मां का फैसला – सीमा गुप्ता : Moral Stories in Hindi

“हैलो रोहन! मैंने तेरी भाभी और बच्चों के साथ एक सप्ताह के लिए दुबई भ्रमण का कार्यक्रम बनाया है। इसलिए मैं 22 फरवरी की सुबह मां को तुम्हारे पास छोड़ने आऊंगा,” समीर ने अपने छोटे भाई रोहन से फोन पर कहा। “अरे भैया, ये क्या कह रहे हैं आप? चारु तो यह सब जानकर भड़क … Read more

आज मैंने एक फैसला लिया है अपने आत्म सम्मान के लिए – मंजू ओमर : Moral Stories in Hindi

हेलो वकील‌ साहब हां बहन जी  ,आप जरा घर आ जाइए कुछ काम है कुमुद जी ने कहा , ठीक है बहन जी मैं आता हूं।और थोड़ी देर में वकील साहब आ गए । कुमुद जी ने अलमारी से कुछ पेपर निकाले और वकील साहब की तरफ बढ़ा दिए । वकील साहब आपके सेठ जी … Read more

मेरा भी आत्मसम्मान है – निशा जैन : Moral Stories in Hindi

“बस मां बहुत हो गया अब मुझे नहीं करनी अपनी प्रदर्शनी बार बार। हर बार कोई नया रिश्ता आता है और हमेशा की तरह मेरे आत्मसम्मान को चोट पहुंचा कर मना कर दिया जाता है। माना कि मैं कद काठी में मोटी और छोटी ज़रूर हूं पर मेरा भी आत्मसम्मान है और अब मैने भी … Read more

एक फैसला आत्मसम्मान के लिए – डाॅ संजु झा : Moral Stories in Hindi

पुराणों में वर्णित है कि बहुत पुण्यकर्म करने के बाद मनुष्य योनि में जन्म लेने का सौभाग्य प्राप्त होता है। मनुष्य योनि प्राप्त होने पर व्यक्ति पर निर्भर करता है कि वह अपनी जिन्दगी को व्यर्थ  बनाऍं या  अपने आत्मसम्मान की खातिर एक फैसला लेकर अपनी जिन्दगी को एक नया आयाम दे। कबीरदास जी ने … Read more

ठूंठ में जीवन बाकी है – सीमा प्रियदर्शिनी सहाय : Moral Stories in Hindi

शाम ढलने लगी थी। सूर्य देव अस्ताचल की ओर धीरे-धीरे अग्रसर हो रहे थे। आसमान शांत था ।पक्षियों का झुंड कोलाहल करते हुए अपने घोंसले की ओर बढ़ता जा रहा था। सब कुछ प्रकृति के नियमानुसार ही घट रहा था सिर्फ एक उन्हें छोड़कर। प्रकृति न जाने क्यों उनके ऊपर कुपित हो गई है ? … Read more

क्या रंग भेद सही है – संगीता अग्रवाल : Moral Stories in Hindi

” मेरी शादी की चिंता आप छोड़ दीजियेगा हाथ जोड़ कर विनती है आपसे नही करनी मुझे शादी। आप चाहे तो सुमि की शादी कर सकते है !” नम आँखों से नीति ने अपने माता पिता से कहा। ” पर बेटा ऐसे कैसे ये फैसला कर सकती हो तुम बड़ी हो तुम्हारी शादी नही होगी … Read more

एक फैसला आत्मसम्मान के लिए – वीणा सिंह   : Moral Stories in Hindi

सोचा महिला दिवस की शुरुआत घर के नजदीक खुले वृद्धाश्रम में जाकर उनलोगों को कुछ पसंद का खिला कर, थोड़ा वक्त उनके साथ गुजार कर क्यों न किया जाए… सुबह की चाय पीकर नाश्ते के पैकेट के साथ निकल गई वृद्धाश्रम.. अक्सर जाते रहने के कारण सब से पहचान सी हो गई थी… मेरे जाते … Read more

एक फैसला आत्मसम्मान के लिए  : Moral Stories in Hindi

  बहू  कल मेरा नाश्ता भी नितिन के साथ ही बना देना। मैं भी उसके साथ दुकान पर जाऊँगा। बहुत दिन हो गए घर में आराम करते हुए। घर से बाहर जाऊँगा तो सबसे मिलना-जुलना भी हो जाएगा। जी पापा जी ठीक है, उनकी बहू मिताली ने कहा। रात को जब सारा काम निपटाकर वह कमरे … Read more

बड़ी बहू – मंजू ओमर : Moral Stories in Hindi

आज बड़ी बहू , बड़ी बहू कहने वाली मांजी ने आंखें मूंद लीं है ।अब कौन कहेगा मुझको बड़ी बहू ,कौन समझाएगा मुझे मेरी जिम्मेदारियां,कौन कहेगा बड़ी बहू तुम घर की सबसे बड़ी बहू हो सबकुछ तुम्हें भी देखना है । सोच सोच कर सास के पार्थिव शरीर के पास बैठी शारदा के आंसू नहीं … Read more

एलीमोनी: हक़ या जुरमाना – सुमन पुरोहित : Moral Stories in Hindi

बड़े दिनों बाद मिले देव और उसका दोस्त प्रियांश, देव के घर पर सोफे पर बैठे गप्पे मार रहे थे, तभी टीवी पर एक सेलिब्रिटी कपल के डाइवोर्स की खबर सुनते ही बातों का रुख उस ओर मूड गया…… देव ने कहा “आज कल का तो फैशन ही बन गया हैं, पहले अच्छे खासे पैसे … Read more

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