हमसफर – साक्षी तिवारी : Moral Stories in Hindi

सौंदर्या सकुचाई सी आईने के सामने बैठी थी । बगल में रखी लाल रंग की बनारसी साड़ी जैसे उसे मुंह चिढ़ा रही  थी ।  “ये अचानक क्या सूझी सुदीप को । शादी के तीन साल बाद रिसेप्शन ? आखिर इसकी जरूरत क्या थी?” वो परेशान सी बोले जा रही थी। तभी दरवाजा खुला और सुदीप … Read more

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