्या : Moral Stories in Hindi

वो हर सुबह उठते ही सबसे पहले आईने में अपना चेहरा देखती थी। एक महीन-सी मुस्कान, नपी-तुली भौंहों की कमानी, होंठों की सतर्क सजावट… सब कुछ वैसा ही जैसी दुनिया उसे देखने की उम्मीद करती थी। उसका नाम था—सुगंधा। बचपन से ही वो स्वयं के लिए ‘खूबसूरत’ शब्द ही सुनती बड़ी हुई थी। कोई कहता, … Read more

शो ऑफ – कुमुद मोहन : Moral Stories in Hindi

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“ओफ हो!मुकेश तुम्हें तो पता है ना इस हफ्ते मेरी किट्टी पार्टी है और आज तुम मुझे खबर दे रहे हो अम्मा पिताजी महीने भर के लिए गांव से आ रहे हैं!उनका पहनावा और रहन-सहन,बोल चाल गंवारों जैसा है! मेरी सहेलियों के सामने मेरी क्या इज्ज़त रह जाएगी,क्या सोचेंगी वे मेरे बारे में कि इतनी … Read more

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