“अनकहा दर्द” – पूजा शर्मा : Moral Stories in Hindi

मानसी तकिये में सर छुपा कर फूट फूट कर रोने लगी। रोने के सिवाय कर भी क्या सकती थी उसके पास कोई और चारा भी नहीं था।? रोहन कह रहा था।मम्मी आपके बिना मुझे कुछ अच्छा नहीं लगता कल आप चली जाओगी, बोलो ना फिरकब आओगी, मेरा यहां बिल्कुल मन नहीं लगताऔर वह कहते कहते … Read more

स्वप्नों के ताने बाने – लतिका श्रीवास्तव : Moral Stories in Hindi

आज मां से सारी बात साफ साफ कह दूंगा ।कह दूंगा मैंने पढ़ाई अच्छे से नहीं की।कह दूंगा कि पिछले सेमेस्टर में दो पेपर में मेरा बैक लग गया है।कह दूंगा कि आप लोग जो रुपए मेरी एक्स्ट्रा कोचिंग की फीस के लिए भेजते थे उन रुपयों से मै दोस्तों के साथ पार्टी करता था… … Read more

खामोशी और खालीपन – स्वाती जितेश राठी : Moral Stories in Hindi

स्नेह अपना बैग पैक करो   तुम्हें अभी रात की ट्रेन  से इन्दौर निकलना है। अरे !पर ऐसे अचानक क्यों ? सब ठीक है ना वहाँ? स्नेह का मन अनजानी आशंका से काँपने लगा था। देखो यहाँ बैठो और आराम से  मेरी बात सुनो !   पापा को एडमिट  किया था  हास्पिटल  में एक हफ्ते … Read more

असली मुजरिम – करुणा मलिक : Moral Stories in Hindi

श्रुति! तुमने बहुत दिनों से लौकी के कोफ़्ते नहीं बनाए , इस संडे बना लो …मैं लौकी घिसने में मदद कर दूँगा ।  श्रुति ने पति वैभव की बात का कोई जवाब नहीं दिया और वह सोने के कमरे में चली गई । उसने अलमारी से कंबल निकाला । वैसे रसोई का काम करते समय … Read more

मैं ऐसी क्यों हूं? – मनीषा सिंह : Moral Stories in Hindi

“कब तक चुप रहूं “क्या मुझे बोलना चाहिए•••? पिछले 10 सालों से मेरी जुबान बोलने से लड़खारती रही•• ना मैंने अपना दर्द  किसी को बताया और ना ही कभी किसी ने मुझसे पूछा•••! २२ साल की काव्या उदास सी कमरे में  चहल कदमी रही थी।  #अनकहा दर्द उसके चेहरे पर साफ झलक रहा था।  बड़ी … Read more

अपवित्र कौन ? – संगीता अग्रवाल : Moral Stories in Hindi

” हेलो सौरभ और तान्या इनसे मिलिए मेरी वाइफ चेताली !” ऑफिस की पार्टी मे सौरभ के साथ काम करने वाले उसके दोस्त रोहन ने अपनी पत्नी से परिचय करवाया। तान्या ने चेताली को गले लगा लिया। ” हेलो भाभी आपसे मिलकर अच्छा लगा !” सौरभ चेताली से बोला।  सब लोग पार्टी मे एन्जॉय कर … Read more

नई रोशनी – सुनीता माथुर : Moral Stories in Hindi

तेजस्विनी हमेशा खुश रहती थी और कोशिश करती थी सभी उसकी बातों से खुश रहें लेकिन “जो दर्द उसने अपने अंदर छुपा रखा था वह किसी से नहीं कह पाती थी”  इस “अन कहे दर्द” को कुछ लोग भांप भी लेते थे बोलते थे क्या बात है आप इतनी खुश तो दिखती हैं, पर—– कहीं … Read more

मातृत्व सुख – निशा जैन : Moral Stories in Hindi

आज अन्वी फिर से उदास थी। वो जब भी बाहर पार्क से आती है , उसका यही हाल होता है।एक अनकहा दर्द उसे अंदर ही अंदर खाए जा रहा था। वो किसी से कुछ न कहती पर प्रीत उसका पति उसके चेहरे को देखकर ही समझ जाता कि आज कुछ हुआ है और आज भी … Read more

खिलाड़ी – संगीता त्रिपाठी : Moral Stories in Hindi

  “कहाँ पर वर्क कर रही हो..,मतलब किस कंपनी में…..”नितिन के फ्रेंड अमित ने पूछा, तो लतिका की आँखों में एक अनकहा दर्द उभर आया, लेकिन अपने को संभाल कर मुस्कुरा कर बोली “कहीं नहीं….”…।.रसोई में आ आँखों के किनारे लटके उस बूंद को साफ कर ली, जो अक्सर उसकी आँखों के कोर पर लटक आते.., … Read more

माँ की ढाल – रश्मि श्रीवास्तव शफ़क़ : Moral Stories in Hindi

मीरा बालकनी में खड़ी बारिश की बूंदों को निहार रही थी और मन में कहीं घनी बारिश का शोर था।अबतक बस सहते चले आना का दर्द इस कदर भर गया था कि कब आँसू छलक कर बहने लगे थे,उसे पता भी नहीं चला अचानक कंधे पर एक स्पर्श पाकर वह चौंकी और सामने अपनी पुरानी … Read more

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