बेरहम – पूनम चंदवानी । Moral stories in hindi

निधि कई दिनों से देख रही थी …….. घर के पास वाले  पार्क में….

एक बुजुर्ग औरत तपती धूप में…. कभी घूमती रहती तो कभी पेड के नीचे…. बैठ जाती !!!

जब भूख लगती तो आसपास के घरों से कुछ मांग लेती….

शाम को बच्चे जब फुटबॉल ….खेलते तो वो उन्हें देखती रहती……

निधि शाम को वॉक करने आई तो कुछ खाने का सामान…….. उस औरत के लिए लेकर आई

निधि ने जब उससे सामान दिया तो उसकी आंखों में चमक आ गई शायद उसे भूख थी इसलिए बेसब्री से खाने लगी…….

निधि को सुकून मिला…. उसके मन में उत्सुकता थी…

अम्मा आप कहां रहते हो इससे पहले तो मैंने आपको नहीं देखा……?

क्या आपका घर यहां आसपास है??

उसने कोई जवाब नहीं दिया लेकिन दर्द की लकीरें उसके चेहरे पर झलक रही थी ……आंखों में नमी थी!!

फिर सहम कर उसने कहा मेरा कोई घर नहीं है….. !!!

फिर आप कहां पर रहते हो??

क्या……आपके बच्चे नहीं है???

अगर आपको कोई परेशानी है तो मुझे बताइए हो सकता है मैं आपकी कुछ मदद करूं !!

उसने कुछ नहीं कहा…..,!!

तभी बॉल उसके पांव में लगी…..

बच्चे दौड़ कर के पास आए और बॉल ….मांगने लगे …..

उसने दोनों हाथों से उस बॉल को पकड़ लिया… नहीं मैं इसे नहीं दूंगी यह मेरे केशव की बॉल है अगर मैंने बॉल  दी तो वह मुझे मारेगा घर से निकाल देगा…

आंटी प्लीज आप हमें हमारी बॉल दिला दो हमें खेलना है!!!

मैंने बड़ी मुश्किल से उन्हें समझा कर बॉल ली…..

दूसरे की पल मौसम बिगड़ गया मानसून की पहली बरसात ने दस्तक दे दी बरसात बड़ी तेजी से शुरू हुई….!!

बच्चे अपने घर की तरफ दौड़े मैं भी जाने लगी अम्मा वहां पर ही कहीं बारिश से बचने की जगह ढूंढने लगी ,।।

मैंने अपने बढ़ते हुए कदमों को रोका मैं उसके पास  गई और उससे अपने साथ घर लेकर आ गई मैंने उससे टावल दिया उसके कपड़े भी गीले हो चुके थे ….एक साड़ी भी मैंने उससे दी .

चाय का कप उसे पकड़ आते हुए …… अम्मा मौसम बिगड़ गया है अगर आपका घर आसपास है तो मैं आपको घर छोड़ा हाउ

इस बारिश में आप कहां रहोगे उसने मेरे पांव पकड़ लिए और कहां नहीं मैं घर जाना नहीं चाहती.. मुझे मेरे घर नहीं जाना लेकिन क्यों अम्मा …….

क्योंकि मेरा बेटा बड़ा बेरहम है …… वो मुझे बहुत मारता है….

लेकिन क्यों??

शायद मेरी ही गलती थी… मैंने उससे कुछ ज्यादा ही लाड प्यार दिया…

उसकी हर ख्वाहिश पूरी की हर काम उससे पूछ कर किया…… 

धीरे धीरे घर में उसकी हुकूमत चलने लगी उसकी संगति गलत लोगों से थी !!

शराब पीना जुआ करना लड़कियों के पीछे भागना ….. सारी गलत आदतें उसमें थी….

मैं मेहनत करके घर चलाती… उसे पढ़ा रही थी लेकिन उसने अपनी पढ़ाई छोड़कर सारा..

दिन यार दोस्तों के पीछे भागना और जब मैंने उसका विरोध किया तो मुझे गालियां देता… मेरे पर गंदे आरोप … लगाता धीरे धीरे हाथ उठाने लगा….. अब तो मैं उसको देख कर भी डर जाति हूं…. मैं बरसात में रह लूंगी धूप सह लूंगी लेकिन उसके साथ नहीं रहना चाहती….।।

तुम उस के खिलाफ  रिपोर्ट  क्यों नहीं करवाती क्या करूं बीबीजी मां हूं ना उसकी मार सहकर भी मेरा कलेजा यह नहीं देख सकता कि कोई उसे मारे ….।।

आज तक मैं भगवान से रोज यह दुआ मांगती थी कि मुझे एक औलाद हो …।।

शादी के 10 साल बाद भी मैं मां नहीं बनी थी लेकिन आज इस अम्मा की कहानी सुनकर मैं सोचने पर मजबूर हो गई…।।

एक मां सारी दुनिया से अपने बच्चों के लिए लड़ जाती हैं … अपनी भूख प्यास नींद सपने सब कुछ कुर्बान कर देती हैं।।

अपना अस्तित्व खो देती हैं

उसके बाद भी अगर बच्चे मां को इस तरह अपमानित करें तो…. मां तो उसे माफ कर देगी लेकिन भगवान उसे माफ नहीं कर सकते

1 thought on “बेरहम – पूनम चंदवानी । Moral stories in hindi”

  1. About ye har ghar ki kahani ban GAYI hai. Shocked and Deeply pained when I come to know that parents are being treated in such a way by their children who after having snatched the movable/ immovable property throw their parents in the streets

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