उसी गलती का तो पश्चाताप है मुझे – बीना शर्मा  : Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi : अस्पताल से छुट्टी मिलने के बाद सुप्रिया अपने कमरे में आराम कर रही थी कुछ दिन पहले ही उसे पैरालाइसिस अटैक पड़ गया था जिसके कारण उसके बेटा- बहू ने उसे समय पर अस्पताल में दाखिल करवा दिया था उचित समय पर उचित इलाज मिलने के कारण उनकी जान तो बच गई थी लेकिन अपने पति की कुछ आदतों को याद करके उसका मन बेहद दुखी था

बेहद खुशहाल परिवार था सुप्रिया का जिसमें वह अपने पति सुमित बेटा राजीव और बहू राधिका के साथ रहती थी पति नौकरी से रिटायर होने के बाद घर पर ही रहते थे राजीव एक मल्टी नेशनल कंपनी में जॉब करता था और राधिका घर पर रहकर घर का काम संभालती थी जिसमें उसकी सास सुप्रिया भी उसका हाथ बटा देती थी जिससे घर का काम जल्दी भी हो जाता था सुप्रिया का वक्त भी आसानी से गुजर जाता था और राधिका को कुछ समय के लिए आराम भी मिल जाता था।

सुप्रिया अपने बेट- बहू के साथ-साथ अपने पति सुमित से भी बहुत प्यार करती थी वे स्वस्थ और तंदुरुस्त रहें इसलिए उनके खान-पान का भी बहुत ध्यान रखती थी यदि कभी वे बीमार हो जाते तो दिन-रात उनकी सेवा करती थी जब तक वो ठीक ना हो जाते हर वक्त साये की तरह उनके पास ही रहती थी और बदले में यही चाहती थी कि उसके पति भी उसकी तरह उसकी परवाह करें परंतु, सुमित बेहद लापरवाह किस्म के आदमी थे

जो कभी-कभी सुप्रिया के साथ बेहद लापरवाही कर जाते थे कभी उसे बुखार आता तो उसे दवाई दिलवाने की बजाय अपने दोस्तों के साथ बाहर घूमने निकल जाते थे तब सुमित उसे डॉक्टर के पास ले जाकर दवाई दिलाता था जिसे खाकर वह ठीक तो हो जाती परंतु, पति का अपने प्रति ऊपेक्षित व्यवहार देखकर दुखी हो जाती थी लेकिन जब बेटा बहू प्यार से उसकी सेवा करते तब वह सब दुख भूल जाती थी।

एक बार रात के समाय जब वह खाना खाकर अपने कमरे में सो रही थी तो उसके सिर में दर्द होने लगा था तब बगैर किसी चेकअप के वह सिर दर्द की गोली खाकर फिर से बिस्तर पर लेट गई थी तब गोली खाकर कुछ देर के लिए तो उसे आराम मिला परंतु, सुबह के 5:00 बजे उसकी तबीयत फिर से खराब होने लगी थी उसके सीने में दर्द हाथ पैरों में ऐंठन और जुबान लड़खडाने लगी थी

तब अपनी खराब हालत देखकर उसने अपनी लड़खडाती जुबान से सुमित को आवाज दी तब सुमित उसकी आवाज सुनकर उठकर उसकी तरफ देखने की बजाए यह कहकर “क्यों परेशान कर रही हो मुझे सोने दो जाओ उठकर तुम अपना काम करो” फिर से सो गया था

तब वह असहाय अवस्था में बेबसी से उसकी तरफ देखकर रोने लगी थी संयोग से उस वक्त राधिका अपने कमरे में से निकलकर नहाने के लिए बाथरूम में जा रही थी कि उसे अपनी सास तिल रोने की की आवाज सुनाई दे गई थी अपनी सास की आवाज सुनकर जब वह उनके कमरे में गई तो सास की खराब हालत देखकर उसने ससुर को जगा कर समय खराब करने की बजाय जल्दी से सुमित को जगाया और तुरंत गाड़ी में बिठाकर अस्पताल ले गई थी इस घटना के थोड़ी देर बाद जब सुमित की आंख खुली तब राजीव के द्वारा जानकारी देने पर वह भी अस्पताल चला गया था।

अस्पताल में डॉक्टर ने सुप्रिया का चेकअप करके बताया कि उसे पैरालाईसिस अटैक पड़ा था जिसके कारण उसकी जबान लड़खड़ाने लगी थी और हाथ पर ऐठने लगे थे उन्होंने सुप्रिया को जल्दी अस्पताल लाने के लिए राजीव और राधिका की प्रशंसा की क्योंकि देर हो जाने पर सूप्रिया की जान भी जा सकती थी डॉक्टर ने सुप्रिया का अच्छी तरह से उपचार किया जिसके कारण कुछ ही दिनों में सुप्रिया ठीक होकर अपने घर आ गई थी

वह कमरे में बैठी हुई सुमित के बारे में सोच रही थी कि तभी सुमित आ गया और सुप्रिया के साथ अपने द्वारा की हुई लापरवाही के लिए खेद व्यक्त करते हुए उसे माफी मांगने लगा तब सुप्रिया दुखी स्वर में बोली” यदि मैं भी आपके साथ ऐसा ही कर देती आपका दुख दूर करने की बजाय गहरी नींद में सोती रहती तो क्या आप मुझे माफ कर देते?

सुप्रिया की बात सुनकर सुमित शर्मिंदा होकर बोला” उसी गलती का तो पश्चाताप है मुझे तुम मुझे दुखी देखकर गहरी नींद से भी उठ जाती थी और मैं तुम्हारे दुख के वक्त मुझे जगाने पर भी गहरी नींद में सोया रहा उसी गलती का प्रायश्चित करने के लिए मैंने तुम्हारी सेवा करने का निर्णय लिया है जब तक तुम पूरी तरह स्वस्थ नहीं होगी मैं तुम्हारे खाने-पीने और दवाई का पूरा ध्यान रखूंगा देखो आज मैं अपने हाथों से तुम्हारे लिए खाना बना कर लाया हूं

प्लीज मुझे माफ कर दो और खाना खाकर दवाई ले लो मैं आज के बाद कभी ऐसी लापरवाही नहीं करूंगा” कहते हुए सूमित ने अपने दोनों हाथ सुप्रिया के सामने जोड़ दिए तो पति से अथाह प्रेम करने वाली सुप्रिया ने यह कहकर “आइंदा से ऐसी लापरवाही मत करना नहीं तो मैं कभी माफ नहीं करूंगी “उसके हाथों को अपने हाथ में लेकर उसे माफ कर दिया था क्योंकि नारी तो होती ही सरल हृदय से परिपूर्ण है जो माफी मांगने पर तुरंत पिघल जाती है फिर प्यार से मुस्कुराते हुए पति के द्वारा बनाया हुआ खाना खाने लगी थी।

पति-पत्नी का रिश्ता प्यार और विश्वास से भरा होता है जो एक दूसरे की सेवा और सहयोग से ही परिपूर्ण होता है इसलिए पति को भी अपनी पत्नी की भावनाओं का सम्मान करना चाहिए दुख के वक्त उसकी मदद करनी चाहिए तभी पति-पत्नी का रिश्ता मधुर और प्रेम भरा होता है एक दूसरे की मदद न करने से तो रिश्तो में कड़वाहट भर जाती है और ये प्यार भरा रिश्ता टूटने की कगार पर पहुंच जाता है।

बीना शर्मा

#पश्चाताप

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