ज़लील होना – मंजू ओमर : Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi : रिया को आज लड़के वाले देखने आए थे उन्हें रिया पसंद आ गई थी। शादी के लिए हां करने के बाद लड़के की मां ने रिया को सोने की चेन पहना दी , सभी बहुत खुश थे लड़का डाक्टर था लेकिन थोड़ा हेल्दी था वैसे तो रिया भी थोड़ी मोटी थी ।35 को पार कर गई थी रिया और लड़का भी 38 का था ।

कुछ समय से रिया की शादी के लिए पापा महेश और मम्मी राधा बराबर कोशिश कर रहे थे लेकिन सफलता नहीं मिल रही थी । लेकिन अब सबकुछ ठीक होने पर महेश और राधा बहुत खुश थे ।दो महीने बाद की शादी की तारीख रखी जा रही थी सभी के खुशी का ठिकाना नहीं था।

                  शादी तय होने के एक हफ्ते बाद मेरी राधा से मुलाकात हुई तो मैंने बधाई दी , बहुत बहुत बधाई हो राधा जी बेटी की शादी तय हो गई बहुत समय से आप परेशान हो रही थी चलो अच्छा हुआं। इतना सुनते ही राधा फूट फूटकर रोने लगी मैंने पूछा अरे क्या हो गया ऐसे खुशी के मौके पर आप रो रही है । राधा कुछ बोल नहीं पा रही थी साथ में खड़ी देवरानी ने बताया अरे कहां भाभी जी रिया ने तो छ

ज़लील करके सबको रख दिया हमने पूछा क्या बात हो गई मैंने पूछा क्या हो गया तो वो बोली रिया घर से भाग गई और शादी कर ली क्या,,,,,,,,,,,।

             फिर क्या था मां बाप मुंह दिखाने लायक नहीं रहे किसी को क्या जवाब दे घर में ही मुंह छिपाकर बैठ गए । बेटी ऐसा कदम उठाएगी सोंचा नहीं था ।असल में रिया का ये किस्सा दो तीन सालों से चल रहा था ।एक इलेक्ट्रिशियन था जो घर पर बिजली का काम करने आता था पता नहीं कब दोनों की आंखें चार हुई और बात यहां तक पहुंच गई ।

रिया भी पढ़ी लिखी थी एम काम किया था और किसी कान्वेंट स्कूल में टीचर थी। घर में थोड़ी भंनक तो थी इस बात की लेकिन थोड़ी डांट डपट करके मामला रफा-दफा कर दिया गया था। लेकिन मामला रफा-दफा कहा हुआ था रिया का उस शख्स से बराबर मिलना जुलना था ।और तो और दोनों ने चुपके से कोर्ट मैरिज भी कर ली थी जिसका घर में किसी को पता नहीं था। लेकिन घर में शांति बनी रहे इस लिए रिया ने घर में कुछ नहीं बताया था ।

रिया इस चक्कर में थी कि शायद मम्मी पापा मान जाए । लेकिन जब आज शादी पक्की हो गई तो रिया ने ऐसा कदम उठाया था । रिया घर से कुछ कपड़े और सोने की चेन अंगूठी और कुछ पैसे लेकर आज स्कूटी से स्कूल गई तो फिर लौट कर ही नहीं आई ।जब स्कूल से आने का समय निकल गया तो राधा ने फोन किया कि रिया कहा हो तो रिया ने बताया कि मैं अपने ससुराल में हूं ।अब राधा को कांटों तो खून नहीं ये क्या कर दिया रिया ने । रिया के भाई और पापा रिया के घर गए समझाया बुझाया कि घर चलो लेकिन रिया नहीं मानी और बोली नहीं पापा मैं यही खुश हूं । मैंने कोर्ट मैरिज कर ली है।अपना सा मुंह लेकर महेश जी और उनका बेटा घर वापस आ गए।

                     इधर लड़के वाले बराबर शादी के सिलसिले में बात करने को महेश जी को फोन कर रहे थे क्या जवाब दे उन्हें आखिर में एक दिन सच बता ही दिया कबतक झूठ बोलते रहेंगे । महेश जी सोंचना लगे डाक्टर लड़का छोड़कर एक इलेक्ट्रिशियन में रिया को पता नहीं क्या दिखा खुद ही अपनी जिंदगी बर्बाद कर ली चलो,,,,,,,,,,,।

महेश और राधा रिया की इस हरकत से इतने ज़लील हुए कि महेश जी ने तो बिस्तर ही पकड़ लिया ।इस बात को आज तीन साल हो गए अब जाकर महेश जी थोड़ा ठीक हो पाए हैं ।एक इज्जतदार आदमी अपनी इज्जत को बहुत डराता है समाज में क्या मुंह दिखाएंगे इस बात से बहुत परेशान रहता है । राधा और महेश जी ने रिया से सारे संबंध तोड़ लिए है ।कैसी है रिया कभी ये भी पता नहीं करते हैं ।जब आपके दिल पर कोई गहरी चोट पहुंचती है तो सारे अहसास खत्म हो जाते हैं । वहीं राधा और महेश जी के साथ हुआं।

मंजू ओमर

झांसी उत्तर प्रदेश

  

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