कर्जलक्ष्मी – रीमा महेंद्र ठाकुर : Moral Stories in Hindi

बेटी हुई है””! हा तो क्या हुआ जच्चा बच्चा ,दोनों स्वस्थ है ,ये क्या कम है””! लक्ष्मी आयी है आपके घर””नेग तो लेकर जाऐगी”! हाथ नचाते हुऐ ,वृन्नला बोली”! देख वृन्नला, कहने को तो लोग बोल देते है की लक्ष्मी आयी है,पर जब यही बेटियां विवाह योग्य होती है,तो मां बाप के लिऐ कर्ज बन … Read more

!! मै नही चाहती !! – रीमा महेंद्र ठाकुर : Moral Stories in Hindi

सखियों तुम सबको आना है ,आज मेरी ,बेटी कलिन्दी  की सगाई है,कोई भी मना मत करना “”” आना  ,सभी मांसी मां को आना है,,,मोबाइल  पर गुरूप मे  वीको मैसेज  पढकर ,गुरूप के सभी ,सदस्य  ,सकते मे थे! य  ये अचानक, निशा को ,कलिन्दी के विवाह की जरूरत  कैसे आन पडी,,, ये बहन ,छोरी अच्छी भली … Read more

आज का परिवेश” – रीमा महेन्द्र ठाकुर : Moral Stories in Hindi

गौरी उठ जा बेटा “” समय देख”””ग्यारह पच्चीस हो गये! पापा आते ही होगें”””” मम्मी जी उठती हूं,बस पांच मिनट “”” उठ जा बेटा लोग क्या कहेंगें””” अरे””””कहने दो””” गौरी ने वापस कम्बल पैर से सिर तक खीच लिया “”” अब गार्गी क्या करे,लड्डू गोपाल को पहले भोग लगाये,या पति के भोग की तैयारी करे”””” … Read more

आस्तित्व – रीमा महेंद्र ठाकुर : Moral Stories in Hindi

रोज रोज की चिक चिक से तंग आ गयी हूं”!” आखिर गरिमा ने मौन तोड दिया !” क्यूँ क्या हुआ “? पति विशाल ने पूछ ही लिया!” आखिर क्या मिलता है ,हर दिन नया षडयंत्र रचकर”! गरिमा देखो ,अपने मन की गलतफहमी दूर कर लो ,ऐसा कुछ नही है””!परिवार  मे ऐसी छोटी छोटी बाते होती … Read more

देवकन्या (भाग-23) – रीमा महेन्द्र ठाकुर : Moral stories in hindi

जिज्ञासा “””” इनको सुनकर पवन के दबाब से् दृव एंव पदार्थों मे घर्षण होती है,जिससे स्वर निकलता है, जो स्वाभाविक क्रिया है”परन्तु अर्थहीन होते है ये स्वर”जिनका कोई सार नही”””पुत्री परन्तु बाबा”””‘ इनको सुनकर ऐसे मन उद्देलित होता है,जैसे पग मे  कुछ बांधकर  दौड जाऊं”और उससे कुछ ऐसा स्वर झकृत हो ,जैसा स्वर  इस घर्षण … Read more

देवकन्या (भाग-22) – रीमा महेन्द्र ठाकुर : Moral stories in hindi

सोलहा कलाओं की कन्या  का रहस्य “”” कंधे पर स्वेतम्बर की झोली”उसमे हृदय के समीप दक्षांक  को टुकुर टुकुर देखती अमरा   को लिऐ”आंगन मे प्रवेश  करते है! लकडियो का बोझ  धरा पर पटकते हुऐ”झोली मे झांक कर पुत्री की ओर देखते है”””दृष्टि डालते ही सारी थकान मिट जाती है”” गमछे से पसीना पोछकर पुत्री … Read more

देवकन्या (भाग-21) – रीमा महेन्द्र ठाकुर : Moral stories in hindi

मामत्व का त्याग- *************  देवी चन्द्रबाला के नेत्रों  से ममता द्रव की भांति  निरंतर बह रही थी! दक्षांक ने प्रश्नवाचक दृष्टि से देखा””” फिर दूसरी ओर मुहं करके हाथ जोड लिऐ “”” भगवन्  “”” क्षमा –पित्रवात्सल्य  के कारण””कही मुझ अधर्मी से अपराध तो नही हो गया! भगवन्  महावीर वात्सल्य वस्तु मुस्कुराते  हुऐ, देवी चन्द्रबाला पर … Read more

देवकन्या (भाग-20) – रीमा महेन्द्र ठाकुर : Moral stories in hindi

वैराग्य – ******”” मैने लडखडाते कदमों से ,मठ मे प्रवेश किया””” वहा काफी भीड थी””””” सभी मुझे आश्चर्य  से देख रहे थे”””” अचानक  से सबकी आवाजे एकसार  हो कर ,मेरे कानों मे गूजंने लगी” और मै अचेत हो गयी!!!!! जब आंख खुली तो मैने देखा सामने,भगवान महावीर ध्यानमुद्रा मे तल्लीन  थी””””मै उठकर उनके चरणो मे … Read more

देवकन्या (भाग-19) – रीमा महेन्द्र ठाकुर : Moral stories in hindi

अधिकार “” ********” कौशम्बी नरेश”””” क् क्या “”” मै “”” इतनी बडी भूल”””कैसे “”” अब क्या करूं तरूणी,तू ही बता”””मेरे अश्रु बह निकले””” राजकुमारी””” धैर्य रखो”””कुछ सोचने दो””” राजकुमारी”””  हम उनके अधीन है,वो हमारा हर तरह से उपभोग कर सकते है,,,बस अब आपको कुछ दिन धैर्य रखना होगा! रात्रि फिर आयी”””मै क्रोध मे थी””” वो … Read more

देवकन्या (भाग-18) – रीमा महेन्द्र ठाकुर : Moral stories in hindi

(देवकन्या अनमोल कृति) अभ्यास “”” ******* कौन था ये मित्र “””‘ मुझे नही पता “”” तो पता करो, एक सैनिक ने आकर हर्षदेव को सावधान किया””” कुंवर हर्षदेव  आप मेरे मित्र  है, अभी आप देवी देवकन्या  के साथ  प्रस्थान  करे””” कुछ नवयुवक तरूण इधर ही आ रहे है”””” वो मद्यपान  पीकर धुत है ,,,बेवजह ही … Read more

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