जिंदगी के सफ़र में – अमित भिमटे

“रीना जल्दी आओ अपनी पसंद का गाना आ रहा है….. टीवी पर” राजीव ने किचन में काम कर रही उसकी पत्नी रीना से कहा। टीवी पर ” जिंदगी के सफ़र में गुजर जाते हैं जो मुक़ाम वो फिर नही आते ….!” गाना आ रहा था,  रीना किचन से ही बोली” तुम सुनो राजीव, थोड़ा साउंड बढ़ा दो”। ये गाना रीना और राजीव दोनो को ही बहुत पसंद  था।

     रीना और राजीव थोड़ी देर पहले ही अपनी 9 वर्षीय बेटी ” निकिता” को अपनी बुआ के घर छोड़ कर आ रहे थे, पहली बार वो मम्मी पापा को छोड़ कर बुआ के यहां रुक रही थी।  “अरे रीना आओ ना, किचन का काम बाद में कर लेना…! ” फिर से राजीव बोला। रीना ने अनसुना कर दिया, राजीव गया और  रीना का हाथ खींच कर बेड रूम में ले आया, रीना बोली ” अरे…! ये क्या कर रहे हो…!”

     राजीव बोला “ये गाना हम दोनो का ही फेवरेट गाना है, हम् दोनो ही अपनी जिंदगी में गुजर गए समय को बहुत मिस करते हैं, अपने बचपन, कॉलेज लाइफ, शादी के पहले और शादी के बाद बिताया गया समय…!” अब में तुम्हे एक और गाना सुनाता हूं, राजीव ने टीवी का वॉल्यूम बढ़ाया, टीवी पर गाना चल रहा था

  ” आने वाला पल जाने वाला है, हो सके तो इसमें जिंदगी बिता दो, पल ये जो जाने वाला है”  रीना के चेहरे पर भी मुस्कान आ गई, राजीव खड़ा हुआ और रीना से बोला “निकिता के आने के बाद इतनी जिम्मेदारियां आ गई है, की  हम अपनी जिंदगी जीना ही भूल गए हैं, चलो आज हम फिर से वो ही पुरानी वाली जिंदगी जिएंगे”। राजीव  रीना का हाथ पकड़ कर बाहर ले जाने लगा।

     रीना बोली “अरे रुको तो, गैस पर…..” कुछ बोलने से पहले ही राजीव ने गैस का नॉब बंद कर दिया, और रीना को ले कर बाहर की और जाने लगा, रीना ने कार की चाबी ली, पर राजीव ने कार की चाबी रख बाइक की चाबी उठा ली।

   ” अरे ये क्या बाइक की चाबी क्यों ली….? में बाइक पर अब नहीं बैठ पाऊंगी ” रीना ने कहा।  राजीव ने अपनी पहली बाइक को बहुत संभाल कर, रखा था, राजीव को अपनी यह  बाइक बहुत पसंद थी।


     राजीव ने रीना को अनसुना कर उसे  को बाहर ले गया, और बाइक को स्टार्ट कर खींच कर रीना को पीछे बैठा लिया, रीना ने जोर से राजीव को पकड़ लिया। थोड़ी देर में, बाइक हवा से बात कर रही थी।

    “पर हम जा कहां रहे हैं….” रीना ने पूछा…! राजीव ने कहा ” अभी थोड़ी देर में पता चल जायेगा” थोड़ी ही देर में शहर से थोड़ी दूर स्थित एक रेस्टोरेंट में राजीव ने बाइक रोकी और मुस्कुराते हुए रीना को देखा।

      रीना के चेहरे पर भी मुस्कुराहट फैल गई। रेस्टोरेंट के बाहर गार्डन में रीना को बैठा कर राजीव ऑर्डर देने अंदर गया, फिर आ कर रीना के बाजू में आ कर बैठ गया, रीना से राजीव को देख बोली ” आज इतने सालों बाद इस रेस्टोरेंट में आ कर कितना अच्छा लग रहा है, शादी के पहले हम कई बार इस  रेस्टोरेंट में  आए हैं”।

    राजीव बोला ” तभी तो आज में तुम्हे यहां लाया हूं।” थोड़ी देर बाद वेटर ऑर्डर ले कर आता है, टेबल पर रखे हार्ट के आकार के वेज कटलेट, और कम शक्कर वाली स्ट्रॉन्ग चाय को देख रीना के आंखों में आसूं आ गए, शादी से पहले जब भी वो इस रेस्टोरेंट में आते थे तो ये ही उनका फेवरेट नाश्ता होता था।

     राजीव ने भी प्यार से रीना को देखा  और दोनो चाय पीने लगे। थोड़ी देर बाद दोनो बाइक से वापस जाने लगे, रीना बोली ” थैंक यू राजीव मुझे उन हसीन लम्हों में  फिर से ले जाने के लिए….” राजीव ने बाइक चलाते हुए रीना का हाथ अपने हाथ में ली लिए और वो बोला ” याद है, इसी बाइक पर हम यहां आते थे…!”

      राजीव ने शहर के बीच स्थित एक काली मंदिर में अपनी बाइक रोकी। रीना के आंखों में आश्चर्य और प्यार से मिश्रित भाव तैर रहे थे।

       राजीव और रीना दोनो अंदर गए और श्रद्धा से सिर झुका कर काली जी के आगे खड़े हों गए, राजीव ने रीना से पूछा एक बार फिर फेरे हो जाएं….?

     रीना धीरे से मुस्कुराई। फिर काली जी की मूर्ति के चारों ओर उन्होंने सात परिक्रमा की, ठीक उसी तरह जो उन्होंने शादी से पहले उसी काली जी मूर्ति और जलते हुए दिए के चारों ओर की थी।

     इतने दिनो के शादी से पहले राजीव के साथ बिताए उन पलों को फिर से जी कर रीना की आंखों में आसूं आ गए, राजीव भी बहुत खुश था। थोड़ी देर बाद दोनो बाइक से घर वापस जा रहे थे और राजीव एक गाना गा रहा था ” जिंदगी एक सफर है सुहाना, यहां कल क्या हो किसने जाना..…..!” और रीना आंख बंद कर राजीव की पीठ पर सर रख कर मंद मंद  मुस्कुरा रही थी।

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