भई वाह !! परिवार हो तो ऐसा  – मीनाक्षी सिंह : i Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi : मधू जी – अरे सुनते हो ,,बहू को दर्द शुरू हो गए हैं ,,आकाश को फ़ोन कर दो ,,जल्दी आ जाये ! तब तक हम गाड़ी से अस्पताल पहुंचते हैं !  कैलाश जी – हाँ हाँ ,,ठीक हैं ,,तुम बहू को संभालों ,,मै गाड़ी निकालता हूँ ! समीर ( कैलाश … Read more

अगर अब हाथ उठाया तो मुझसे बुरा कोई नहीं  – मीनाक्षी सिंह : Moral Stories in Hindi

 Moral Stories in Hindi : शालू -क्यूँ मार रहे हो मुझे ,,बच्चें देख रहे हैं ,,आखिर मेरी क्या गलती हैं जो रोज शाम को मुझ पर जानवरों की तरह टूट पड़ते हो ! पत्नी हूँ तुम्हारी ! ये बच्चें ना होते तो कबका छोड़कर चली जाती तुझ जैसे घटिया इंसान को ! खबरदार अगर अब … Read more

मेरे मकान मालिक का अपनापन – मीनाक्षी सिंह

उन दिनों मैं कृष्ण की नगरी मथुरा रहा करती थी ! मकान मालिक जाति से भारद्वाज थे ! और बहुत ही सम्पन्न थे ! पंडितों का घर था ! खूब पूजा पाठ होती थी ! मैं केन्द्रिय विद्यालय में शिक्षिका थी ! मेरा आठवां महीना चल रहा था ! पतिदेव दिल्ली नौकरी करते थे ! … Read more

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