बीमार होने से किसी को फर्क नही पड़ता है – माधुरी गुप्ता : Moral stories in hindi

चालीस नम्बर की कोठी से निकल कर सोमा ने पचास नम्बर की कोठी की तरफ रूख किया,मन तो कर रहा था कि घर बापिस जाकर आराम करे बुखार से पूरा वदन दर्द कर रहा था।फिर सोचा हम गरीब कामबालों की यही मजबूरी है।तन साथ न दे तब भी काम करना पड़ता है,नहीं तो कोठी की … Read more

अपने अपने फ़ैसले – माधुरी गुप्ता : Moral stories in hindi

आज सुबह की सैर कुछ अधिक होने के कारण मनोहर लाल कुछ थकान सीं महसूस कर रहे थे।पेपर पढ़ने बैठे तो झपकी सी आगई,जिसके कारण मेज़ पर रखा पानी का गिलास गिर गया।कुछ गिरने कीआवाज़ सुन कर माया रसोईघर से दौड़ती सी आई।पानी का गिलास गिरा देख कर समझ गई कि आज फिर,उसके पति लम्बी … Read more

एक नयी शुरूआत – माधुरी गुप्ता : Moral stories in hindi

दिवाकर जी ने एक बार फिर करवट बदली,और सोने की कोशिश थी,लेकिन उनकी कोशिश पूरी तरह से नाकाम रही,लेकिन देखा जाय तो बिस्तर पर लेटे लेटे वे पूरी रात करबटें ही तो बदलते रहे थे. नींद उनसे किसी जिद्दी बच्चे की तरह रूंठी हुई थी .समझ नही पा रहे थे कि नींद न आने का … Read more

मेरी ख़ुशी मेरा अधिकार –   माधुरी गुप्ता : Moral stories in hindi

अजय ,विजय पूरे दो साल बाद अपने माँ बाप से मिलने मुंबई से आये थे।जब से दोनों भाइयों की नौकरी मुंबई में लगी थी,माँ बाप से मिलने का टाइम मिल ही नहीं पाता थ। रेबती व सुधाकर उनके मां बाप थेजो गांव में रहते थे। गाँव में अपनी ज़मीन थी,खेतीबाड़ी करके दोनों का गुज़ारा बहुत … Read more

पिघलते दायरे – माधुरी गुप्ता: Moral stories in hindi

 पर्दे की झिरी में से आती हुई धूप जैसे ही नंदिनी के चेहरे पर पड़ी वह अचकचा कर उठ बैठी ,पलटकर देखा राजीव नींद मैं बे सुध सो रहे थे रात को देर हो जाने के कारण उसी सिल्क के कुर्ते में ही सो गये थे जो शादी केसमय पहना था। उठकर कमरे से कमरे … Read more

बंटवारा – माधुरी गुप्ता : Moral stories in hindi

राधा जी की दो बहुऐ हैं-एक का नाम नदंनी व दूसरी का नाम मंदाकिनी,जिसे वे प्यार से मंदा पुकारती हैं। राधा जी ने अपनी दोनो बहुओं के काम का बंटवारा कर रखा है।सुबह का नाश्ता व लंच मंदा बनाती है,तो शाम की चाय व खाना नंदंनी देखती है। इससे सारे काम सुरूचिपूर्ण ढंग से निपट … Read more

समझदार सास – माधुरी गुप्ता  : Moral stories in hindi

रिचा ओ रिचा कहां हो,की गुहार लगाता रिषि जव घर में घुसा तो उसकी मां ने कहा, क्या बात है क्यों जान हलकान कर रहा है रिचा के लिए। और तू आज ऑफिस से जल्दी कैसे आ गया?तेरी तबियत तो ठीक है न? नहीं मां मेरी तबियत एकदम ठीक है परन्तु रिचा कहीं दिखाई नही … Read more

पसंद नापसंद की – माधुरी गुप्ता : Moral stories in hindi

रीना ओ रीना बड़ी अच्छी खुशबू आ रही हैं तेरे घर से ,कयाआज फिर तू मठरियां बनाने बैठ गई,येआबाज रीना की सहेली रेखा की थी।कया करू रेखा आज आफिस जाते समय इनकी फरमाइश थी कि जब शाम को घर लौटूं तो चाय के साथ गरमागरम मठरिया बना घर रखना।बस भाईसाहब ने कहा और तू जुट … Read more

अहमियत – मनीषा सिंह  : Moral stories in hindi

नैना आज बहुत खुश थी! क्योंकि कल अमेरिका से उसके पिताजी के  खास दोस्त जो आने वाले थे। घर में उनके आने की पूरी तैयारी जोर-शोर से हो रही थी!” रमेश जी जो नैना के पिता थे उन्होंने अपनी पत्नी रमाजी से कहा अजी सुनती हो! अजीत को छोले भटूरे बहुत पसंद है कल का … Read more

धोखा – माधुरी गुप्ता  : Moral stories in hindi

जैसे ही पूनम की मां मालती ने करबट बदली,पूनम चुपके से उठी और मां के तकिए के नीचे से चाबी का गुच्छा निकाला,#गिन गिन कर पांव रखते हुए कमरे के कोने में रखी अलमारी को खोला,उसमें रखे हुए कीमती जेवर व कैश अपने बैग में रखा और चुपके से  घर का दरबाजा धीरे से बन्द … Read more

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