आँसू बन गये मोती – उमा वर्मा : Moral Stories in Hindi

दो साल बीत गए ।तुम चली गई थी ।हमेशा के लिए ।ईश्वर को यही मंजूर था ।तब से मै लगातार आँसुओ के समंदर में डूबती इतराती रही ।जीने का कोई मतलब नजर नहीं आता था क्या करें?कैसे जिएं? जिंदगी एकदम नीरस हो गई थी ।न खाने का होश था न सोने की सुधि थी।कहीं आना … Read more

“आंसू बन गए मोती ” – पूजा शर्मा : Moral Stories in Hindi

कहां-कहां नहीं ढूंढा पापा मैंने आपको? पिछले महीने से पागलों की तरह इधर से उधर ढूंढ रहा हूं आपको, उसने हाथ पकड़ कर अपने पापा को कुर्सी पर बैठाया और उनकी गोद में सर रखकर रोने लगा। जानकी दास जी उसके सर पर हाथ फेरते रहे। वे जानते थे जब तक उनका बेटा जी भर … Read more

चार शब्द… – रश्मि झा मिश्रा : Moral Stories in Hindi

.…प्रिया मात्र पांच साल की थी… जब निखिल को जन्म देते हुए उसकी मां चल बसी… घर में चाची, बुआ, दादी सब थीं… पर मां की कमी तो फिर भी थी ही…  नन्हे निखिल को संभालने के लिए सभी प्रिया के पापा सौरभ जी से जिद करने लगे… सौरभ जी ने साफ मना कर दिया … Read more

दगड़ाबाई चा गुत्ता! – कुसुम अशोक सुराणा : Moral Stories in Hindi

अमावस की रात में झींगुरों की झीं-झीं के बिच, सूखे पत्तों को रौंद कर एक आवाज़ रात की ख़ामोशी को चीरती हुई दगडाबाई के कानों में गर्म शीशे सी पहुँची और कुछ ही पलों बाद उसे ऐसे लगा मानों कोई उसका पल्लू खींच रहा हैं! ऊँची-ऊँची घास के बिच एक्का-दुक्का ढाबों के आसपास हाइवे से … Read more

ऑंसू बन गए मोती – साधना वैष्णव : Moral Stories in Hindi

  अनुभा ओ अनुभा… सास की आवाज सुनकर थकान से बोझिल ऑंखों को अनुभा ने जैसे ही खोला सामने अपनी सास को देखा। वे उसके अनुराग की निशानी को गोद मेें लिए ससुर जी के साथ खड़ी थीं। खुशी से चहक उठीं और बोलीं- देखो बेटी तुमने आज हमारे अनुराग को वापस हमारी गोद मेें देकर … Read more

ऑंसू बन गए मोती – विनीता महक गोण्डवी : Moral Stories in Hindi

अरे …… सुशीला तुम रोज रोज इतनी देर से क्यों आती हो….?  तुम तो जानती हो मुझे ऑफिस जाना है। सुशीला की मालकिन दिव्या ने कहा… सुशीला बिना कुछ कहे … जल्दी जल्दी काम में लग गई। दिव्या को लगा सुशीला कुछ परेशान हैं। दिव्या ने किचन में जाकर सुशीला से कहा…. क्या बात है … Read more

पश्चाताप – अपर्णा गर्ग : Moral Stories in Hindi

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कमरे की छत से पानी टपक रहा था, ज्योति कभी एक तरफ बर्तन रखती, तो कभी दूसरी ओर… न तो बारिश रूक रही थी और न ही उसके पास और बर्तन बचे थे, जिसे वो टपकते हुए पानी के नीचे लगा दे। हे भगवान! अब तो रहम करो, कब तक बरसोगे। ऐसा लग रहा हैं … Read more

वचन – करुणा मलिक : Moral Stories in Hindi

बेटा ! अब इस घर में तुम्हारे लिए बचा ही क्या है जो तुम अंतिम हवन के बाद यहीं रहना चाहती हो ? अजित के कारण ही तो तुम्हारा संबंध था इन सब से ….. मम्मी प्लीज़, धीरे बोलिए….अगर माँ या बाबा ने सुन लिया तो उनके दिल पर क्या बीतेगी? ये बात सही है … Read more

ननकी बुआ और उनका पर्स – संध्या त्रिपाठी : Moral Stories in Hindi

मैं पीहू…..आज मैं अपनी ननकी बुआ की बातें आपसे करूंगी …..वैसे तो मेरी दो बुआ है ….बड़की बुआ और ननकी बुआ….. ये बड़की और ननकी बुवाओ के घर के नाम है …..पर इसी नाम से हमारी दोनों बुआ पूरे मोहल्ले में जानी जाती हैं …..हम सब बड़ी बुआ को बड़की बुआ और छोटी बुआ को … Read more

आंसू बन गए मोती – खुशी : Moral Stories in Hindi

रति एक मिडिल क्लास परिवार से ताल्लुक रखती थी। परिवार में मां शांति , पिता श्याम लाल और दो भाई बहन नीता और अनंत ।रति कॉलेज के आखिरी साल में थी उसी के साथ पढ़ने वाले आकाश से उसकी दोस्ती थी।दोनो ही मेघावी छात्र थे।दोनो की बातों का विषय किताबें या समाजिक मुद्दे ही होते। … Read more

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