औरत – मनवीन कौर

——-

“बेटी हो गई ? मुझे तो पहले ही पता था ।उड़ाने भर रही थी , इसके लच्छ्न तो पहले ही नज़र आ रहे थे ।सास बुदबुदा रही थी ।”पति ने लम्बी साँस भरी  और गाड़ी उठा कर चल दिया ।

सी सेक्शन होने के बाद वह बेहोशी की हालत में थी । होश आने पर उसने पाया कि घर से सास- ससुर , नंद – देवर  कोई भी उसके पास नहीं था । उसकी  आँखें अपने पति को खोज रही थीं ।तभी नर्स ने आकर बताया,” बेटी हुई है ।अभी उसे लेकर आती हूँ ।’उसने पूछा ,”मेरे पति कहाँ हैं,प्लीज़ उन्हें बुला दीजिए ।”

“ आपके पति ?वह तो डिलीवरी के थोड़ी देर बाद ही यहाँ से चले गए थे ।” नर्स ने बताया ।

“घर से और कोई है ।”उसने पूछा ।

“नहीं अभी तक तो कोई नहीं आया ।”कह कर वह बाहर चली गई ।

उसकी निगाह घड़ी पर गई 11 बज कर 20 मिनट ।तभी नर्स एक छोटी सी प्यारी सी बच्ची को लेकर दाखिल हुई ।उसे देखते ही उसका सारा दुःख , सारा ग़ुस्सा ना जाने कहाँ ग़ायब हो गया ।वह  उठाने को हुई ।”आप लेटी रहें ।मैं इसे आपके पास ही लिटा देती हूँ ।”कहते हुए नर्स ने उस नन्ही सी जान को उसके बाजू में लिटा दिया ।छोटी सी गुड़िया आँखें और मुट्ठियाँ बंद कर किसी सुहाने स्वप्न में मग्न थी ।उसके नर्म हाथों को चूमते हुए उसकी आँखों से ख़ुशी के आंसू छलक उठे ।डॉक्टर ने उसे लेटे  रहने की हिदायत दी थी ।उसे दवा देकर नर्स ने बच्ची को अपनी गोद में लिटा लिया और छोटी सी बोतल से दूध पिलाने लगी ।


उसका मन भर आया । अभी तक घर से कोई नहीं आया था ।12 बजे के क़रीब डॉक्टर राउंड  पर आ गई ।कहने लगी ,”ऑपरेशन के समय भी बार -बार यही पूछ रही थी बेटा हुआ कि बेटी ।देखो कितनी प्यारी गुड़िया आयी है , बेबी टीना।”

“मेरे पति कहाँ हैं  डॉक्टर ।”उसने पूछा ।

“हाँ , हाँ इन्फ़ोर्म कर दिया है कि तुम्हें होश आ गया है ।अभी आते ही होंगे ।”

क़रीब एक बजे पति देव सासु माँ के साथ खाने का डिब्बा लेकर आये ।

उसने  रूआसी  होकर पति से पूछा ,”आप कहाँ चले गए थे मुझे अकेला छोड़ कर ।”

“अकेली कहाँ है ?सभी तो हैं यहाँ ,डॉक्टर , नर्स ,कितने लोग हैं यहाँ ।” सासु माँ  तपाक से बोल पड़ीं ।”बेटियाँ पहले कम थीं घर में ,जो एक ओर आ गयी ।”सासु ने बच्ची को बिना हाथ लगाए उसकी तरफ़ आँखें तरेरते हुए कहा ।

पास खड़ी नर्स सब तमाशा देख रही थी ।ग़ुस्से में बोली ,”माफ़ करना जी , औरत तो कोरी ज़मीन होती है ,जैसा बीज डालोगे वैसा ही फल मिलेगा ।लड़की होने में माँ का क्या दोष ।”सुन कर वहाँ सन्नाटा छा गया ।

उसने अपने पति की तरफ़ देखा । वह सिर झुका कर किसी सोच में डूबे हुए थे ।बोले ,”तुम्हारी मम्मी को फ़ोन कर दिया है , वह कल आ जाएँगी ।”कह कर उठ खड़े हुए और बाहर चले गए ।सासु माँ भी उनके पीछे  हो लीं।

मनवीन कौर

30/6/22

औरंगाबाद (महाराष्ट्र )

1 thought on “औरत – मनवीन कौर”

  1. Mere sath bilkul yahi hua tha aaj meri beti 22 sal ki hai aur muze uske sath sabse jyda safe lagta hai aur jab wo apni bullet lekar niklti hai to sab dekhte rah jate hai l am proud of my daughter 😘

    Reply

Leave a Comment

error: Content is Copyright protected !!