अनमोल उपहार – जया शर्मा प्रियंवदा : Moral Stories in Hindi

वर्मा जी की गिनती शहर के अमीर लोगों में हुआ करती थी वर्मा जी की बर्तन बनाने की फैक्ट्री थी, और वह अपना बिजनेस बढ़ाने के लिए अक्सर छोटे-मोटे आयोजन किया करते रहते। वर्मा जी के पिता जी ने शहर में काफी बड़ी हवेली बनवाई और मंदिर के साथ ही धर्मशाला भी जहाँ हर पूर्णिमा … Read more

दोस्ती का मान – विभा गुप्ता : Moral Stories in Hindi

 ” स्वाति बेटा…किसी के दिये उपहार को यूँ फेंककर अपमान नहीं किया करते।” बेटी द्वारा फेंके गये पर्स को फ़र्श से उठाकर उसे देती हुई कामिनी बोली।तब स्वाति उन्हें पर्स के पीछे लगे प्राइस टैग को दिखाते हुए तल्ख-स्वर में बोली,” इसका प्राइस तो देखिये…सिर्फ़ सौ रुपये…उँह! इससे ज्यादा कीमत की तो मेरे पास पेन … Read more

अनमोल उपहार – शिव कुमारी शुक्ला : Moral Stories in Hindi

सीमा क्या आजकल तुम्हारे स्कूल में छुट्टियां चल रही हैं तुम रोज मम्मी के साथ आ रही हो स्कूल नहीं जाती क्या। यह सुन सीमा की आंखें डबडबा आईं और कुछ नहीं बोली। अरे बोल क्यों नहीं जाती क्या हुआ। सीमा जोर -जोर हिचकियां ले रोने लगी। रागीनी जी घबरा गईं ये क्या हुआ इसे … Read more

उपहार की कीमत नहीं दिल देखा जाता है। – प्रतिमा श्रीवास्तव : Moral Stories in Hindi

कुसुम जी के तेवर में आज सख्ती थी।बहू रीत की मां ने सबके लिए कुछ उपहार स्वरूप कपड़े, मिठाइयां और लिफाफे भेजे थे क्योंकि रीत की पहली दीपावली थी। रीत ” तुम्हारी मां को हमारी हैसियत का बिल्कुल अंदाजा नहीं  है। ऐसे कपड़े हमलोग नहीं पहनते हैं, अगर देना है तो ढंग की चीजें भेजा … Read more

उपहार की कीमत नहीं दिल देखा जाता है – पूनम भारद्वाज : Moral Stories in Hindi

शांता बाई आज जल्दी ही काम से घर आ गई थी, उसे आज रोहतास  के साथ बाजार जाना था। रोहतास के आते ही वह अपनी बचत के रुपए साड़ी के पल्लू में बांध बाजार को चल दी। एक बड़ी दुकान को देख रोहतास से बोली,” अजी क्यों न जहां से साड़ी लेई ले। हां हां … Read more

उपहार वही जो दिल से दिया जाए – कुमुद मोहन : Moral Stories in Hindi

“नीता!तुम्हारे विकास भैया का फोन मेरे ऑफिस में आया था तुम्हार भतीजे कुणाल की शादी तय हो गई ,मई में शादी है, हमें बहुत इसरार और सम्मान से ब्याह का न्यौता दे रहे थे! कह रहे थे “आप घर के दामाद हैं बहन से पहले आप को फोन कर रहा हूं!पता है नीता मुझसे झगड़ा … Read more

उपहार! – कुसुम अशोक सुराणा : Moral Stories in Hindi

घर-आँगन केसर और बासमती चावल की खुशबू से महक रहा था! पिताजी ने माँ भगवती के आगे दीप जलाया और वणज का भोग लगाया!  आज नारळी-पौर्णिमा, रक्षाबंधन का त्यौहार! घर के सभी सदस्य आज छुट्टी मना रहे थे! हँसी के फव्वारे छूट रहे थे…हम सभी भाई-बहन छोटे भाई का इंतज़ार कर रहे थे! वह मिरज … Read more

सच्ची हक़दार – करुणा मलिक : Moral Stories in Hindi

रेखा ने सारी अलमारी छान मारी पर एक भी सूट या साड़ी ऐसी नहीं लगी जो अपनी देवरानी स्वाति के विवाह के बाद के पहले जन्मदिन पर भेंट कर सके । उसे सात महीने में ही स्वाति से अपनी छोटी बहन की तरह इतना प्यार हो गया था कि सास की उनका आपसी मोल्डोवा आँखों … Read more

चौका की साड़ी – लतिका पल्लवी : Moral Stories in Hindi

बहु तुमने यह साड़ी क्यों पहन रखी है? जब मैंने तुम्हे यह पहनने को मना किया था और कहा भी था कि मैंने तुम्हारे लिए बहुत ही कीमती साड़ी ला कर रख दिया है तो तुम्हे क्या जरूरत थी इसे पहनने क़ी। तुमने यह भी नहीं सोचा कि ऐसी हल्की साड़ी पहनकर विधि – व्यवहार … Read more

उपहार ना बने उपहास – रश्मि प्रकाश : Moral Stories in Hindi

“रमा बहू बिटिया की शादी का न्योता सबको दे दिया हो तो जरा मुझे भी वो लिस्ट दिखा देना… एक बार देख लूँ  कोई रह तो नहीं गया है?” सुलोचना जी बहू से बोली रमा जो बेटी की ब्याह की तैयारियों में व्यस्त थी पास रखी एक डायरी उठा कर सास को पकड़ा दी। सुलोचना … Read more

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